दरभंगा: नेपाल के तराई क्षेत्र में हो रहे बारिश के कारण कमला, कोशी और अधवारा समूह की नदीयों के जलस्तर में वृद्धि हुई है. जिसके कारण कमला नदी के पूर्वी और पश्चिमी तटबंधों के बीच में बसे दर्जनों गांव की सड़क का संपर्क मुख्यालय से टूट गया है. वहीं दूसरी तरफ जलस्तर में वृद्धि होने कारण कमला नदी के तटबंध किनारे स्थित रसियारी मध्य विद्यालय परिसर में बाढ़ का पानी घुस गया है. जिसके कारण विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य बाधित हो गया है.
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नीचले इलाके में फैला बाढ़ का पानी: स्थानीय लोगों की मानें तो प्रत्येक वर्ष बारिश का महीना शुरू होते ही स्कूल परिसर में बाढ़ का पानी घुस आता है. जिससे पठन-पाठन बाधित हो जाता है. दरअसल, कमला नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने के कारण घनश्यामपुर, किरतपुर व कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के दर्जनों गांव का सड़क संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट गया है. जिसके चलते लोगों को अपनी जरूरत का सामान लाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है.
पशुपालकों के सामने हरा चारा का संकट: नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी पशु पालकों को हो गई है. बढ़ते जल स्तर को देखकर पशुपालक अपने पशुओं को लेकर ऊंचे स्थल पर शरण ले रहे हैं. वहीं चौर में बाढ़ का पानी फैल जाने के कारण पशुपालकों के सामने हरा चारा का संकट उत्पन्न हो गया है. स्थानीय पंकज कुमार ने बताया कि प्रत्येक वर्ष उन्हें बाढ़ की विभिषिका से जूझना पड़ता है.
"तकरीबन 6 महीना इसी प्रकार की स्थिति बनी रहती है. जिसके चलते कमला नदी के तटबंध के अंदर पड़ने वाले रसियारी मध्य विद्यालय में 3 महीनों से ज्यादा पढ़ाई लिखाई का नहीं हो पाती है. यहां पर इस प्रकार की स्थिति तकरीबन 20 सालों से बनी हुई है लेकिन आज तक इस पर ना तो प्रशासन ने ध्यान दिया और ना ही यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने, जिसके चलते हमेशा परेशानी बनी रहती है. इसका असर बच्चों के पढ़ाई लिखाई पर काफी ज्यादा पड़ रहा है."- पंकज कुमार, स्थानीय
बाढ़ पीड़ितों को मिलेगी सहायता: घनश्यामपुर प्रखंड क्षेत्र में कमला नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण लगमा जमुरीडीह, लगमा मुसहरी, बाउर गांव, गिद्धहा टोला, नवटोलिया, भरसाहा इत्यादि गांव में बाढ़ का पानी फैल गया है. इन गांव की सड़क पर 3 फीट पानी फैल गया है. जिस कारण से आवागमन बाधित हो गया है. वहीं राजस्व कर्मचारी राकेश कुमार के जांच प्रतिवेदन के आधार पर अंचलाधिकारी नीलोफर मल्लिका के द्वारा कुल आठ जगहों पर नाव परिचालन शुरू कराया गया है. पीड़ित लोगों को चिन्हित कर पॉलिथीन सीट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.