दरभंगा: ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन के बैनर तले मजदूरों ने केंद्र सरकार के खिलाफ गुरुवार को धरना दिया. समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों ने सरकार के नए श्रम कानून के विरोध में नारेबाजी की. आंदोलनकारियों ने मजदूरों के पक्ष में कानून बनाने की मांग की.
'कंपनियों के पक्ष में है कानून'
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार ने मजदूर हितैषी 44 श्रम कानूनों को रद्द कर चार संहिता कानून बनाने का निर्णय लिया है. नए संहिता में संगठित और असंगठित क्षेत्र के 40 करोड़ मजदूरों के जनतांत्रिक अधिकार, सामाजिक सुरक्षा, न्यूनतम मजदूरी और काम के घंटे जैसे नियमों को कॉर्पोरेट और आउटसोर्सिंग कंपनियों के पक्ष में कर दिया गया है.
'मजदूरों के खिलाफ है श्रम नीति'
मीडिया से बात करते हुए ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन के जिला सचिव मिथिलेश्वर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार देश के 44 पुराने श्रम कानूनों को समाप्त करके 4 संहिता बनाने जा रही है. इस संहिता में तमाम नियमों को पूंजीपतियों के पक्ष में कर दिया गया है. यह कानून मजदूरों के खिलाफ है.
'देशभर में हो रहा है विरोध'
मिथिलेश्वर सिंह ने कहा कि यह कानून जनतंत्र को कुचलने वाला कानून है. देशभर के मजदूर संगठन सरकार के इस कानून का विरोध कर रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस कानून पर एक बार फिर विचार करना चाहिए. यदि सरकार इसी तरह मनमानी करती रही तो और उग्र आंदोलन किया जाएगा.