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कुशेश्वरस्थान: JDU के गढ़ में अब तक नहीं जल पाया है RJD का लालेटन - कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट

कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया. यहां तीन बार हुए चुनाव में दो बार जदयू के प्रत्याशी को जीत मिली. एक बार बीजेपी के उम्मीदवार को जीत मिली थी. पढ़ें पूरी खबर...

Kusheshwarsthan Assembly Constituency
कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट
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Published : Oct 15, 2021, 11:03 PM IST

दरभंगा: बिहार के दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट पर उपचुनाव (By Election in Bihar) हो रहा है. 30 अक्टूबर को मतदान होगा. कुशेश्वरस्थान सीट (Kusheshwar Asthan Assembly Constituency) जेडीयू के शशिभूषण हजारी के निधन के चलते खाली हुई थी. यह सीट जदयू के गढ़ की तरह रहा है. यहां तीन बार हुए चुनाव में दो बार जदयू के प्रत्याशी को जीत मिली. राजद के प्रत्याशी को यहां अभी तक सफलता नहीं मिली है.

यह भी पढ़ें- कुशेश्वरस्थान विधानसभा उपचुनाव में देखने को मिलेगा त्रिकोणीय मुकाबला, दिलचस्प है चुनावी समीकरण

कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र के आधे से अधिक इलाके के लोग हर साल बाढ़ का दंश झेलते हैं. वर्ष 2008 के परिसीमन के बाद कुशेश्वरस्थान विधानसभा अस्तित्व में आया. इस आरक्षित सीट से 2010 में भाजपा के टिकट पर शशि भूषण हजारी चुनाव जीते थे. 2015 में शशि भूषण हजारी पार्टी बदलकर जदयू में आ गए. महागठबंधन ने टिकट दिया और भूषण ने एलजेपी के मृणाल पासवान को 18 हजार वोट के अंतर से हराया. 2020 के विधानसभा के चुनाव में शशि भूषण हजारी जदयू के टिकट से चुनाव लड़े और कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. अशोक राम को 7222 मतों से हराकर जीत दर्ज की थी.

पलायन यहां का मुख्य मुद्दा है. हर साल बाढ़ के दौरान यहां फसल बर्बाद हो जाती है, जिससे लोगों की कमर टूट जाती है. इसके अलावा स्‍थानीय जनता के बीच घोषणा होने के बाद भी कुशेश्वरस्थान को पर्यटक स्‍थल का दर्जा नहीं मिलने से सरकार के प्रति गुस्‍सा भी व्याप्त है. वहीं, सरकार की लापरवाही के कारण पक्षी विहार बस नाम का रह गया है. अब यहां विदेशी पक्षियों का आना कम हो गया है. कभी यहां लाखों की संख्या में विदेशी पक्षी आशियाना बनाते थे.

इस सीट पर स्थानीय राजनीति में मुस्लिम, यादव और ब्राह्मण बड़ी भूमिका निभाते हैं. हालांकि राजपूत, रविदास, कुर्मी और पासवान भी यहां अच्छी संख्या में हैं. 2010 के विधानसभा चुनाव में यहां 51.17% वोटिंग हुई थी. 2015 में यहां 45.79% वोटिंग हुई थी. 2020 के चुनाव में यहां 54.32% मतदान हुआ था. विधानसभा चुनाव 2020 में कुशेश्वरस्थान में 16 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था. मतदाताओं की संख्या दो लाख 50 हजार 786 थी, जबकि चुनाव में 1 लाख 36 हजार 481 मतदाताओं ने भाग लिया था. जेडीयू प्रत्याशी शशिभूषण हजारी के पक्ष में 53980 (39.55%) वोट मिले थे. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के अशोक कुमार को 46758 (34.26 प्रतिशत) वोट मिले थे. तीसरे स्थान पर लोजपा की पूनम कुमारी रहीं, उन्हें 13362 (9.79 %) वोट मिले थे.

कुशेश्वरस्थान विधानसभा उपचुनाव में एनडीए की तरफ से जदयू के अमन भूषण हजारी को मैदान में उतारा गया है. राजद ने गणेश भारती को चुनावी मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने अशोक राम के पुत्र अतिरेक कुमार को टिकट दिया है. लोजपा (रामविलास) ने अंजू देवी को चुनावी मैदान में उतारा है. कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,54,999 मतदाता हैं. जिनमें 1,34,072 पुरुष मतदाता और 1,20,926 महिला मतदाता और एक अन्य मतदाता शामिल हैं. जिसके लिए 264 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं.

