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जमींदारी बांध टूटने से बढ़ी दरभंगा जिले की मुसीबत, कई इलाकों में घुसा पानी

लोगों ने बताया कि यह बांध साल 1987, 2004 और 2007 की बाढ़ में भी टूटा था. हर बार इसे नये सिरे से मजबूत बनाने का आदेश दिया गया था. लेकिन,  इस बांध को बनाने में अनियमितता बरती गयी.

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Published : Jul 22, 2019, 10:52 PM IST

लगातार हो रहा कटाव

दरभंगा: बागमती नदी के कहर से शहर के निचले इलाकों पहले ही जलमग्न हैं. इसी बीच जिला मुख्यालय के शहर लहेरियासराय के नजदीक भरौल में खिरोई नदी का जमींदारी बांध भी टूट गया. जिसके कारण मुसीबत दोगुनी हो गई है. इसके वजह से मुख्य शहर पर बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है.

जल संसाधन विभाग के 6 इंजीनियरों और करीब 100 मजदूरों की टीम इस बांध को फिर से बांधने में लगी हैं. लेकिन, बांध लगातार कट रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि खिरोई का जमींदारी बांध टूट जाने के कारण पानी तेजी से फैल रहा है.

स्थानीय लोग और अभियंता का बयान

हर साल होते हैं यही हालात
पानी बढ़ने से शहर के किलाघाट और लहेरियासराय के इलाकों पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. करीब 50 मीटर में टूट चुके बांध को एक तरफ से बचाने का काम चल रहा है. लेकिन, दूसरी तरफ से पानी का अधिक दबाव होने की वजह से बांध लगातार कट रहा है. लोगों ने बताया कि यह बांध साल 1987, 2004 और 2007 की बाढ़ में भी टूटा था.

कमजोर बना था बांध
हर बार इसे नये सिरे से मजबूत बनाने का आदेश दिया गया था. लेकिन, इस बांध को बनाने में अनियमितता बरती गयी. जिस कारण यह कमजोर बना है. इसको लेकर विधानसभा में प्रश्न उठाया गया था. उसके बाद जांच के लिये पटना से इंजीनियरों की टीम आयी थी. फिर काम रुक गया. बांध को बचाने का पहले से कोई प्रयास नहीं किया गया. इसलिये अब मुसीबत हो रही है.

darbhanga
लगातार हो रहा कटाव

मरम्मत काम जारी है
जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता बबन प्रसाद ने बताया कि इंजीनियरों की टीम लगातार बांध को टूटने से बचाने का प्रयास कर रही है. सीमेंट की बोरियों से टूटे बांध की मरम्मत की जा रही है. अगर पानी का दबाव ऐसा ही रहा तो मरम्मत में दिक्कत आयेगी. इससे शहरी सुरक्षा तटबंध पर दबाव बढ़ रहा है. शहर पर बाढ़ का खतरा होगा.

दरभंगा: बागमती नदी के कहर से शहर के निचले इलाकों पहले ही जलमग्न हैं. इसी बीच जिला मुख्यालय के शहर लहेरियासराय के नजदीक भरौल में खिरोई नदी का जमींदारी बांध भी टूट गया. जिसके कारण मुसीबत दोगुनी हो गई है. इसके वजह से मुख्य शहर पर बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है.

जल संसाधन विभाग के 6 इंजीनियरों और करीब 100 मजदूरों की टीम इस बांध को फिर से बांधने में लगी हैं. लेकिन, बांध लगातार कट रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि खिरोई का जमींदारी बांध टूट जाने के कारण पानी तेजी से फैल रहा है.

स्थानीय लोग और अभियंता का बयान

हर साल होते हैं यही हालात
पानी बढ़ने से शहर के किलाघाट और लहेरियासराय के इलाकों पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. करीब 50 मीटर में टूट चुके बांध को एक तरफ से बचाने का काम चल रहा है. लेकिन, दूसरी तरफ से पानी का अधिक दबाव होने की वजह से बांध लगातार कट रहा है. लोगों ने बताया कि यह बांध साल 1987, 2004 और 2007 की बाढ़ में भी टूटा था.

कमजोर बना था बांध
हर बार इसे नये सिरे से मजबूत बनाने का आदेश दिया गया था. लेकिन, इस बांध को बनाने में अनियमितता बरती गयी. जिस कारण यह कमजोर बना है. इसको लेकर विधानसभा में प्रश्न उठाया गया था. उसके बाद जांच के लिये पटना से इंजीनियरों की टीम आयी थी. फिर काम रुक गया. बांध को बचाने का पहले से कोई प्रयास नहीं किया गया. इसलिये अब मुसीबत हो रही है.

darbhanga
लगातार हो रहा कटाव

मरम्मत काम जारी है
जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता बबन प्रसाद ने बताया कि इंजीनियरों की टीम लगातार बांध को टूटने से बचाने का प्रयास कर रही है. सीमेंट की बोरियों से टूटे बांध की मरम्मत की जा रही है. अगर पानी का दबाव ऐसा ही रहा तो मरम्मत में दिक्कत आयेगी. इससे शहरी सुरक्षा तटबंध पर दबाव बढ़ रहा है. शहर पर बाढ़ का खतरा होगा.

Intro:दरभंगा। शहर के निचले इलाकों में बागमती नदी की बाढ़ का पानी पहले से फैला है। अब जिला मुख्यालय के शहर लहेरियासराय के नज़दीक भरौल में खिरोई नदी का जमींदारी बांध टूट गया है। इसकी वजह से मुख्य शहर पर बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। जल संसाधन विभाग के 6 इंजीनियरों और करीब 100 मज़दूरों की टीम इस बांध को फिर से बांधने में लगी है, लेकिन बांध लगातार कट रहा है। ई टीवी भारत की टीम ने मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया।


Body:स्थानीय लोगों ने बताया कि खिरोई का जमींदारी बांध टूटने से पानी तेज़ी से फैल रहा है। इसकी वजह से शहर के किलाघाट, और लहेरियासराय के इलाकों पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। करीब 50 मीटर में टूट चुके बांध को एक तरफ से बचाने का काम चल रहा है, लेकिन दूसरी तरफ से पानी का अधिक दबाव होने की वजह से बांध लगातार कट रहा है। लोगों ने बताया कि यह बांध वर्ष 1987, 2004 और 2007 की बाढ़ में भी टूटा था। नये सिरे से इसे मज़बूत बनाने का आदेश दिया गया था। इस बांध को बनाने में अनियमितता बरती गयी है। यह कमज़ोर बना है। इसको लेकर विधानसभा में प्रश्न उठाया गया था। उसके बाद जांच के लिये पटना से इंजीनियरों की टीम आयी थी। उसके बाद काम रुक गया था। बांध को बचाने का पहले से कोई प्रयास नहीं किया गया। इसलिये यह टूट गया।


Conclusion:जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता बबन प्रसाद ने बताया कि इंजीनियरों की टीम लगातार बांध को ज़्यादा टूटने से बचाने का प्रयास कर रही है। सीमेंट की बोरियों से टूटे बांध की मरम्मत की जा रही है। अगर पानी का दबाव ऐसा ही रहा तो मरम्मत में दिक्कत आयेगी। इससे शहरी सुरक्षा तटबंध पर दबाव बढ़ रहा है। शहर पर बाढ़ का खतरा होगा।

बाइट 1- बबन प्रसाद, सहायक अभियंता, जल संसाधन विभाग


walkthrough के साथ
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विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा

नोट- वाक थ्रू में आखिरी बाइट सहायक अभियंता बबन प्रसाद की है।
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