दरभंगा: कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में करोड़ों की गड़बड़ियों की जांच करने आई राजभवन की तीन सदस्यीय टीम पर विधान पार्षद अर्जुन सहनी ने कुलपति से मिलीभगत का आरोप लगाया है. उन्होंने ने कहा कि जांच टीम बिना शिकायतकर्ताओं से मिले ही वापस चली गई. उन्होंने मामले को फिर से राजभवन ले जाने और विधान परिषद में यह सवाल उठाने की बात कही है.
अपने आवास पर एक प्रेस कांफ्रेंस में आयोजित कर अर्जुन सहनी ने कहा कि संस्कृत विवि में नियुक्ति समेत कई गड़बड़ियों की शिकायत उन्होंने राजभवन में की थी. उसके बाद तीन सदस्यीय एक जांच टीम 6 दिसंबर को विवि आई थी. इस टीम के समक्ष उपस्थित होने की सूचना, उन्हें जान बूझकर 5 दिसंबर की रात को दी गई. उस समय वे बिहार से बाहर थे. इसकी वजह से टीम के सामने उपस्थित नहीं हो सके. उन्होंने कहा कि विवि नियुक्ति में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं करता.
विधान परिषद में भी उठाऊंगा मामला- अर्जुन सहनी
अर्जुन सहनी ने एमएलसी डॉ. दिलीप चौधरी का नाम लिए बिना कहा कि वे एक साथ 12 कॉलेजों की नियुक्ति समिति में हैं, जबकि उन्हें (अर्जुन सहनी) को मात्र एक कॉलेज में रखा गया है. उन्होंने कहा कि जांच समिति के खिलाफ वे इस मामले को लेकर फिर से राजभवन जाएंगे. इतना ही नहीं वे विधान परिषद में भी इस मामले को उठाएंगे.
बता दें कि संस्कृत विवि में नियुक्ति, प्रोन्नति और डाटा सेंटर में अवैध भुगतान समेत 15 अनियमितताओं के खिलाफ राजभवन में शिकायत की गई है. शिकायतकर्ताओं में विधान पार्षद अर्जुन सहनी भी शामिल हैं. यह मामला पटना हाइकोर्ट में भी पहुंचा है. राजभवन ने इन शिकायतों की जांच के लिए तीन सदस्यीय एक समिति बनाई थी, जिसमें राजभवन और बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल थे. उसी जांच समिति पर ये सवाल उठ रहे हैं.