यह भी पढ़ें- सीतामढ़ी: मूर्ति विसर्जन के दौरान पुलिस पब्लिक के बीच भिड़ंत, महिला जवान समेत आधा दर्जन पुलिसवाले घायल

दरभंगा: बिहार के दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट पर उपचुनाव (By Election in Bihar) हो रहा है. 30 अक्टूबर को मतदान होगा. कुशेश्वरस्थान सीट (Kusheshwar Asthan Assembly Constituency) जेडीयू के शशिभूषण हजारी के निधन के चलते खाली हुई थी. यह सीट जदयू के गढ़ की तरह रहा है. यहां तीन बार हुए चुनाव में दो बार जदयू के प्रत्याशी को जीत मिली. राजद के प्रत्याशी को यहां अभी तक सफलता नहीं मिली है.

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कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र के आधे से अधिक इलाके के लोग हर साल बाढ़ का दंश झेलते हैं. वर्ष 2008 के परिसीमन के बाद कुशेश्वरस्थान विधानसभा अस्तित्व में आया. इस आरक्षित सीट से 2010 में भाजपा के टिकट पर शशि भूषण हजारी चुनाव जीते थे. 2015 में शशि भूषण हजारी पार्टी बदलकर जदयू में आ गए. महागठबंधन ने टिकट दिया और भूषण ने एलजेपी के मृणाल पासवान को 18 हजार वोट के अंतर से हराया. 2020 के विधानसभा के चुनाव में शशि भूषण हजारी जदयू के टिकट से चुनाव लड़े और कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. अशोक राम को 7222 मतों से हराकर जीत दर्ज की थी.

पलायन यहां का मुख्य मुद्दा है. हर साल बाढ़ के दौरान यहां फसल बर्बाद हो जाती है, जिससे लोगों की कमर टूट जाती है. इसके अलावा स्‍थानीय जनता के बीच घोषणा होने के बाद भी कुशेश्वरस्थान को पर्यटक स्‍थल का दर्जा नहीं मिलने से सरकार के प्रति गुस्‍सा भी व्याप्त है. वहीं, सरकार की लापरवाही के कारण पक्षी विहार बस नाम का रह गया है. अब यहां विदेशी पक्षियों का आना कम हो गया है. कभी यहां लाखों की संख्या में विदेशी पक्षी आशियाना बनाते थे.

इस सीट पर स्थानीय राजनीति में मुस्लिम, यादव और ब्राह्मण बड़ी भूमिका निभाते हैं. हालांकि राजपूत, रविदास, कुर्मी और पासवान भी यहां अच्छी संख्या में हैं. 2010 के विधानसभा चुनाव में यहां 51.17% वोटिंग हुई थी. 2015 में यहां 45.79% वोटिंग हुई थी. 2020 के चुनाव में यहां 54.32% मतदान हुआ था. विधानसभा चुनाव 2020 में कुशेश्वरस्थान में 16 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था. मतदाताओं की संख्या दो लाख 50 हजार 786 थी, जबकि चुनाव में 1 लाख 36 हजार 481 मतदाताओं ने भाग लिया था. जेडीयू प्रत्याशी शशिभूषण हजारी के पक्ष में 53980 (39.55%) वोट मिले थे. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के अशोक कुमार को 46758 (34.26 प्रतिशत) वोट मिले थे. तीसरे स्थान पर लोजपा की पूनम कुमारी रहीं, उन्हें 13362 (9.79 %) वोट मिले थे.

कुशेश्वरस्थान विधानसभा उपचुनाव में एनडीए की तरफ से जदयू के अमन भूषण हजारी को मैदान में उतारा गया है. राजद ने गणेश भारती को चुनावी मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने अशोक राम के पुत्र अतिरेक कुमार को टिकट दिया है. लोजपा (रामविलास) ने अंजू देवी को चुनावी मैदान में उतारा है. कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,54,999 मतदाता हैं. जिनमें 1,34,072 पुरुष मतदाता और 1,20,926 महिला मतदाता और एक अन्य मतदाता शामिल हैं. जिसके लिए 264 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं.

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