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पुष्पम प्रिया पर बोले JDU के पूर्व विधान पार्षद- बेटी को है मेरा आशीर्वाद

जेडीयू के पूर्व विधान पार्षद डॉ. विनोद चौधरी ने बेटी पुष्पम के बारे में कहा कि वो अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है. जेडीयू और नीतीश कुमार में मेरी आस्था बनी रहेगी.

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Published : Mar 9, 2020, 11:48 AM IST

Updated : Mar 9, 2020, 1:15 PM IST

Pushpam Priya
Pushpam Priya

दरभंगाः बिहार की राजनीति में इस समय पुष्पम प्रिया चौधरी ने तहलका मचा दिया है. जेडीयू के पूर्व विधान पार्षद डॉ. विनोद चौधरी की बेटी पुष्पम ने एक नया राजनीतिक दल 'प्लूरल्स' बनाकर खुद को बिहार के सीएम उम्मीदवार के तौर पर पेश किया है. पिता डॉ. विनोद चौधरी ने उन्हें आशीर्वाद दिया है और जेडीयू के समर्थन के बिना भी दरभंगा स्नातक क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा की है. इस बारे में ईटीवी भारत संवाददाता ने उनसे खास बातचीत की है.

सवाल: क्या है प्लूरल्स?
जवाब: यह एक राजनीतीक संगठन है. इस बारे में मुझे अखबार से पता चला. मेरी बात पुष्पम से एक सप्ताह पहले ही हुई थी. तब उसने बताया कि मैं अभी बिहार के दौरे पर हूं, यहां के हालात देख कर मैं काफी दुखी हूं. मिथिलांचल के विकास के लिए जो कार्य दरभंगा महराज ने किया, वो आज कहीं नहीं दिख रहा है. इस पर मैंने उन्हें कहा कि जो ऑफर उन्हें बड़ी कंपनियों की तरफ से मिल रहा है आप उसे ज्वाइन कर लिजिए और उस पर ध्यान दीजिए तो उन्होंने कहा कि मुझे कुछ बड़ा करना है और बिहार के लिए करना है. इसके बाद मेरी कोई बात उनसे नहीं हुई.

दरभंगा
अखबार में छपा विज्ञापन

सवाल: अचानक बिहार की राजनीति में पुष्पम की एंट्री का क्या मतलब है?
जवाब: इसका मतलब है कि समय पर हर बात होनी चाहिए. अगर समय से पूर्व कुछ होता है तो उसका मतलब नहीं बनता. उसे ये लगा कि अभी सही समय है दस्तक देने का तो उसने एंट्री ली. वो बिहार के लोगों से पिछले साल भर से जुड़ रही है.

दरभंगा
पुष्पम प्रिया चौधरी का ट्विटर हैंडल

सवाल: आप जेडीयू के नेता है और बेटी खुद को बिहार का सीएम घोषित कर एक दूसरा संगठन बनाती है तो इस पर क्या कहेंगे.
जवाब: आपके सामने गॉवालियर महरानी का उदाहरण है कि मां कहीं और बेटा कहीं, और भी ऐसे कई उदाहरण है. पुष्पम एक अच्छे और बड़े सस्ंथान में पढ़ी लिखी है. इसलिए उसका अपना सोच है. मेरे मन में माननीय नीतीश कुमार के लिए हमेशा सम्मान रहेगा और बेटी को मेरा आशीर्वाद है. मिथिलांच की परंपरा है, बेटी सबसे प्रिय होती है माता-पिता के लिए.

दरभंगा
पूर्व विधान पार्षद विनोद चौधरी की बेटी हैं पुष्पम प्रिया चौधरी

सवाल: आप आगे चलकर नीतीश कुमार के साथ जाएंगे या बेटी के साथ?
जवाब: मेरे जाने का अभी कोई सवाल नहीं उठता है. मैं अभी जहां हूं वहीं रहूंगा. पुष्पम के साथ बहुत सारे लोग जुड़े हुए हैं.

सवाल: क्या आप अपनी बेटी की मुहिम से जुड़ेंगे?
जवाब: मुहिम से जुड़ने की बात मैंने नहीं कही है. मैनें कहा कि मेरा आशीर्वाद उसके साथ है. जब तक नीतीश कुमार खुद मुझे पार्टी से निष्कासित नहीं करते मैं जेडीयू में ही रहूंगा.

दरभंगा
पुष्पम प्रिया चौधरी (फाइल फोटो)

सवाल: आप फिर से चुनाव की तैयारी कर रहे हैं, अगर दरभंगा से जगह नहीं मिलती है तो क्या करेंगे?
जवाब: मैं चुनाव लड़ूगा. ये बात मैंने माननीय नीतीश कुमार जी को बता रखी है कि मुझको हर हाल में चुनाव लड़ना है.

सवाल: क्या आप निर्दलिय चुनाव लड़ेंगे?
जवाब: मैं चुनाव लड़ूंगा, मेरा इतना ही कहना है अभी.

पुष्पम प्रिया के पिता और JDU के पूर्व विधान पार्षद डॉ. विनोद चौधरी से बातचीत

सवाल: क्या इन सब मामले पर पटना से कोई संदेश मिला है?
जवाब: मुझसे पार्टी के वरिष्ठ नेता ने रात में फोन पर बात की. हालांकि इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता पाउंगा, क्योंकि फोन पर बात हुई. हां लेकिन मैंने उनसे एक बात जरूर कही है कि मैं नीतीश कुमार का आज भी सम्मान करता हूं और मेरा उनसे व्यतिगत और पारिवारिक लगाव रहा है.

