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मिथिला लोक उत्सव में स्थानीय कलाकारों की उपेक्षा को लेकर JDU विधायक ने दिया धरना

अमरनाथ गामी ने कहा कि ये कार्यक्रम प्रमुख रूप से मैथिली कार्यक्रम है. इसमें मैथिली कलाकार को सम्मानजनक जगह मिलनी चाहिए थी. जो इस कार्यक्रम के दौरान उन्हें नहीं मिली.

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जेडीयू विधायक ने दिया सांकेतिक धरना
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Published : Nov 30, 2019, 6:04 PM IST

दरभंगा: मिथिला लोक उत्सव 2019 के दौरान मिथिला के कलाकारों की उपेक्षा करके बॉलीवुड संस्कृति को थोपने के विरोध में जेडीयू विधायक ने एकदिवसीय सांकेतिक धरना दिया. धरना हायाघाट के जेडीयू विधायक अमरनाथ गामी ने नेहरू स्टेडियम स्थित आयोजन स्थल पर दिया.

'अधिक राशि देकर बुलाया गया बॉलीवुड कलाकारों को'
जेडीयू विधायक अमरनाथ गामी ने कहा कि कुछ वर्षों से बिहार सरकार के पर्यटन विभाग की तरफ से जिले में मिथिला लोक उत्सव का आयोजन किया जा रहा है. कार्यक्रम मैथिली भाषा, कला संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए किया जाता है. लेकिन इस कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों को बढ़ावा न देकर 14 लाख से अधिक राशि देकर बॉलीवुड कलाकारों को बुलाया गया है.

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जेडीयू विधायक अमरनाथ गामी

'स्थानीय कलाकारों को खानापूर्ति के लिए जोड़ा गया'
विधायक ने कहा कि इस कार्यक्रम में लगभग 40 लाख की राशि खर्च की जाती है. टेंट-पंडाल, बिजली-बत्ती और अन्य साज-सज्जा सभी कार्य बाहर से कराए जा रहे हैं. स्थानीय कलाकारों को 4 से 5 हजार रुपया देकर खानापूर्ति के लिए उन्हें कार्यक्रम से जोड़ा गया है. वहीं, उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यक्रम होने के कारण स्वागताध्यक्ष की जवाबदेही जिलाधिकारी और मंत्री गण में से कोई एक हो सकते थे.

जेडीयू विधायक ने दिया सांकेतिक धरना

सांकेतिक धरना पर बैठे हुए हैं- विधायक
अमरनाथ गामी ने कहा कि ये कार्यक्रम प्रमुख रूप से मैथिली कार्यक्रम है. इसमें मैथिली कलाकार को सम्मानजनक जगह मिलनी चाहिए थी. जो इस कार्यक्रम के दौरान उन्हें नहीं मिली. उन्होंने कहा कि इसी को लेकर हमलोग सांकेतिक धरना पर बैठे हुए हैं. इस धरना के माध्यम से हम जिला प्रशासन से मांग करते हैं कि जिस स्तर पर गलतियां हुई हैं. उन्हें चिन्हित कर दंडित करें. ताकि आगे से इस तरह के कार्यक्रम में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो.

दरभंगा: मिथिला लोक उत्सव 2019 के दौरान मिथिला के कलाकारों की उपेक्षा करके बॉलीवुड संस्कृति को थोपने के विरोध में जेडीयू विधायक ने एकदिवसीय सांकेतिक धरना दिया. धरना हायाघाट के जेडीयू विधायक अमरनाथ गामी ने नेहरू स्टेडियम स्थित आयोजन स्थल पर दिया.

'अधिक राशि देकर बुलाया गया बॉलीवुड कलाकारों को'
जेडीयू विधायक अमरनाथ गामी ने कहा कि कुछ वर्षों से बिहार सरकार के पर्यटन विभाग की तरफ से जिले में मिथिला लोक उत्सव का आयोजन किया जा रहा है. कार्यक्रम मैथिली भाषा, कला संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए किया जाता है. लेकिन इस कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों को बढ़ावा न देकर 14 लाख से अधिक राशि देकर बॉलीवुड कलाकारों को बुलाया गया है.

