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ग्राउंड रिपोर्ट: दरभंगा-समस्तीपुर स्टेट हाईवे बना बाढ़ प्रभावितों का आश्रय स्थल

बागमती नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण हनुमान नगर प्रखंड क्षेत्र स्थित नर दरिया गांव में लोगों के खेत-खलिहान डूब गए हैं. जिस कारण मवेशियों के चारा और ग्रामीणों के रहने की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. लोग गांव छोड़कर सुरक्षित स्थान की तलाश में पलायन कर रहे हैं.

दरभंगा
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Published : Jul 20, 2020, 11:42 AM IST

दरभंगा: जिले के बहादुरपुर विधानसभा क्षेत्र के दरभंगा-समस्तीपुर मुख्य सड़क पर नरदरिया से डीलाही चौक तक बाढ़ पीड़ितों ने तिरपाल लगाकर रहने को मजबूर हैं. दरभंगा में बागमती नदी का पानी कई रिहायशी इलाकों में तेजी से फैल रहा है. इसी क्रम में नरदरिया गांव के निचले हिस्से में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जिससे स्थानीय लोगों और उनके मवेशियों के चारा की एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है.

दरभंगा
बाढ़ प्रभावित

गौरतलब है कि बागमती नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण हनुमान नगर प्रखंड क्षेत्र स्थित नर दरिया गांव में लोगों के खेत-खलिहान डूब गए हैं. जिस कारण मवेशियों के चारा और ग्रामीणों के रहने की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. जिस वजह से लोग गांव छोड़कर सुरक्षित स्थान की तलाश में पलायन कर रहे हैं.

दरभंगा
बाढ़ प्रभावितों ने सड़क पर लिया आश्रय

स्टेट हाईवे पर आशियाना डालने में परेशानी
वहीं इस दौरान दरभंगा-समस्तीपुर मुख्य सड़क के किनारे बाढ़ की विषमता को देखते हुए पीड़ितों ने अपना डेरा डाला है. वहीं स्टेट स्थित हाईवे के पास स्थित निर्दलीय चौक पर भी आशियाना डालने में बाढ़-पीड़ितों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बता दें कि जगह कम होने के कारण लोग आपस में ही झगड़ा भी कर लेते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'गांव छोड़कर सड़क पर रहने को विवश'
स्थानीय सुशीला देवी ने बताया कि तिरपाल लगाने के लिए जगह चेक करने में भी लोग एक-दूसरे से झगड़ने लग रहे हैं. इसी क्रम में मनटून कुमार ने बताया कि गांव में पानी आ जाने के कारण हम लोग सड़क पर रहने के लिए मजबूर हैं. मनटून ने कहा कि इस बार तो सरकार ने बाढ़ प्रभावितों को पन्नी देने की भी जहमत नहीं उठाई. वहीं सज्जन साहनी ने बताया कि इस समय मवेशियों के चारा की काफी समस्या हो गयी है. इसलिए हम लोग गांव छोड़कर सड़क पर रहने को विवश हैं.

दरभंगा: जिले के बहादुरपुर विधानसभा क्षेत्र के दरभंगा-समस्तीपुर मुख्य सड़क पर नरदरिया से डीलाही चौक तक बाढ़ पीड़ितों ने तिरपाल लगाकर रहने को मजबूर हैं. दरभंगा में बागमती नदी का पानी कई रिहायशी इलाकों में तेजी से फैल रहा है. इसी क्रम में नरदरिया गांव के निचले हिस्से में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जिससे स्थानीय लोगों और उनके मवेशियों के चारा की एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है.

दरभंगा
बाढ़ प्रभावित

गौरतलब है कि बागमती नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण हनुमान नगर प्रखंड क्षेत्र स्थित नर दरिया गांव में लोगों के खेत-खलिहान डूब गए हैं. जिस कारण मवेशियों के चारा और ग्रामीणों के रहने की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. जिस वजह से लोग गांव छोड़कर सुरक्षित स्थान की तलाश में पलायन कर रहे हैं.

दरभंगा
बाढ़ प्रभावितों ने सड़क पर लिया आश्रय

स्टेट हाईवे पर आशियाना डालने में परेशानी
वहीं इस दौरान दरभंगा-समस्तीपुर मुख्य सड़क के किनारे बाढ़ की विषमता को देखते हुए पीड़ितों ने अपना डेरा डाला है. वहीं स्टेट स्थित हाईवे के पास स्थित निर्दलीय चौक पर भी आशियाना डालने में बाढ़-पीड़ितों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बता दें कि जगह कम होने के कारण लोग आपस में ही झगड़ा भी कर लेते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'गांव छोड़कर सड़क पर रहने को विवश'
स्थानीय सुशीला देवी ने बताया कि तिरपाल लगाने के लिए जगह चेक करने में भी लोग एक-दूसरे से झगड़ने लग रहे हैं. इसी क्रम में मनटून कुमार ने बताया कि गांव में पानी आ जाने के कारण हम लोग सड़क पर रहने के लिए मजबूर हैं. मनटून ने कहा कि इस बार तो सरकार ने बाढ़ प्रभावितों को पन्नी देने की भी जहमत नहीं उठाई. वहीं सज्जन साहनी ने बताया कि इस समय मवेशियों के चारा की काफी समस्या हो गयी है. इसलिए हम लोग गांव छोड़कर सड़क पर रहने को विवश हैं.

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