दरभंगा: बिहार से देश के कोने-कोने में मजदूरी करने गए प्रवासी मजदूरों का दर्द कोई नया नहीं है. विश्वव्यापी कोरोना महामारी ने इस दर्द को कई गुणा बढ़ा दिया है. इसी क्रम में लॉकडाउन में फंसे कई मजदूरों और छात्रों का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है.
ताजा मामला गुजरात के सूरत की एक डायमंड फैक्ट्री में काम करने वाले एक प्रवासी मजदूर रामलाल झा का है, जिन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से मैथिली गाने के जरिये सीएम नीतीश कुमार से प्रदेश वापसी की गुहार लगाई है.
17 लाख से ज्यादा लोग दूसरे प्रदेशों में फंसे
दरअसल, लॉकडाउन की वजह से बिहार के 17 लाख से ज्यादा लोग दूसरे प्रदेशों में फंसे हुए हैं. इनमें सबसे बड़ी संख्या मजदूरों और छात्रों की है. ये लोग बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सोशल मीडिया समेत कई माध्यमों से गुहार लगा-लगाकर थक चुके हैं, लेकिन अब तक इन्हें अपने प्रदेश नहीं लाया जा सका है.
प्रवासी मजदूर का वीडियो वायरल
वहीं, इन दिनों ऐसे ही एक प्रवासी मजदूर का वायरल वीडियो चर्चा में है. गुजरात के सूरत की एक डायमंड फैक्टरी में काम करने वाले रामलाल झा दरभंगा के बहेड़ प्रखंड के बिठौली गांव के रहने वाले हैं. कभी गायकी की इच्छा रखने वाले रामलाल झा परिस्थिति को स्वीकारते हुये आखिरकार सूरत की एक हीरा फैक्ट्री में मजदूर बन गए.
मां को संबोधित करते हुये गाया गीत
लॉकडाउन में फंसे लाखों बिहारी मजदूरों की तरह इन्होंने अपने दर्द को अपनी मातृभाषा मैथिली में एक गीत 'माय गे मारे छौ लाठी पुलिसवा, गाम हम कोना क अयबौ गे' के माध्यम से बयान किया है. ये गीत इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस गीत को सुनकर प्रवासी मजदूरों के दर्द को सहज ही समझा जा सकता है.
गीत के जरिए मां से बात
रामलाल ने यह गीत अपनी मां को संबोधित करते हुए लिखा और गाया है. इसमें वे अपनी मां से कहते हैं कि लॉकडाउन के कारण वे फंस गए हैं. बाहर निकलने पर पुलिस लाठी से मारती है. ऐसे में वे कैसे अपने गांव आ सकते हैं. आगे कहते हैं कि नीतीश कुमार भी उनकी गुहार नहीं सुन रहे हैं. उन्होंने अपनी मां को कोरोना से बचकर रहने की हिदायत दी है.