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जेडीयू विधायक अमरनाथ गामी

'स्थानीय कलाकारों को खानापूर्ति के लिए जोड़ा गया'
विधायक ने कहा कि इस कार्यक्रम में लगभग 40 लाख की राशि खर्च की जाती है. टेंट-पंडाल, बिजली-बत्ती और अन्य साज-सज्जा सभी कार्य बाहर से कराए जा रहे हैं. स्थानीय कलाकारों को 4 से 5 हजार रुपया देकर खानापूर्ति के लिए उन्हें कार्यक्रम से जोड़ा गया है. वहीं, उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यक्रम होने के कारण स्वागताध्यक्ष की जवाबदेही जिलाधिकारी और मंत्री गण में से कोई एक हो सकते थे.

जेडीयू विधायक ने दिया सांकेतिक धरना

सांकेतिक धरना पर बैठे हुए हैं- विधायक
अमरनाथ गामी ने कहा कि ये कार्यक्रम प्रमुख रूप से मैथिली कार्यक्रम है. इसमें मैथिली कलाकार को सम्मानजनक जगह मिलनी चाहिए थी. जो इस कार्यक्रम के दौरान उन्हें नहीं मिली. उन्होंने कहा कि इसी को लेकर हमलोग सांकेतिक धरना पर बैठे हुए हैं. इस धरना के माध्यम से हम जिला प्रशासन से मांग करते हैं कि जिस स्तर पर गलतियां हुई हैं. उन्हें चिन्हित कर दंडित करें. ताकि आगे से इस तरह के कार्यक्रम में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो.

Intro:मिथिला लोक उत्सव 2019 के दौरान मिथिला के कलाकारों की उपेक्षा कर के बॉलीवुड संस्कृति को थोपने के विरोध में हायाघाट के जदयू विधायक अमरनाथ गामी ने नेहरू स्टेडियम स्थित आयोजन स्थल पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया। वही जदयू विधायक अमरनाथ गामी ने कहा कि कुछ वर्षों से बिहार सरकार के पर्यटन विभाग के द्वारा दरभंगा में मिथिला लोक उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में मिथिला मैथिली भाषा कला संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के वास्ते किया जाता है। लेकिन इस कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों को बढ़ावा ना देकर 14 लाख से ऊपर की राशि देकर बॉलीवुड कलाकारों को बुलाया गया है, जो नामचिन भी नहीं है।


Body:वही उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में लगभग 40 लाख की राशि की खर्च की जाती है। टेन्ट पंडाल बिजली बत्ती एवं अन्य साज - सज्जा सभी कार्य बाहर से कराया जा रहा है। वही स्थानीय कलाकारों को 4 से 5 हजार रुपया देकर खानापूर्ति के लिए उन्हें कार्यक्रम से जोड़ा गया है। वही उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यक्रम होने के कारण स्वागताध्यक्ष की जवाबदेही जिलाधिकारी अथवा मंत्री गण में से कोई एक हो सकते थे। जिला में 3 सांसद एवं 10 विधायक हैं। जो किसी एक से प्रभावित होकर स्वागताध्यक्ष बनाया गया है। उन्हीं के प्रभाव में मैथिली का अपमान किया गया है।


Conclusion:वही हायाघाट के विधायक अमरनाथ गामी ने कहा कि यह कार्यक्रम प्रमुख रूप से मैथिली कार्यक्रम है और इसमें मैथिली कलाकार को सम्मानजनक जगह मिलना चाहिए था। जो इस कार्यक्रम के दौरान उन्हें नहीं मिला। इसी को लेकर हमलोग सांकेतिक धरना पर बैठे हुए हैं। इस धरना के माध्यम से हम जिला प्रशासन से मांग करते हैं कि जिस स्तर पर गलतियां हुई हो, उन्हें चिन्हित कर के उन्हें दंडित करें। ताकि आगे से इस तरह के कार्यक्रम में किसी प्रकार की गड़बड़ी ना हो। जिससे भाषा के साथ खिलवाड़ या फिर मजाक ना हो। साथ ही उन्होंने कहा कि इस उपेक्षा से एक व्यक्ति के मनोभाव को ठेस नहीं पहुंचा है, संपूर्ण मिथिला के मनोभाव को ठेस पहुंचा है। इस सौतेले व्यवहार से आज मैथिल समाज दुखी महसूस कर रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि मैथिल के विकास के नाम पर जो राशि आई है। उसका लूट करवाकर मनोरंजन का कार्यक्रम करवाने का कोई औचित्य नहीं है, जिसका हम खुलेआम विरोध करते हैं।

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अमरनाथ गामी, जदयू विधायक हायाघाट
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