दरभंगाः जिले में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि ने अपने संस्थापक महाराजा कामेश्वर सिंह की जयंती पर समारोह का आयोजन किया. विवि परिवार की ओर से जयंती पर कामेश्वर सिंह को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. विवि ने उनके बताए हुए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया. इस अवसर पर कामेश्वर सिंह का व्याख्यान करने के लिए विद्वान पंडित को आमंत्रित किया गया.
'अंग्रेजों ने दी थी सर और नाईटहुड की उपाधी'
विवि के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने कहा कि महाराजा कामेश्वर सिंह ने जिस सहृदयता से अपने राजमहल लक्ष्मेश्वर विशाल पैलेस का दान कर विवि की स्थापना की थी. वह महल अब जर्जर हो गया है. राज्य सरकार की निधि से उसे फिर से पुराने रूप में रिस्टोर किया जा रहा है. यह महाराजा के प्रति विवि की सच्ची श्रद्धांजलि है. उन्होंने कहा कि महाराजा एक बुद्धिजीवी थे. अंग्रेजों ने उन्हें 'सर' और 'नाईटहुड' की उपाधि दी थी.
विवि निर्माण में था अहम योगदान
बता दें कि कामेश्वर सिंह ने कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि की स्थापना अपनी मृत्यु से एक साल आठ माह पहले 26 जनवरी 1961 को कराई थी. एक अक्टूबर 1962 को उनकी मृत्यु हो गई थी. विवि के निर्माण के लिए उन्होंने अपना महल, विशाल परिसर और हजारों की संख्या में दुर्लभ पुस्तकें और पांडुलिपियां दान की थी. इतना ही नहीं उन्होंने बनारस हिंदू विवि, कलकत्ता विवि और पटना विवि की स्थापना में भी आर्थिक मदद की थी. ललित नारायण मिथिला विवि भी इन्हीं के महल और परिसर में चलता है.