दरभंगा: लॉकडाउन के कारण अन्य प्रदेशों में फंसे प्रवासियों का बिहार आने के सिलसिला शुरू हो चुका है. इसी क्रम में मंगलवार को केरल के त्रिशूर से चली ट्रेन दरभंगा पहुंची. ट्रेन से उतरने के बाद सभी प्रवासियों की पहले हेल्थ जांच की गई. जिसके बाद सभी को उनके गृह जिला भेजने की तैयारी शुरू हो गई. इसको लेकर स्टेशन पर मेडिकल टीम के अलावे मजिस्ट्रेट की भी तैनाती की गई थी.
हेल्थ जांच के बाद भेजा जाएगा वापस गृह जिला
बता दें कि केरल के त्रिशूर से खुली ट्रेन मंगलवार को दरभंगा पहुंची. ट्रेन में प्रदेश के विभिन्न जिले के लोग यात्रा कर वापस अपने प्रदेश आए. जिनमें कई यात्री सारण, सिवान, गया, भागलपुर, भोजपुर, बेतिया, मोतिहारी, पूर्णिया और बेगूसराय समेत कई अन्य जिले के थे. ट्रेन के जंक्शन पर पहुंचते ही भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सभी लोगों की स्क्रीनिंग की गई. सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्वस्थ लोगों को वापस उनके गृह जिला भेजा जाएगा. जिन लोगों में कोरोना के लक्षण पाए जाएंगे उनको क्वारेंटाइन किया जाएगा.
स्टेशन पर की गई है बसों की व्यवस्था
प्रवासियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई है. ट्रेन के दरभंगा पहुंचने पर लोगों में अपने घर पहुंचने की खुशी देखी गई. ट्रेन से वापस आए मजदूरों ने बताया कि बंदी के कारण उन्हें खाने-रहने में असुविधा हो रही थी. वहीं, कुछ मजदूरों ने बताया कि बिहार वापस आकर काफी अच्छा लग रहा है. लेकिन हमलोग सरकारी खर्च पर नहीं बल्कि टिकट कटा कर वापस आए हैं. हमलोगों से सरकार ने टिकट के लिए 1 हजार रुपये की वसूली की है. मजदूरों ने बतायि कि तीन दिनों की यात्रा में उन्हें मात्र तीन बार भोजन खाने को मिला. हालांकि, अपनी धरती पर पहुंचने के बाद उनकी सारी तकलीफ दूर हो गई है.
'मजदूरों ने सरकार को कहा धन्यवाद'
पश्चिम चंपारण के मजदूर शिवधनी ने बताया कि यात्रा के लिए त्रिशूर की ग्राम पंचायत में उनसे एक हजार रुपये वसले गए. जब वे स्टेशन पहुंचे तो उन्हें यात्रा टिकट दिया गया. वहीं, एक अन्य मजदूर शुभलाल ने बताया कि वे नीतीश कुमार के आभारी हैं. जिन्होंने इस कष्ट से निकाल कर उन्हें घर पहुंचाया है. मोतिहारी के विकास कुमार ने कहा कि यात्रा में उन्हें काफी कठिनाई हुई. बिहार में उन्हें रोजगार मिलेग या नहीं इस बात को लेकर संशय है. बेगूसराय के मजदूर मनोहर कुमार ने कहा कि वे लोग शौक से बिहार से बाहर मजदूरी करने नहीं जाते हैं. पेट के कारण अन्य प्रदेशों का रूख करते हैं. केरल में वे पिछले डेढ़ महीने से बेरोजगार थे. सीएम नीतीश रोजगार के लिए व्यवस्था करे.