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खाद्य आपूर्ति मंत्री मदन सहनी बोले-'आंकड़ों के फेर में न पड़ें रामविलास पासवान, गरीब बिहार की करें मदद'

खाद्य आपूर्ति मंत्री ने पासवान के उस आरोप को खारिज कर दिया कि बिहार सरकार ने 14 लाख लोगों के नाम पीडीएस पोर्टल पर नहीं डाले हैं. 14 लाख में से 7 लाख लोगों के नाम पोर्टल पर डाले जा चुके हैं. शेष 7 लाख प्रक्रिया में है और काम रुका नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र नहीं भी मदद करे तब भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने बूते जितना हो सकेगा गरीबों की मदद करेंगे. किसी को भूखे नहीं मरने देंगे.

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Published : May 2, 2020, 10:17 AM IST

Updated : May 22, 2020, 3:13 PM IST

दरभंगाः कोरोना महामारी की वजह से जारी लॉक डाउन के कारण बिहार के गरीब लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न है. ऐसे में राज्य सरकार ने केंद्र से 30 लाख परिवारों के डेढ़ करोड़ लोगों के लिए 75 लाख मिट्रिक टन अनाज की मांग की थी. जिसे केंद्र ने खारिज कर दिया है.

वहीं, केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने बिहार के खाद्य आपूर्ति मंत्री मदन सहनी को पत्र लिखकर कहा है कि नियमों के तहत अगली जनगणना रिपोर्ट आने तक राज्य का कोटा नहीं बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने उल्टे बिहार पर आरोप लगाया है कि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत 14 लाख लोगों का आंकड़ा पीडीएस पोर्टल पर बिहार को डालना था, जो वर्ष 2016 से ही लंबित है. इसलिए वह अनाज भी बिहार को नहीं मिल रहा है.

वहीं, केंद्र के इस जवाब के बाद बिहार सरकार सकते में है. राज्य के खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी से ईटीवी भारत संवाददाता विजय कुमार श्रीवास्तव ने एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए राज्य सरकार का पक्ष रखा.

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निर्गत पत्र

लॉक डाउन में गरीबों के सामने भुखमरी की स्थिती उत्पन्न
मंत्री मदन सहनी ने कहा कि बिहार सरकार ने राशन से वंचित लोगों का विधिवत सर्वेक्षण करवाया था. जीविका दीदियों से लेकर कई एजेंसियों तक की सर्वेक्षण रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार से 30 लाख छूटे हुए परिवारों के करीब डेढ़ करोड़ लोगों के लिए 75 लाख टन अनाज उपलब्ध करवाने के लिए उन्होंने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को पत्र लिखा था. लेकिन पासवान ने अनाज देने से इनकार करते हुए ये जवाब दिया है कि 2021 की जनगणना रिपोर्ट आने तक बिहार को अतिरिक्त अनाज नहीं दिया जा सकता है. मदन सहनी ने कहा कि वे रामविलास पासवान के इस जवाब से सकते में हैं. उन्हें बिहार के गरीब लोगों की चिंता है.

देखें पूरी रिपोर्ट

14 लाख लोगों के नाम पीडीएस पोर्टल पर नहीं
खाद्य आपूर्ति मंत्री ने पासवान के उस आरोप को खारिज कर दिया कि बिहार सरकार ने 14 लाख लोगों के नाम पीडीएस पोर्टल पर नहीं डाले हैं. 14 लाख में से 7 लाख लोगों के नाम पोर्टल पर डाले जा चुके हैं. शेष 7 लाख प्रक्रिया में है और काम रुका नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र नहीं भी मदद करे तब भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने बूते जितना हो सकेगा गरीबों की मदद करेंगे. किसी को भूखे नहीं मरने देंगे.

