दरभंगा: बिहार के दरभंगा में कुशेश्वरस्थान प्रखंड क्षेत्र के औराही गांव में शिव मंदिर परिसर के जंगल में धातु की भगवान शिव की प्रतिमा मिली है. प्रतिमा मिलने की खबर से दूर दूर से श्रद्धालु आकर भगवान शिव के दर्शन कर रहे हैं. दरअसल पूजा करने गई एक महिला को इस मंदिर के प्रांगण में स्थित धतूर के पेड़ के नीचे मिट्टी में गाड़े भगवान शिव की प्रतिमा मिली. इसके बाद लोग प्रतिमा की पूजा अर्चना करने में जुट गए हैं. मंदिर प्रांगण में शिव चर्चा और भगवान की पूजा का दौर शुरू हो गया है.
महिला को दिखा भगवान का त्रिशूल और जटा: पहली बार इस प्रतिमा को देखने वाली सविता देवी ने कहा कि मंदिर के अंदर शिवलिंग की पूजा करने के बाद बाहर अवस्थित नंदी की प्रतिमा पर पूजा करने के लिए जंगल से घास को तोड़ने गई थी. वहां देखा कि जमीन के अंदर से भगवान शिव का त्रिशूल और जटा नजर आ रहा है. जिसके बाद उसने इस बात की जानकारी मंदिर के बगल के स्कूल में खिचड़ी बना रही रसोईया को दी.
"लोग जंगल की ओर गए और वहां से भगवान की प्रतिमा को बाहर निकाल कर स्थापित कर दिया. इसके बाद पूरे इलाके में कबर फैल गई कि महादेव आ गए हैं. महादेव तो साक्षात है ही इसमें कोई दो राय नहीं है."-सविता देवी, भक्त
क्या कहते हैं पुजारी: वही मंदिर में भगवान की पूजा अर्चना कर रहे पुजारी रामचंद्र मुखिया ने बताया कि हम लोग पिछले आठ सोमवारी से पूजा अर्चना कर घर चले जाते थे. बीते दो सोमवारी से हम लोगों यहां कीर्तन भजन कर रहे थे. हम लोगों ने सोचा था कि यहां के प्रसिद्ध बाबा कुशेश्वरस्थान मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे, लेकिन किसी कारणवश वहां नहीं जा पाए और बाबा भोलेनाथ यहां स्वयं प्रकट हो गए. उन्होंने बताया कि जहां से यह प्रतिमा मिला है, वहां जंगल था और इसी के बगल में मंदिर में बाबा भोलेनाथ का शिवलिंग है.
"हम लोग भी मंदिर परिसर को साफ किया करते थे लेकिन जिस तरफ भोलेनाथ की प्रतिमा मिली है उसे तरफ सफाई नहीं होती थी. जब गांव की एक महिला दूब (घास) चढ़ाने के लिए जंगल से तोड़ने के लिए गई तो उनको सबसे पहले भगवान का त्रिशूल और जटा दिखाई दिया. जिसके बाद उन्होंने बगल के ही स्कूल के रसोइया को इस बात की जानकारी दी. जानकारी मिलते ही रसोईया मौके पर पहुंचकर मिट्टी के नीचे दबे भगवान शिव की प्रतिमा को निकाला. इसके बाद से यहां पर भक्तों का आने-जाने का सिलसिला लगा हुआ है." -रामचंद्र मुखिया, पुजारी