दरभंगा: सांसद गोपाल जी ठाकुर ने डीएमसीएच परिसर में बनने वाले पीएसए ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट के प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि 2000 एलपीएम क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना लगभग 3.25 करोड़ की लागत से होगी. यह ऑक्सीजन प्लांट भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा स्थापित किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें- बिहार में हद से ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर? गर्दनीबाग अस्पताल के कूड़े में फेंका पड़ा है ब्रांड न्यू 36 सिलेंडर
देश में लगाए जाएंगे 2000 ऑक्सीजन प्लांट
सांसद ने कहा कि भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पूरे देश में 2000 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे. कोरोना संकट के समय वर्ष 2020 में ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता 5600 टन प्रतिदिन था. जिसे बढ़ाकर लगभग दोगुनी 9446 टन प्रतिदिन किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में डीएमसीएच में कुल तीन ऑक्सीजन प्लांट की सेवा उपलब्ध रहेगी. जिसमें दो पीएसए ऑक्सीजन प्लांट और एक लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट होगा.
प्रधानमंत्री को दिया धन्यवाद
सांसद गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में गायनिक वार्ड के बगल में 280 एलपीएम क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट की सेवा लोगों को मिल रही है. आने वाले कुछ दिनों में 2000 एलपीएम और 40000 लीटर लिक्विड ऑक्सीजन क्षमता वाले प्लांट भी शुरू हो जाएंगे. उन्होंने मिथिला के केंद्र दरभंगा में 2000 एलपीएम क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का आभार व्यक्त किया है.
ऑक्सीजन प्लांट का कार्य प्रारंभ
सांसद ने कहा कि उत्तर बिहार के मेडिकल हब दरभंगा में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट और पीएसए ऑक्सीजन प्लांट होने से, दरभंगा जिले के साथ-साथ आस-पास के सभी जिलों के छोटे-बड़े सभी अस्पतालों को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि इन प्लांट के बन जाने से मिथिला क्षेत्र में ऑक्सीजन आपूर्ति में कोई कमी नहीं रहेगी. डीएमसीएच के निश्चेतना विभाग परिसर में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट का कार्य प्रारंभ है. पीएसए मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट की स्थापना जल्द से जल्द हो, इसके लिए सभी स्तर पर लगातार प्रयास किया जा रहा है.