दरभंगा: सांसद गोपालजी ठाकुर ने लोकसभा में तारांकित प्रश्न के माध्यम से दरभंगा जिले के विभिन्न सरकारी कार्यालयों और उपक्रमों को सौर विद्युत से चलाने के लिए सौर विद्युत स्टेशन स्थापित करने की मांग की.
इसका जवाब देते हुए विभागीय मंत्री आर. के. सिंह ने कहा कि नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, अन्य केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों के साथ सरकारी भवनों में रूफटॉप सौर परियोजनाओं की स्थापना करने के लिए प्रयास किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि आम लोगों के लिए उनकी भूमि और छतों पर सौर विद्युत संयंत्र लगाने के लिए ग्रिड संबद्ध रूफटॉप सौर कार्यक्रम चरण-2 और पीएम कुसुम योजना के माध्यम से कार्य किया जा रहा है.
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विभागीय मंत्री ने सांसद के सुझाव का किया स्वागत
सांसद गोपालजी ठाकुर ने लोकसभा में पूरक प्रश्न करते हुए ग्रिड संबद्ध रूफटॉप सौर कार्यक्रम चरण-2 और पीएम कुसुम योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए योजनाओं के प्रचार-प्रसार की मांग की है. साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान शुरू करने और प्रखंड स्तर पर एक सहायता केंद्र स्थापित करने की सरकार से मांग की. जिससे महत्वाकांक्षी योजना का लाभ बड़े स्तर पर आम लोगों को मिल सके. पूरक प्रश्न के जवाब में विभागीय मंत्री के माध्यम से कहा गया कि सांसद का सुझाव अच्छा है. इस पर कार्य किया जा रहा है. इन योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए योजना तैयार है.
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दरभंगा-सीतामढ़ी ट्रान्समिशन लाइन बनाने के लिए दी बधाई
सांसद ने 161 करोड़ की लागत से लगभग 80 किलोमीटर लम्बे दरभंगा-सीतामढ़ी ट्रान्समिशन लाइन बनाने के लिए सदन के माध्यम से मंत्री को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि मिथिला और बिहार की अनुमानित पावर खपत को पूरा करने के लिए दरभंगा-सीतामढ़ी ट्रांसमिशन लाइन की परिकल्पना की गई है. पीएमटीएल के माध्यम से निर्माण किये जा रहे 400 केवी/डीसी दरभंगा-सीतामढ़ी ट्रांसमिशन लाइन का कार्य अंतिम चरण में है. जल्द ही करोड़ों मिथिलावासियों को इसका लाभ मिलेगा. जिससे दरभंगा, सीतामढ़ी सहित उत्तर बिहार के कई जिले लाभन्वित होंगे.
ऊर्जा के क्षेत्र में किये जा रहे अभूतपूर्व कार्य
गोपालजी ठाकुर ने कहा कि भारत विश्व में सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है. यहां की जनसंख्या 130 करोड़ से अधिक है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार देश को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में प्रयासरत है. इस क्रम में बड़ी मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता और खपत होगी. वर्तमान में देश में 50% से ज्यादा बिजली का उत्पादन कोयले से किया जा रहा है, जो सीमित मात्रा में ही उपलब्ध है. इससे पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है. उन्होंने कहा कि भविष्य को देखते हुए ऊर्जा के सबसे बेहतर विकल्प के लिए सौर ऊर्जा का उत्पादन और उपयोग आवश्यक है.