दरभंगा (केवटी): बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दरभंगा दौरे से ठीक पहले मुस्लिम बेदारी कारवां के राष्ट्रीय अध्यक्ष नजरे आलम को उनके आवास से ही केवटी थाना ने हिरासत में ले लिया. केवटी थाना में करीब 8 घण्टे तक उसको हिरासत में रखा गया. इसके बाद उन्हें 4 बजे शाम में छोड़ दिया.
नजरे आलम से सीएम नीतीश के आगमण के विरोध में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. पुलिसिया करवाई पर नजरे आलम ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि हक और इंसाफ की लड़ाई लड़ने का ये मुझे सरकारी इनाम मिला है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सुशासन बाबू को दरभंगा दौरा के नाम से ही नजरे आलम याद आने लगता है. नजरे आलम ने कहा कि मुझे गैरकानूनी ढ़ंग से हिरासत में लिया गया और हमारे फोन को भी गैरकानूनी ढ़ग से टेक्निीकल सेल वालों ने खंगाला है.
सरकारी तंत्र से मैं नहीं डरता
आलम ने कहा की जमाल अतहर रूमी, गंगा देवी, प्रो. उमेश चंद्र, ओम प्रकाश गुप्ता आदि की सरकारी हत्याओं में जबतक उच्चस्तरीय जांच नहीं होगी और मुजरिमों को सजा नहीं मिल जाती है. तब तक मैं चुप रहने वाला नहीं हूँ. मैं इन तंत्रों से नहीं डरता. मुख्यमंत्री का ये दौरा सुपर फ्लॉप और सिर्फ लोगों को दिगभ्रमित करने के लिए था. मुख्यमंत्री का 15 साल का कार्यकाल बाढ़ को रोक पाने में असफल रहा है. न्याय के साथ विकास का उनका नारा बिल्कुल फ्लॉप हो चुका है. उन्होंने कहा कि मैं केवटी का बेटा हुं और डरने वाला नहीं हु.