दरभंगा: जिला समाहरणालय के पास शनिवार को महागठबंधन, वामदल और इमारत सरिया के कार्यकर्ताओं ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कानून को वापस लेने की मांग भी की. उन्होंने कहा कि सीएए नहीं शिक्षा चाहिए, एनपीआर नहीं स्वास्थ चाहिए, एनआरसी नहीं रोजगार चाहिए.
'सरकार भाईचारा तोड़ने का कर रही प्रयास'
धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रही रेशमा खातून ने कहा कि हमारे जो नेता हैं, नेता लोग हिंदू-मुस्लिम का भाषण देकर आपसी भाईचारा तोड़ने का काम करते हैं. हम लोग एक देश में रह रहे हैं. इंसान के अंदर इंसानियत होनी चाहिए, हिंदू मुसलमान कुछ नहीं होता. कहा कि यह हमारी इच्छा है कि हम किस धर्म को चुनते हैं और यह सरकार नहीं बताएगी कि हम किस धर्म को चुनें. देश में सभी धर्म के लोग मिलजुल कर रहते हैं. यह अधिकार हमें संविधान देता है. जिसे वर्तमान सरकार नए कानून लाकर तोड़ना चाहती है.
'रोजगार और विकास की बात करे सरकार'
वामदल के नेता देवेंद्र कुमार ने कहा कि इस मंच के माध्यम से देश के सत्ता पर काबिज नेताओं से कहना चाहते हैं कि आप इस देश की बेरोजगारी पर बात करें. इस देश के अंदर जो बीएसएनएल बेचने की बात हो रही है. देश की संपदा की रक्षा की बात कीजिए. आप एलआईसी बेचने पर आमादा हैं, नागरिकता छीनने पर आमादा हैं. हम इस देश के संविधान पर हमला बर्दाश्त नहीं करेंगे और यह देश संविधान से चलेगा. यह देश नागपुर के संविधान से नहीं चलेगा.