दरभंगा: सरकार की तालाबों से पक्के अतिक्रमण हटाने की योजना बुधवार से जमीन पर उतरने लगी है. यह काम नगर आयुक्त और सदर एसडीओ की देख-रेख में किया जा रहा है. नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम की तरफ से दरभंगा स्टेशन के पास स्थित हराही तालाब के किनारे अतिक्रमण कर बने पक्के मकानों को तोड़ दिया गया है.
पौधारोपण करने की बनाई गई योजना
नगर आयुक्त घनश्याम मीणा ने बताया कि जल जंगल हरियाली मिशन के तहत तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कर वहां पौधारोपण करने की योजना बनाई गई है. उन्होंने कहा कि यह अभियान शहर के सभी सरकारी तालाबों के पास चलाया जाएगा. अतिक्रमणकारियों को चिह्नित कर पहले से ही नोटिस भेजी जा चुकी है. साथ ही विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी है. इनमें महिला पुलिसकर्मियों को भी शामिल किया गया है.
मकान मालिकों से वसूला जाएगा खर्च
सदर एसडीओ प्रदीप कुमार ने बताया कि अतिक्रमणकारियों को कई बार नोटिस दिया गया है. इसके बाद भी उन्होंने अतिक्रमण नहीं हटाया. जिला प्रशासन और नगर निगम जिन मकानों को तोड़ रहे हैं. उन्हें तोड़ने का खर्च मकान मालिकों से वसूला जाएगा. अगर खर्च नहीं देंगे तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. इतना ही नहीं अगर वे अतिक्रमण हटाने का विरोध करते हैं तो, उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजने के आदेश भी दे दिए गए हैं.
भू-माफियाओं की तरफ से बेचे गए तालाब
बता दें कि दरभंगा को तालाबों का शहर कहा जाता है. इस शहर में हराही, दिग्घी, गंगासागर, लक्ष्मीसागर और मिर्जा खां तालाब के नाम से 5 विशाल तालाब हैं. इनके अलावा रिकॉर्ड में तालाबों की संख्या 500 से ज्यादा है. लेकिन अब भू-माफियाओं ने सभी छोटे-बड़े तालाबों की जमीन भरकर उन्हें बेच दिए हैं. अब उन पर बड़े-बड़े मकान बन चुके हैं. इसकी वजह से अधिकतर तालाबों के नामों-निशान भी मिट चुके हैं. अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ नगर निगम और जिला प्रशासन के लिए भू-माफियाओं की तरफ से बेचे गए तालाबों की जमीन को खाली करवाने की चुनौती सबसे बड़ी है.