दरभंगाः बिहार की राजनीति में इस समय पुष्पम प्रिया चौधरी ने तहलका मचा दिया है. जेडीयू के पूर्व विधान पार्षद डॉ. विनोद चौधरी की बेटी पुष्पम ने एक नया राजनीतिक दल 'प्लूरल्स' बनाकर खुद को बिहार के सीएम उम्मीदवार के तौर पर पेश किया है. पिता डॉ. विनोद चौधरी ने उन्हें आशीर्वाद दिया है और जेडीयू के समर्थन के बिना भी दरभंगा स्नातक क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा की है. इस बारे में ईटीवी भारत संवाददाता ने उनसे खास बातचीत की है.

सवाल: क्या है प्लूरल्स?
जवाब: यह एक राजनीतीक संगठन है. इस बारे में मुझे अखबार से पता चला. मेरी बात पुष्पम से एक सप्ताह पहले ही हुई थी. तब उसने बताया कि मैं अभी बिहार के दौरे पर हूं, यहां के हालात देख कर मैं काफी दुखी हूं. मिथिलांचल के विकास के लिए जो कार्य दरभंगा महराज ने किया, वो आज कहीं नहीं दिख रहा है. इस पर मैंने उन्हें कहा कि जो ऑफर उन्हें बड़ी कंपनियों की तरफ से मिल रहा है आप उसे ज्वाइन कर लिजिए और उस पर ध्यान दीजिए तो उन्होंने कहा कि मुझे कुछ बड़ा करना है और बिहार के लिए करना है. इसके बाद मेरी कोई बात उनसे नहीं हुई.

दरभंगा
अखबार में छपा विज्ञापन

सवाल: अचानक बिहार की राजनीति में पुष्पम की एंट्री का क्या मतलब है?
जवाब: इसका मतलब है कि समय पर हर बात होनी चाहिए. अगर समय से पूर्व कुछ होता है तो उसका मतलब नहीं बनता. उसे ये लगा कि अभी सही समय है दस्तक देने का तो उसने एंट्री ली. वो बिहार के लोगों से पिछले साल भर से जुड़ रही है.

दरभंगा
पुष्पम प्रिया चौधरी का ट्विटर हैंडल

सवाल: आप जेडीयू के नेता है और बेटी खुद को बिहार का सीएम घोषित कर एक दूसरा संगठन बनाती है तो इस पर क्या कहेंगे.
जवाब: आपके सामने गॉवालियर महरानी का उदाहरण है कि मां कहीं और बेटा कहीं, और भी ऐसे कई उदाहरण है. पुष्पम एक अच्छे और बड़े सस्ंथान में पढ़ी लिखी है. इसलिए उसका अपना सोच है. मेरे मन में माननीय नीतीश कुमार के लिए हमेशा सम्मान रहेगा और बेटी को मेरा आशीर्वाद है. मिथिलांच की परंपरा है, बेटी सबसे प्रिय होती है माता-पिता के लिए.

दरभंगा
पूर्व विधान पार्षद विनोद चौधरी की बेटी हैं पुष्पम प्रिया चौधरी

सवाल: आप आगे चलकर नीतीश कुमार के साथ जाएंगे या बेटी के साथ?
जवाब: मेरे जाने का अभी कोई सवाल नहीं उठता है. मैं अभी जहां हूं वहीं रहूंगा. पुष्पम के साथ बहुत सारे लोग जुड़े हुए हैं.

सवाल: क्या आप अपनी बेटी की मुहिम से जुड़ेंगे?
जवाब: मुहिम से जुड़ने की बात मैंने नहीं कही है. मैनें कहा कि मेरा आशीर्वाद उसके साथ है. जब तक नीतीश कुमार खुद मुझे पार्टी से निष्कासित नहीं करते मैं जेडीयू में ही रहूंगा.

दरभंगा
पुष्पम प्रिया चौधरी (फाइल फोटो)

सवाल: आप फिर से चुनाव की तैयारी कर रहे हैं, अगर दरभंगा से जगह नहीं मिलती है तो क्या करेंगे?
जवाब: मैं चुनाव लड़ूगा. ये बात मैंने माननीय नीतीश कुमार जी को बता रखी है कि मुझको हर हाल में चुनाव लड़ना है.

सवाल: क्या आप निर्दलिय चुनाव लड़ेंगे?
जवाब: मैं चुनाव लड़ूंगा, मेरा इतना ही कहना है अभी.

पुष्पम प्रिया के पिता और JDU के पूर्व विधान पार्षद डॉ. विनोद चौधरी से बातचीत

सवाल: क्या इन सब मामले पर पटना से कोई संदेश मिला है?
जवाब: मुझसे पार्टी के वरिष्ठ नेता ने रात में फोन पर बात की. हालांकि इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता पाउंगा, क्योंकि फोन पर बात हुई. हां लेकिन मैंने उनसे एक बात जरूर कही है कि मैं नीतीश कुमार का आज भी सम्मान करता हूं और मेरा उनसे व्यतिगत और पारिवारिक लगाव रहा है.

Last Updated : Mar 9, 2020, 1:15 PM IST
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