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बिहार में बाढ़ से बे'पटरी' हुई जिंदगी, 'जुगाड़' के सहारे जी रहे हैं लोग

लोगों का आरोप है कि उन्हें सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली है. यहां तक कि कोई भी जनप्रतिनिधि उनसे मिलने तक नहीं आया है. रोजमर्रा के कई जरुरी सामान इस बाढ़ के पानी में बह गए.

दरभंगा में 'जुगाड़' पर तैर रही जिंदगी.
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Published : Jul 24, 2019, 7:04 PM IST

दरभंगा: बिहार में नदियां कहर बरपा रही हैं. उसपर से लगातार हो रही बारिश से खतरा बढ़ता जा रहा है. राज्य के 12 जिले के लोग इससे प्रभावित हैं. कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है. चारों ओर तबाही का मंजर नजर आ रहा है. इसी बीच दरभंगा से आई कुछ तस्वीरें काफी डरावनी है. यहां बाढ़ में फंसे लोगों को सरकारी मदद तो दूर जान बचाने के लिए नाव तक मयस्सर नहीं है. लोग जुगाड़ की नाव में जान हथेली पर रखकर आने-जाने को मजबूर हैं.

darbhanga flood
सैलाब के बीच मासूम.

'कोई सरकारी मदद नहीं'
जिले में बाढ़ की विनाशलीला इस कदर जारी है कि लोगों को बचने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है. लोगों का आरोप है कि उन्हें सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली है. यहां तक कि कोई भी जनप्रतिनिधि उनसे मिलने तक नहीं आया है. रोजमर्रा के कई जरुरी सामान इस बाढ़ में बह गए. आपदा की इस घड़ी में इंसान तो इंसान जानवर भी लाचार है. इन बेजुबानों को भी कुदरत का कहर झेलना पड़ रहा है.

darbhanga flood
सैलाब के बीच बिखरी जिंदगी.

खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियां
बिहार के 12 जिले बाढ़ से बेहाल हैं. जलग्रहण क्षेत्रों और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हुई बारिश के बाद बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति और बिगड़ गई है. बिहार में कई प्रमुख नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. आसमान से बरसती आफत ने जमीन पर कहर का सैलाब ला दिया है.

darbhanga flood
बाढ़ का कहर.

राहत कार्य चलाने का सरकार कर रही दावा
इस हालात में सरकार बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत कार्य चलाने का दावा कर रही है. जल संसाधान विभाग के प्रवक्ता अरविंद कुमार ने मंगलवार को बताया कि कोसी के जलस्तर में वीरपुर बैराज के पास कमी आई है. लेकिन, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, अधवारा समूह की नदियां, खिरोई और महानंदा कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इन सब इलाकों में खतरा बढ़ता जा रहा है.

दरभंगा में 'जुगाड़' पर तैर रही जिंदगी.

बिहार के 12 जिले बाढ़ से बेहाल
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार के 12 जिले शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार में अबतक बाढ़ से 104 लोगों की मौत हुई है, जबकि 77 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं

दरभंगा: बिहार में नदियां कहर बरपा रही हैं. उसपर से लगातार हो रही बारिश से खतरा बढ़ता जा रहा है. राज्य के 12 जिले के लोग इससे प्रभावित हैं. कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है. चारों ओर तबाही का मंजर नजर आ रहा है. इसी बीच दरभंगा से आई कुछ तस्वीरें काफी डरावनी है. यहां बाढ़ में फंसे लोगों को सरकारी मदद तो दूर जान बचाने के लिए नाव तक मयस्सर नहीं है. लोग जुगाड़ की नाव में जान हथेली पर रखकर आने-जाने को मजबूर हैं.

darbhanga flood
सैलाब के बीच मासूम.

'कोई सरकारी मदद नहीं'
जिले में बाढ़ की विनाशलीला इस कदर जारी है कि लोगों को बचने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है. लोगों का आरोप है कि उन्हें सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली है. यहां तक कि कोई भी जनप्रतिनिधि उनसे मिलने तक नहीं आया है. रोजमर्रा के कई जरुरी सामान इस बाढ़ में बह गए. आपदा की इस घड़ी में इंसान तो इंसान जानवर भी लाचार है. इन बेजुबानों को भी कुदरत का कहर झेलना पड़ रहा है.

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सैलाब के बीच बिखरी जिंदगी.

खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियां
बिहार के 12 जिले बाढ़ से बेहाल हैं. जलग्रहण क्षेत्रों और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हुई बारिश के बाद बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति और बिगड़ गई है. बिहार में कई प्रमुख नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. आसमान से बरसती आफत ने जमीन पर कहर का सैलाब ला दिया है.

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बाढ़ का कहर.

राहत कार्य चलाने का सरकार कर रही दावा
इस हालात में सरकार बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत कार्य चलाने का दावा कर रही है. जल संसाधान विभाग के प्रवक्ता अरविंद कुमार ने मंगलवार को बताया कि कोसी के जलस्तर में वीरपुर बैराज के पास कमी आई है. लेकिन, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, अधवारा समूह की नदियां, खिरोई और महानंदा कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इन सब इलाकों में खतरा बढ़ता जा रहा है.

दरभंगा में 'जुगाड़' पर तैर रही जिंदगी.

बिहार के 12 जिले बाढ़ से बेहाल
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार के 12 जिले शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार में अबतक बाढ़ से 104 लोगों की मौत हुई है, जबकि 77 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं

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दरभंगा: बिहार में नदियां कहर बरपा रही है. उसपर से लगातार हो रही बारिश से खतरा बढ़ता जा रहा है. राज्य के 12 जिले के लोग इससे प्रभावित है. कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है. चारों ओर तबाही का मंजर नजर आ रहा है. इसी बीच दरभंगा से आई कुछ तस्वीरें काफी डरावनी है. यहां बाढ़ में फंसे लोगों को सरकारी मदद तो दूर जान बचाने के लिए नाव तक मयस्सर नहीं है. लोग जुगाड़ की नाव में जान हथेली पर रखकर आने-जाने को मजबूर हैं.



'कोई सरकारी मदद नहीं' 

जिले में बाढ़ की विनाशलीला इस कदर जारी है कि लोगों को बचने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है. लोगों का आरोप है कि उन्हें सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली है. यहां तक कि कोई भी जनप्रतिनिधि उनसे मिलने तक नहीं आया है. रोजमर्रा के कई जरुरी सामान इस बाढ़ के पानी में बह गए. आपदा की इस घड़ी में इंसान तो इंसान जानवर भी लाचार है. इन बेजुबानों को भी कुदरत का कहर झेलना पड़ रहा है.



खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियां

बिहार के 12 जिले बाढ़ से बेहाल हैं. जलग्रहण क्षेत्रों और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हुई बारिश के बाद बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति और बिगड़ गई है. बिहार में कई प्रमुख नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. आसमान से बरसती आफत ने जमीन पर सैलाब का कहर ला दिया है.



राहत कार्य चलाने का सरकार कर रही दावा 

इस परिस्थिति में सरकार बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत कार्य चलाने का दावा कर रही है. जल संसाधान विभाग के प्रवक्ता अरविंद कुमार ने मंगलवार को बताया कि कोसी के जलस्तर में वीरपुर बैराज के पास कमी आई है, लेकिन बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, अधवारा समूह की नदियां, खिरोई तथा महानंदा कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इन सब इलाकों में खतरा बढ़ता जा रहा है. 



बिहार के 12 जिले बाढ़ से बेहाल 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार के 12 जिले शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं कटिहार में अब तक बाढ़ से 104 लोगों की मौत हुई है, जबकि 77 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं


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