दरभंगाः बिहार के दरभंगा में सरकारी जमीन पर कब्जा का मामला सामने आया है. रविवार को पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. पुलिस का आरोप है कि युवक सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहा था. सूचना मिलने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. जिससे पूछताछ के बाद न्यायालय में पेश किया जा रहा है. आदेश के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.
13 करोड़ रुपए की है जमीनः शहर के बीचों-बीच 13 कट्ठा जमीन की अनुमानित कीमत 13 करोड़ से ज्यादा की बताई जा रही है. गिरफ्तार जमीन कारोबारी युवक राजीव रंजन ने कहा कि अमोनिज्म एक्ट जब आया 1950 में बिहार में लागू हुआ तो 1972 के बाद नगर पालिका का अप्रूवल नहीं हुआ था। 1972 में उसे बिहार सरकार किया गया था. उससे पहले का खतियान और बाकी कागज उसके पास है. उसने बताया की जमीन के मालिक ने उसे एग्रीमेंट किया है.
"1972 के सर्वे के अनुसार यह जमीन बिहार सरकार की है, लेकिन उससे पहले जो मालिक का था, उससे मैं वंशावली के अनुसार एग्रीमेंट करवाया हूं. उसका पेपर कोर्ट में और अंचल अधिकारी के यहां सबमिट कर दिया गया है. यह दरभंगा महाराज की जमीन है. उनकी बेटी के परिवार से हमने एग्रीमेंट कराया है. इसके लिए 5 लाख अग्रिम राशि दी है." -राजीव कुमार, गिरफ्तार युवक
दरभंगा महाराज से राज्यपाल को जमीन हस्तांतरितः वर्ष 1973 में इस जमीन को दरभंगा महाराज के मैनेजर के द्वारा राज्यपाल के नाम से हस्तांतरित हुआ था. सरकार ने उस जमीन पर सरकारी आवास का निर्माण करवाया, लेकिन समय के साथ भवन पुराना होने के साथ खंडर में तब्दील हो गया. जिसके बाद वहां से सरकारी भवन को खाली कराकर एक भवन में रेड क्रॉस सोसाइटी का कार्यालय खोल दिया गया, लेकिन शेष हिस्सा वैसे ही रह गया. इस मामले में एसडीपीओ ने बताया कि आगे की जांच की जा रही है.
"लहेरियासराय स्थित एसबीआई का मेंन ब्रांच के पीछे लक्ष्मीपुर कॉलोनी में कुछ लोगों के द्वारा सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा था. मामले की जानकारी होते ही घटनास्थल पर सीओ को भेजा गया और मामले को संज्ञान में लेते हुए बहादुरपुर के अझौल निवासी राजीव रंजन को थाना में लाया गया है. राजस्व कर्मचारी के बयान पर उसके ऊपर सुसंगत धाराओं में केस दर्ज हुआ है." -अमित कुमार, सदर एसडीपीओ, दरभंगा
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