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दरभंगा: विभागीय लापरवाही से किसान परेशान, ना समय पर खाद आपूर्ति.. ना ही फसल क्षति का मिलता है मुआवजा - हनुमाननगर प्रखंड क्षेत्र

दरभंगा में फसल क्षति के मुताबिक मुआवजा नहीं मिलने से हनुमाननगर और बहादुरपुर प्रखंड के किसान काफी परेशान (Farmer Upset In Darbhanga) हैं. आरोप है कि पंचायती स्तर पर बिचौलियों और अधिकारियों की मिलीभगत के कारण ऐसा होता है.

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Published : Feb 28, 2022, 6:03 PM IST

दरभंगा: बिहार के दरभंगा में हनुमाननगर और बहादुरपुर के किसानों को प्राकृतिक आपदा के साथ सरकारी नुमाइंदों की मनमानी (Agriculture Department Negligence) भी झेलनी पड़ रही है. जिले के लगभग सभी प्रखंडों के यही हालात हैं, लेकिन जिला मुख्यालय से सटे होने के कारण हनुमाननगर और बहादुरपुर से ज्यादा आवेदन जनप्रतिनिधियों को मिल रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि किसानों (Farmers Not Got Compensation In Darbhanga) को फसल क्षति के मुताबिक मुआवजा नहीं मिल पाया है.

ये भी पढ़ेंः रोहतास में नीलगाय के आतंक से किसान परेशान, फसलों को किया बर्बाद

किसानों का आरोप है कि कृषि इनपुट की राशि अभी तक नहीं आई है. वहीं कुछ किसानों ने यह भी कहा है कि फसल क्षति के मुताबिक मुआवजा नहीं मिला है, जिसको लेकर बहादुरपुर प्रखंड के उप प्रमुख मनोज कुमार सिंह द्वारा जिला अधिकारी को आवेदन देते हुए दर्शाया गया है कि कृषि इनपुट में स्थानीय स्तर के पदाधिकारी और कृषि समन्वयक, कृषि सलाहकार के मिलीभगत से किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिल पा रहा है.

इसे भी पढ़ें- अररिया में पैक्स अध्यक्षों का प्रदर्शन, धान खरीदारी पर रोक से आक्रोशित

हनुमाननगर प्रखंड क्षेत्र के किसान राम नगीना बताते हैं- एक तरफ भगवान मार रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सरकार ना तो समय पर खाद उपलब्ध कराती है और ना ही मुआवजे की राशि. इस सिलसिले में जब प्रखंड कृषि पदाधिकारी हनुमाननगर से बात की गई तो उन्होंने सारा दामोदर जिला पर सौंप दिया. उन्होंने बताया कि जिला से निर्धारित राशि ही प्राप्त हुई है, उसी में किसानों को वितरण करना है.

ये भी पढ़ेंः मुख्यमंत्री जी.. आप तो किसानों की हालत जानते ही हैं, नहीं खरीदा गया धान तो आत्महत्या कर लेंगे

हनुमाननगर प्रखंड क्षेत्र में किसानी से जुड़े लोगों से यह भी पता चला है कि प्रखंड क्षेत्र में कृषि सलाहकार और किसी समन्वयक के स्थानीय पंचायती स्तर पर बिचौलियों की मिलीभगत से इस तरह के कारनामे होते हैं. फसल क्षति मुआवजे की उचित राशि चाहिए तो हाकिम को बिचौलियों के माध्यम से मिठाई खिलानी पड़ती है.

वहीं, इस मामले पर जिला कृषि पदाधिकारी से जब पक्ष जानना चाहा तो उनसे बात नहीं हो सकी. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक के अधिकारी और कर्मी किस तरह किसानों के लिए कार्य करते है और इनके लिए सोचते हैं.

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किसानों का आरोप है कि कृषि इनपुट की राशि अभी तक नहीं आई है. वहीं कुछ किसानों ने यह भी कहा है कि फसल क्षति के मुताबिक मुआवजा नहीं मिला है, जिसको लेकर बहादुरपुर प्रखंड के उप प्रमुख मनोज कुमार सिंह द्वारा जिला अधिकारी को आवेदन देते हुए दर्शाया गया है कि कृषि इनपुट में स्थानीय स्तर के पदाधिकारी और कृषि समन्वयक, कृषि सलाहकार के मिलीभगत से किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिल पा रहा है.

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हनुमाननगर प्रखंड क्षेत्र के किसान राम नगीना बताते हैं- एक तरफ भगवान मार रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सरकार ना तो समय पर खाद उपलब्ध कराती है और ना ही मुआवजे की राशि. इस सिलसिले में जब प्रखंड कृषि पदाधिकारी हनुमाननगर से बात की गई तो उन्होंने सारा दामोदर जिला पर सौंप दिया. उन्होंने बताया कि जिला से निर्धारित राशि ही प्राप्त हुई है, उसी में किसानों को वितरण करना है.

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हनुमाननगर प्रखंड क्षेत्र में किसानी से जुड़े लोगों से यह भी पता चला है कि प्रखंड क्षेत्र में कृषि सलाहकार और किसी समन्वयक के स्थानीय पंचायती स्तर पर बिचौलियों की मिलीभगत से इस तरह के कारनामे होते हैं. फसल क्षति मुआवजे की उचित राशि चाहिए तो हाकिम को बिचौलियों के माध्यम से मिठाई खिलानी पड़ती है.

वहीं, इस मामले पर जिला कृषि पदाधिकारी से जब पक्ष जानना चाहा तो उनसे बात नहीं हो सकी. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक के अधिकारी और कर्मी किस तरह किसानों के लिए कार्य करते है और इनके लिए सोचते हैं.

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