दरभंगाः बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ गोपगुट के राज्यव्यापी आह्वान पर समाहरणालय स्थित धरना स्थल से प्रतिवाद मार्च निकाला गया. यह धरना स्थल से निकलकर शहर के विभिन्न चौक चौराहे होते हुए, जिला मुख्यालय पहुंचा. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जबरन सेवा निवृति आदेश और चार कोड श्रम कानूनों की प्रतियों को जलाते हुए, सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
शोषण के शिकार होंगे कर्मचारी
गोपगुट के जिला सह संयोजक डॉ संतोष कुमार यादव ने कहा कि जबरन सेवा निवृति करने का आदेश न्यायोचित नहीं है. सरकार के इस निर्णय से तानाशाही बढ़ेगी और कर्मचारी शोषण के शिकार होंगे. वही उन्होंने मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों को 50 साल के बाद चुनाव नहीं लड़ने या किसी पद पर बने रहने के अधिकार से वंचित करने की मांग की.
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श्रम कोड कानूनों को रद्द करने की मांग
प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर यह विरोध प्रदर्शन किया. राज्य सरकार ने 50 साल से अधिक उम्र के सरकारी सेवकों के कार्य क्षमता या आचार-विचार की समीक्षा के आधार पर जबरन सेवा निवृति करने के आदेश को रद्द करने, संविदा कर्मियों को सरकारी सेवक घोषित करने की मांग की. साथ ही केंद्र सरकार की मजदूरों को गुलाम बनाने वाली चार श्रम कोड कानूनों को रद्द करने की भी मांग की गई.