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दरभंगा: शहर के तालाबों को किया जा रहा अतिक्रमण मुक्त, भारी पुलिस बल तैनात - पौधारोपण करने की बनाई गई योजना

नगर आयुक्त घनश्याम मीणा ने बताया कि जल जंगल हरियाली मिशन के तहत तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कर वहां पौधारोपण करने की योजना बनाई गई है. उन्होंने कहा कि यह अभियान शहर के सभी सरकारी तालाबों के पास चलाया जाएगा.

शहर के तालाबों को किया जा रहा अतिक्रमण मुक्त
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Published : Oct 16, 2019, 11:07 PM IST

दरभंगा: सरकार की तालाबों से पक्के अतिक्रमण हटाने की योजना बुधवार से जमीन पर उतरने लगी है. यह काम नगर आयुक्त और सदर एसडीओ की देख-रेख में किया जा रहा है. नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम की तरफ से दरभंगा स्टेशन के पास स्थित हराही तालाब के किनारे अतिक्रमण कर बने पक्के मकानों को तोड़ दिया गया है.

पौधारोपण करने की बनाई गई योजना
नगर आयुक्त घनश्याम मीणा ने बताया कि जल जंगल हरियाली मिशन के तहत तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कर वहां पौधारोपण करने की योजना बनाई गई है. उन्होंने कहा कि यह अभियान शहर के सभी सरकारी तालाबों के पास चलाया जाएगा. अतिक्रमणकारियों को चिह्नित कर पहले से ही नोटिस भेजी जा चुकी है. साथ ही विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी है. इनमें महिला पुलिसकर्मियों को भी शामिल किया गया है.

darbhanga
सुरक्षा व्यवस्था के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती

मकान मालिकों से वसूला जाएगा खर्च
सदर एसडीओ प्रदीप कुमार ने बताया कि अतिक्रमणकारियों को कई बार नोटिस दिया गया है. इसके बाद भी उन्होंने अतिक्रमण नहीं हटाया. जिला प्रशासन और नगर निगम जिन मकानों को तोड़ रहे हैं. उन्हें तोड़ने का खर्च मकान मालिकों से वसूला जाएगा. अगर खर्च नहीं देंगे तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. इतना ही नहीं अगर वे अतिक्रमण हटाने का विरोध करते हैं तो, उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजने के आदेश भी दे दिए गए हैं.

शहर के तालाबों को किया जा रहा अतिक्रमण मुक्त

भू-माफियाओं की तरफ से बेचे गए तालाब
बता दें कि दरभंगा को तालाबों का शहर कहा जाता है. इस शहर में हराही, दिग्घी, गंगासागर, लक्ष्मीसागर और मिर्जा खां तालाब के नाम से 5 विशाल तालाब हैं. इनके अलावा रिकॉर्ड में तालाबों की संख्या 500 से ज्यादा है. लेकिन अब भू-माफियाओं ने सभी छोटे-बड़े तालाबों की जमीन भरकर उन्हें बेच दिए हैं. अब उन पर बड़े-बड़े मकान बन चुके हैं. इसकी वजह से अधिकतर तालाबों के नामों-निशान भी मिट चुके हैं. अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ नगर निगम और जिला प्रशासन के लिए भू-माफियाओं की तरफ से बेचे गए तालाबों की जमीन को खाली करवाने की चुनौती सबसे बड़ी है.

दरभंगा: सरकार की तालाबों से पक्के अतिक्रमण हटाने की योजना बुधवार से जमीन पर उतरने लगी है. यह काम नगर आयुक्त और सदर एसडीओ की देख-रेख में किया जा रहा है. नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम की तरफ से दरभंगा स्टेशन के पास स्थित हराही तालाब के किनारे अतिक्रमण कर बने पक्के मकानों को तोड़ दिया गया है.

