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दरभंगा में आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाई गई भगवान धनवंतरी की जयंती

राजकीय कामेश्वर सिंह आयुर्वेद चिकित्सालय में भगवान धनवंतरी की जयंती आयुर्वेद दिवस के रूप में मनायी गई. वैसे तो धन और दौलत की देवी लक्ष्मी को माना जाता है, लेकिन उनकी कृपा पाने के लिए सेहत और लंबी आयु की जरूरत होती है. यही वजह है कि धनतेरस के मौके पर धनवंतरि की पूजा की जाती है.

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Published : Oct 26, 2019, 12:27 PM IST

दरभंगा: जिले में भारतीय चिकित्सा पद्धति के जनक माने जाने वाले भगवान धनवंतरी की जयंती आयुर्वेद दिवस के रूप में मनायी गई. इस अवसर पर राजकीय कामेश्वर सिंह आयुर्वेद चिकित्सालय में एक समारोह आयोजित किया गया और भगवान धनवंतरी की पूजा-अर्चना की गई. वहीं, मौके पर अस्पताल के चिकित्सकों और कर्मियों के अलावा स्थानीय लोग भी मौजूद रहे.

क्यों होती है धनवंतरी की पूजा
बता दें कि धनवंतरी अमृत यानी जीवन का वरदान लेकर प्रकट हुए थे. आयुर्वेद के जानकार भी थे, इसलिए उन्हें आरोग्य का देवता माना जाता है. वैसे तो धन और दौलत की देवी लक्ष्मी हैं, लेकिन उनकी कृपा पाने के लिए सेहत और लंबी आयु की जरूरत होती है. यही वजह है कि धनतेरस के मौके पर धनवंतरी की पूजा की जाती है.

भगवान धनवंतरी की जयंती आयुर्वेद दिवस के रूप में मनायी गई

चिकित्सा पद्धति के जनक हैं धनवंतरी
आयुर्वेद चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. मधुसूदन द्विवेदी ने कहा कि भगवान धनवंतरी चिकित्सा पद्धति के जनक माने जाते हैं. उनकी जयंती को भारत सरकार ने आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का निर्देश दिया है. इस दिन हम लोग भगवान धनवंतरी से प्रार्थना करते हैं कि सभी लोग, स्वच्छ, निरोग और सुखी रहें.

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भगवान धनवंतरी

समृद्धियों की प्राप्ति के लिए करते हैं पूजा
अस्पताल के वैद्य आचार्य राजेश्वर दुबे ने कहा कि एक स्वस्थ शरीर के अंदर ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है और एक स्वस्थ मस्तिष्क से ही हम कई प्रकार की विद्या और ज्ञान-विज्ञान में पारंगत होते हैं. इसलिए देश मे इन सभी समृद्धियों की प्राप्ति के लिए हम अपने आदि देव भगवान धनवंतरी की आराधना करते है.

दरभंगा: जिले में भारतीय चिकित्सा पद्धति के जनक माने जाने वाले भगवान धनवंतरी की जयंती आयुर्वेद दिवस के रूप में मनायी गई. इस अवसर पर राजकीय कामेश्वर सिंह आयुर्वेद चिकित्सालय में एक समारोह आयोजित किया गया और भगवान धनवंतरी की पूजा-अर्चना की गई. वहीं, मौके पर अस्पताल के चिकित्सकों और कर्मियों के अलावा स्थानीय लोग भी मौजूद रहे.

क्यों होती है धनवंतरी की पूजा
बता दें कि धनवंतरी अमृत यानी जीवन का वरदान लेकर प्रकट हुए थे. आयुर्वेद के जानकार भी थे, इसलिए उन्हें आरोग्य का देवता माना जाता है. वैसे तो धन और दौलत की देवी लक्ष्मी हैं, लेकिन उनकी कृपा पाने के लिए सेहत और लंबी आयु की जरूरत होती है. यही वजह है कि धनतेरस के मौके पर धनवंतरी की पूजा की जाती है.

भगवान धनवंतरी की जयंती आयुर्वेद दिवस के रूप में मनायी गई

चिकित्सा पद्धति के जनक हैं धनवंतरी
आयुर्वेद चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. मधुसूदन द्विवेदी ने कहा कि भगवान धनवंतरी चिकित्सा पद्धति के जनक माने जाते हैं. उनकी जयंती को भारत सरकार ने आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का निर्देश दिया है. इस दिन हम लोग भगवान धनवंतरी से प्रार्थना करते हैं कि सभी लोग, स्वच्छ, निरोग और सुखी रहें.

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भगवान धनवंतरी

समृद्धियों की प्राप्ति के लिए करते हैं पूजा
अस्पताल के वैद्य आचार्य राजेश्वर दुबे ने कहा कि एक स्वस्थ शरीर के अंदर ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है और एक स्वस्थ मस्तिष्क से ही हम कई प्रकार की विद्या और ज्ञान-विज्ञान में पारंगत होते हैं. इसलिए देश मे इन सभी समृद्धियों की प्राप्ति के लिए हम अपने आदि देव भगवान धनवंतरी की आराधना करते है.

Intro:दरभंगा। भारतीय चिकित्सा पद्धति के जनक माने जाने वाले भगवान धनवंतरी की जयंती आयुर्वेद दिवस के रूप में मनायी गयी। इस अवसर पर राजकीय कामेश्वर सिंह आयुर्वेद चिकित्सालय में एक समारोह आयोजित किया गया और भगवान धनवंतरी की पूजा-अर्चना की गयी। इस अवसर पर अस्पताल के चिकित्सकों और कर्मियों के अलावा स्थानीय लोग भी मौजूद थे।


Body:आयुर्वेद चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. मधुसूदन द्विवेदी ने कहा कि भगवान धनवंतरी चिकित्सा पद्धति के जनक माने जाते हैं। उनकी जयंती को भारत सरकार ने आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का निर्देश दिया है। इस दिन हम लोग भगवान धनवंतरी से प्रार्थना करते हैं कि सभी लोग, स्वच्छ, निरोग और सुखी हों।


Conclusion:वहीं, अस्पताल के वैद्य आचार्य राजेश्वर दुबे ने कहा कि एक स्वस्थ शरीर के अंदर ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है और एक स्वस्थ मस्तिष्क से ही हम कई प्रकार की विद्या और ज्ञान-विज्ञान में पारंगत होते हैं। इसलिए देश मे इन सभी समृद्धियों की प्राप्ति के लिए हम अपने आदि देव भगवान धनवंतरी की आराधना करते हैं।

बाइट 1- डॉ. मधुसूदन द्विवेदी, अधीक्षक, राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय.

बाइट 2- आचार्य राजेश्वर दुबे, वैद्य, राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय.


विजय कुमार श्रीवास्तव
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