दरभंगा: साल के करीब 6 महीने तक बाढ़ का दंश झेलने वाले कुशेश्वरस्थान में उपचुनाव (kusheshwarsthan By-Election ) के कारण तमाम राजनीतिक दांव पेंच अपनाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ यहां के किसानों की तकदीर आजतक नहीं बदली है. कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड की केवटगामा पंचायत (Kewatgama Panchayat) की करीब 500 एकड़ खेती की जमीन पर जलजमाव से कृषक परेशान हैं.
यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुरः बाढ़ ने तोड़ दी सब्जी किसानों की कमर, लगा रहे सरकार से मदद की गुहार
कुशेश्वरस्थान में 30 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव की वजह से राजनीतिक दांव-पेच, वादों और दावों का खेल चल रहा है, राजनीतिक बिसात पर शह-मात की बाजी खेली जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ करीब 200 किसान अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहे हैं, जिस पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है.
यह भी पढ़ें- कुशेश्वरस्थान उपचुनाव: दांव पर JDU की प्रतिष्ठा, RJD-कांग्रेस में भी ठनी
कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड की केवटगामा पंचायत की करीब 500 एकड़ खेती की जमीन है, जिस पर हर साल किसान गेहूं और मक्के की फसल लगाते हैं. इस बार उन खेतों में जलजमाव है. इसकी वजह से इन किसानों की रबी की फसल लगाने की आस टूटती नजर आ रही है. किसानों का कहना है कि हर साल पानी वहां बने पुल के रास्ते निकल जाता था, लेकिन इस बार सड़क बनाने के लिए ठेकेदार ने पुल के बगल में मिट्टी और रोड़ा भर कर डायवर्सन बना दिया है. इसकी वजह से पानी किसानों के खेतों में लबालब भरा हुआ है.
"केवटगामा पंचायत में हर साल बाढ़ का पानी आता है, लेकिन रबी फसल लगाने के पहले यह पानी पुल होते हुए निकल जाता है.इस इलाके में यातायात बहाल करने के लिए ठेकेदार ने सड़क बनाई है और पुल के पास रोड़ा और मिट्टी डालकर डायवर्सन बना दिया है. इसकी वजह से यह पानी खेतों में ही रुक गया है.अगर ठेकेदार ने जल्दी काम खत्म किया होता और डायवर्सन के बजाए जल्द पुल का निर्माण हो जाता और हमारे खेत नहीं डूबते थे."- रामविलास मुखिया, किसान
यह भी पढ़ें- ग्राउंड रिपोर्टः दूसरों को भोजन देने वाला अन्नदाता आज खुद दाने-दाने को हुआ मोहताज
चुनावी शोरगुल में न जनप्रतिनिधियों की और न ही अफसरों की नजर ही इधर पड़ रही है. किसानों का कहना है कि अगर वे अगली फसल नहीं लगाएंगे तो कहां से खाएंगे. उनके सामने भुखमरी की स्थिति आ जाएगी.
अगर रबी की फसल नहीं लगाएंगे तो खाएंगे क्या. इलाके में करीब 200 ऐसे किसान हैं जिनके खेत में 2 से 3 फीट पानी भरा हुआ है. ऐसे में खेती संभव नहीं है. अगर फसल नहीं हुई तो हमारे सामने भुखमरी की समस्या पैदा हो जाएगी. सरकार से जल्द पानी निकालने का इंतजाम करे."- शंकर यादव, किसान