दरभंगा: जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन की अध्यक्षता में जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक आयोजित की गयी. बैठक में बाल कल्याण समिति, चाइल्ड लाइन, एडवाइजरी बोर्ड, मानव व्यापार विरोधी समिति, स्पॉन्सर एवं परवरिश योजना की भी समीक्षा की गयी. बैठक में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी नेहा नूपुर ने बैठक के एजेंडे से सभी को अवगत कराया. वहीं, बैठक में बाल गृह की चहारदीवारी को भी ऊंचा करवाने की मांग की गई.
पढ़े: नालंदा में जेडीयू कार्यकर्ता सम्मान समारोह का आयोजन, ग्रामीण विकास मंत्री हुए शामिल
कोरोना काल में भी किया गया मामलों का निष्पादन
बैठक में किशोर न्याय परिषद के प्रधान सदस्य अश्वनी कुमार ने बताया कि वर्ष 2020 में 91 मामले में कोविड के रहते हुए भी 58 मामलों का निष्पादन किया गया. इस वर्ष में अबतक 20 मामले आए हैं, जिनमें से 13 मामले का निष्पादन किया गया है.
बच्चों की स्किल मैपिंग के अनुसार शिक्षा की व्यवस्था
वहीं, डीएम ने पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय सुधीर कुमार श्रीवास्तव को कोर्ट में बच्चों की सुनवाई के दौरान पूर्वाह्न 10:30 बजे से अपराह्न 4:30 तक महिला पुलिस बल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. इसके अलावा जिला शिक्षा पदाधिकारी को पर्यवेक्षण गृह में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था के लिए वहां के कर्मियों को प्रशिक्षण देने के साथ ही बच्चों की स्किल मैपिंग करने के निर्देश दिए और तदनुसार शिक्षा की व्यवस्था करने के निर्देश दिए.
पढ़े: बगहा: पूर्व पार्षद हत्याकांड में लगातार दूसरे दिन पुलिस की छापेमारी जारी, संदिग्धों से पूछताछ
बाल गृह की चहारदीवारी को ऊंचा करने की मांग
इस मौके पर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार झा ने बताया कि अब तक 164 मामले समिति के पास आए हैं. जिनमें से 35 बच्चों को पुनर्वासित करा दिया गया है. उन्होंने बताया कि पहले से 25 लंबित मामले हैं, जिनमें से 6 बच्चे को मुक्त कराया गया है. इनमें से एक बच्ची लुधियाना की है और वह अपने माता पिता के पास जाना चाहती है, लेकिन बार-बार संपर्क करने के बावजूद उनके माता-पिता नहीं आ रहे हैं. जिलाधिकारी ने माता-पिता के लिए टिकट की व्यवस्था कर उसके माता-पिता को वहां के बाल कल्याण समिति के माध्यम से बुलाने के निर्देश दिए.