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निर्गत पत्र

गरीबों की करें मदद
मदन सहनी ने कहा कि पासवान जी बिहार को आंकड़ों के फेर में न डालें. ये एक गरीब राज्य है. उस अनाज पर बिहार के गरीबों का हक है. उन्होंने कहा कि जब भी कोई योजना बनती है तो उसमें ऐसी महामारी की परिस्थिति की कल्पना नहीं की जाती. अगर ऐसे नियम हैं भी तो उन्हें शिथिल कर बिहार की मदद करनी चाहिए. मंत्री ने कहा कि पासवान जी बिहार से ही आते हैं और एनडीए गठबंधन के नेता हैं. इसलिए उन्हें उम्मीद है कि वे बिहार की मदद करेंगे.

दरभंगाः कोरोना महामारी की वजह से जारी लॉक डाउन के कारण बिहार के गरीब लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न है. ऐसे में राज्य सरकार ने केंद्र से 30 लाख परिवारों के डेढ़ करोड़ लोगों के लिए 75 लाख मिट्रिक टन अनाज की मांग की थी. जिसे केंद्र ने खारिज कर दिया है.

वहीं, केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने बिहार के खाद्य आपूर्ति मंत्री मदन सहनी को पत्र लिखकर कहा है कि नियमों के तहत अगली जनगणना रिपोर्ट आने तक राज्य का कोटा नहीं बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने उल्टे बिहार पर आरोप लगाया है कि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत 14 लाख लोगों का आंकड़ा पीडीएस पोर्टल पर बिहार को डालना था, जो वर्ष 2016 से ही लंबित है. इसलिए वह अनाज भी बिहार को नहीं मिल रहा है.

वहीं, केंद्र के इस जवाब के बाद बिहार सरकार सकते में है. राज्य के खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी से ईटीवी भारत संवाददाता विजय कुमार श्रीवास्तव ने एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए राज्य सरकार का पक्ष रखा.

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लॉक डाउन में गरीबों के सामने भुखमरी की स्थिती उत्पन्न
मंत्री मदन सहनी ने कहा कि बिहार सरकार ने राशन से वंचित लोगों का विधिवत सर्वेक्षण करवाया था. जीविका दीदियों से लेकर कई एजेंसियों तक की सर्वेक्षण रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार से 30 लाख छूटे हुए परिवारों के करीब डेढ़ करोड़ लोगों के लिए 75 लाख टन अनाज उपलब्ध करवाने के लिए उन्होंने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को पत्र लिखा था. लेकिन पासवान ने अनाज देने से इनकार करते हुए ये जवाब दिया है कि 2021 की जनगणना रिपोर्ट आने तक बिहार को अतिरिक्त अनाज नहीं दिया जा सकता है. मदन सहनी ने कहा कि वे रामविलास पासवान के इस जवाब से सकते में हैं. उन्हें बिहार के गरीब लोगों की चिंता है.

देखें पूरी रिपोर्ट

14 लाख लोगों के नाम पीडीएस पोर्टल पर नहीं
खाद्य आपूर्ति मंत्री ने पासवान के उस आरोप को खारिज कर दिया कि बिहार सरकार ने 14 लाख लोगों के नाम पीडीएस पोर्टल पर नहीं डाले हैं. 14 लाख में से 7 लाख लोगों के नाम पोर्टल पर डाले जा चुके हैं. शेष 7 लाख प्रक्रिया में है और काम रुका नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र नहीं भी मदद करे तब भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने बूते जितना हो सकेगा गरीबों की मदद करेंगे. किसी को भूखे नहीं मरने देंगे.

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गरीबों की करें मदद
मदन सहनी ने कहा कि पासवान जी बिहार को आंकड़ों के फेर में न डालें. ये एक गरीब राज्य है. उस अनाज पर बिहार के गरीबों का हक है. उन्होंने कहा कि जब भी कोई योजना बनती है तो उसमें ऐसी महामारी की परिस्थिति की कल्पना नहीं की जाती. अगर ऐसे नियम हैं भी तो उन्हें शिथिल कर बिहार की मदद करनी चाहिए. मंत्री ने कहा कि पासवान जी बिहार से ही आते हैं और एनडीए गठबंधन के नेता हैं. इसलिए उन्हें उम्मीद है कि वे बिहार की मदद करेंगे.

Last Updated : May 22, 2020, 3:13 PM IST
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