पौधारोपण करने की बनाई गई योजना
नगर आयुक्त घनश्याम मीणा ने बताया कि जल जंगल हरियाली मिशन के तहत तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कर वहां पौधारोपण करने की योजना बनाई गई है. उन्होंने कहा कि यह अभियान शहर के सभी सरकारी तालाबों के पास चलाया जाएगा. अतिक्रमणकारियों को चिह्नित कर पहले से ही नोटिस भेजी जा चुकी है. साथ ही विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी है. इनमें महिला पुलिसकर्मियों को भी शामिल किया गया है.

darbhanga
सुरक्षा व्यवस्था के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती

मकान मालिकों से वसूला जाएगा खर्च
सदर एसडीओ प्रदीप कुमार ने बताया कि अतिक्रमणकारियों को कई बार नोटिस दिया गया है. इसके बाद भी उन्होंने अतिक्रमण नहीं हटाया. जिला प्रशासन और नगर निगम जिन मकानों को तोड़ रहे हैं. उन्हें तोड़ने का खर्च मकान मालिकों से वसूला जाएगा. अगर खर्च नहीं देंगे तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. इतना ही नहीं अगर वे अतिक्रमण हटाने का विरोध करते हैं तो, उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजने के आदेश भी दे दिए गए हैं.

शहर के तालाबों को किया जा रहा अतिक्रमण मुक्त

भू-माफियाओं की तरफ से बेचे गए तालाब
बता दें कि दरभंगा को तालाबों का शहर कहा जाता है. इस शहर में हराही, दिग्घी, गंगासागर, लक्ष्मीसागर और मिर्जा खां तालाब के नाम से 5 विशाल तालाब हैं. इनके अलावा रिकॉर्ड में तालाबों की संख्या 500 से ज्यादा है. लेकिन अब भू-माफियाओं ने सभी छोटे-बड़े तालाबों की जमीन भरकर उन्हें बेच दिए हैं. अब उन पर बड़े-बड़े मकान बन चुके हैं. इसकी वजह से अधिकतर तालाबों के नामों-निशान भी मिट चुके हैं. अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ नगर निगम और जिला प्रशासन के लिए भू-माफियाओं की तरफ से बेचे गए तालाबों की जमीन को खाली करवाने की चुनौती सबसे बड़ी है.

Intro:दरभंगा। बिहार सरकार की तालाबों से पक्के अतिक्रमण हटाने की योजना बुधवार से जमीन पर उतर आयी है। नगर आयुक्त और सदर एसडीओ की मौजूदगी में नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम ने दरभंगा स्टेशन के पास स्थित हराही तालाब के किनारे अतिक्रमण कर बने पक्के मकानों को तोड़ा। बुलडोजर और जेसीबी चलती जा रही थीं और देखते ही देखते पक्के मकान धराशायी होते जा रहे थे। विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी। इनमें महिला पुलिस कर्मी भी शामिल थीं।Body:नगर आयुक्त घनश्याम मीणा ने बताया कि जल जंगल हरियाली मिशन के तहत तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कर वहां पौधरोपण की योजना है। उन्होंने कहा कि यह अभियान शहर के सभी सरकारी तालाबों के पास चलाया जाएगा। अतिक्रमणकारियों को चिह्नित कर पहले से ही नोटिस भेजी जा चुकी है।

उधर, सदर एसडीओ प्रदीप कुमार ने कहा कि अतिक्रमणकारियों को कई-कई बार नोटिस दिया गया है लेकिन उन्होंने अतिक्रमण खाली नहीं किया। जिला प्रशासन और नगर निगम जिन मकानों को तोड़ रहा है उन्हें तोड़ने का खर्च मकान मालिकों से वसूला जाएगा। अगर खर्च नहीं देंगे तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। अगर वे अतिक्रमण हटाने का विरोध करते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजने के आदेश दे दिए गए हैं।Conclusion:बता दें कि दरभंगा को तालाबों का शहर कहा जाता है। इस शहर में हराही, दिग्घी, गंगासागर, लक्ष्मीसागर और मिर्जा खां तालाब के नाम से पांच विशाल तालाब हैं। इनके अलावा रिकॉर्ड में तालाबों की संख्या पांच सौ से ज्यादा है। लेकिन अब भू-माफियाओं ने सभी बड़े-छोटे तालाबों की काफी जमीन भर कर उन्हें बेच दिए हैं। उन पर बड़े-बड़े मकान बन चुके हैं। इसकी वजह से अधिकतर तालाबों के अस्तित्व भी मिट चुके हैं। अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ नगर निगम और जिला प्रशासन के लिए असली चुनौती भू-माफियाओं द्वारा बेची गई तालाबों की जमीन को खाली करवाने की होगी।

बाइट 1- घनश्याम मीणा, नगर आयुक्त, दरभंगा नगर निगम
बाइट 2- प्रदीप कुमार, एसडीओ सदर, दरभंगा

विजय कुमार श्रीवास्तव
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