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जानिए उस IAS अफसर के बारे में, जिन्हें मिली है जम्मू-कश्मीर की पहली नागरिकता - विश्व बैंक

आईएएस नवीन चौधरी इससे पहले केंद्र सरकार और विश्व बैंक में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. उनकी प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव के बुनियादी विद्यालय में हुई. उन्होंने हाई स्कूल की पढ़ाई ललितेश्वर-मधुसूदन हाई स्कूल आनंदपुर से किया.

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Published : Jun 27, 2020, 12:55 PM IST

Updated : Jun 27, 2020, 1:24 PM IST

दरभंगाः बिहार के लोगों की प्रतिभा, हिम्मत और कठिन से कठिन परिस्थिति में गुजर-बसर करने की अद्भुत क्षमता उन्हें शिखर पर ले जाती है. ऐसा ही एक कारनामा दरभंगा के आईएएस नवीन चौधरी ने कर दिखाया है. वह जम्मू-कश्मीर में भारत के पहले डोमिसाइल सर्टिफिकेटधारी नागरिक बन गए हैं, जो किसी दूसरे राज्य से ताल्लुक रखते हैं.

गांव में खुशी की लहर
नवीन को शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर की नागरिकता संबंधित सर्टिफिकेट दिया गया. नवीन की इस उपलब्धि पर हायाघाट प्रखंड के उनके पैतृक गांव मझौलिया में खुशी की लहर है. परिवार से लेकर गांव-जवार के लोग नवीन की उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

प्रधान सचिव के पद पर हैं कार्यरत
नवीन चौधरी ने 1994 में आईएएस की परीक्षा पास की थी. जिसमें देश में उन्हें छठा रैंक मिला था. उन्हें जम्मू-कश्मीर कैडर मिला था. फिलहाल वे जम्मू-कश्मीर के कृषि विभाग में प्रधान सचिव के पद पर कार्यरत हैं.

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आईएएस अधिकारी नवीन चौधरी

विश्व बैंक में भी दे चुके हैं सेवाएं
आईएएस नवीन चौधरी इससे पहले केंद्र सरकार और विश्व बैंक में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. उनकी प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव के बुनियादी विद्यालय में हुई. उन्होंने हाई स्कूल ललितेश्वर-मधुसूदन हाई स्कूल आनंदपुर से किया. इसके बाद पटना विवि से स्नातक किया.

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नागरिकता सर्टिफिकेट

सभी को है गर्व
नवीन के पिता देवकांत चौधरी ने बेटे के जम्मू-कश्मीर का स्थायी नागरिक बनने पर बेहद खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि पूरे गांव और जिले के लिए गर्व की बात है कि नवीन जम्मू-कश्मीर के पहले गैर कश्मीरी व्यक्ति हैं, जिन्हें वहां की नागरिकता मिली है. उन्होंने बेटे को शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया.

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नवीन के पिता देवकांत चौधरी

बना रहता है खतरा
वहीं, नवीन की माता वैदेही देवी ने कहा कि वे बेटे के साथ कई साल तक कश्मीर में रही हैं. वहां बहुत खतरा था. हमेशा गोला-बारूद और बम का खतरा रहता था. इसी बीच नवीन वहां नौकरी करते थे. उन्होंने कहा कि नवीन में बहुत हिम्मत है, तभी उन्होंने वहां बसने के लिए नागरिकता ली है.

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नवीन की मां वैदेही देवी

1994 में बने थे आईएएस
ग्रामीण विनयानंद चौधरी ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी हो रही है. इससे पहले नवीन 1994 में आईएएस बने थे तो काफी खुशी हुई थी. उन्होंने कहा कि नवीन को उन्होंने गोद में खिलाया है. नवीन भी उन्हें काफी सम्मान देते हैं. ग्रामीण ने कहा कि उनकी कामना है कि नवीन और तरक्की करें.

दरभंगाः बिहार के लोगों की प्रतिभा, हिम्मत और कठिन से कठिन परिस्थिति में गुजर-बसर करने की अद्भुत क्षमता उन्हें शिखर पर ले जाती है. ऐसा ही एक कारनामा दरभंगा के आईएएस नवीन चौधरी ने कर दिखाया है. वह जम्मू-कश्मीर में भारत के पहले डोमिसाइल सर्टिफिकेटधारी नागरिक बन गए हैं, जो किसी दूसरे राज्य से ताल्लुक रखते हैं.

गांव में खुशी की लहर
नवीन को शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर की नागरिकता संबंधित सर्टिफिकेट दिया गया. नवीन की इस उपलब्धि पर हायाघाट प्रखंड के उनके पैतृक गांव मझौलिया में खुशी की लहर है. परिवार से लेकर गांव-जवार के लोग नवीन की उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

प्रधान सचिव के पद पर हैं कार्यरत
नवीन चौधरी ने 1994 में आईएएस की परीक्षा पास की थी. जिसमें देश में उन्हें छठा रैंक मिला था. उन्हें जम्मू-कश्मीर कैडर मिला था. फिलहाल वे जम्मू-कश्मीर के कृषि विभाग में प्रधान सचिव के पद पर कार्यरत हैं.

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आईएएस अधिकारी नवीन चौधरी

विश्व बैंक में भी दे चुके हैं सेवाएं
आईएएस नवीन चौधरी इससे पहले केंद्र सरकार और विश्व बैंक में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. उनकी प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव के बुनियादी विद्यालय में हुई. उन्होंने हाई स्कूल ललितेश्वर-मधुसूदन हाई स्कूल आनंदपुर से किया. इसके बाद पटना विवि से स्नातक किया.

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नागरिकता सर्टिफिकेट

सभी को है गर्व
नवीन के पिता देवकांत चौधरी ने बेटे के जम्मू-कश्मीर का स्थायी नागरिक बनने पर बेहद खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि पूरे गांव और जिले के लिए गर्व की बात है कि नवीन जम्मू-कश्मीर के पहले गैर कश्मीरी व्यक्ति हैं, जिन्हें वहां की नागरिकता मिली है. उन्होंने बेटे को शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया.

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नवीन के पिता देवकांत चौधरी

बना रहता है खतरा
वहीं, नवीन की माता वैदेही देवी ने कहा कि वे बेटे के साथ कई साल तक कश्मीर में रही हैं. वहां बहुत खतरा था. हमेशा गोला-बारूद और बम का खतरा रहता था. इसी बीच नवीन वहां नौकरी करते थे. उन्होंने कहा कि नवीन में बहुत हिम्मत है, तभी उन्होंने वहां बसने के लिए नागरिकता ली है.

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नवीन की मां वैदेही देवी

1994 में बने थे आईएएस
ग्रामीण विनयानंद चौधरी ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी हो रही है. इससे पहले नवीन 1994 में आईएएस बने थे तो काफी खुशी हुई थी. उन्होंने कहा कि नवीन को उन्होंने गोद में खिलाया है. नवीन भी उन्हें काफी सम्मान देते हैं. ग्रामीण ने कहा कि उनकी कामना है कि नवीन और तरक्की करें.

Last Updated : Jun 27, 2020, 1:24 PM IST
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