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दरभंगा: जिले में सूखाड़ की स्थिति, पशुपालकों और कृषकों की बढ़ी चिंता - समस्या

बीडीओ रितेश कुमार ने बताया कि तालाबों के सूखने की शिकायत मिल रही है. जल्द ही किसानों और पशुपालकों से समन्वय स्थापित कर निदान के दिशा में ठोस कदम उठाया जायेगा.

पशुपालक
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Published : May 18, 2019, 2:17 PM IST

दरभंगा: जिले में इन दिनों गर्मी का प्रकोप चरम पर है. अलीनगर प्रखंड में भीषण गर्मी और तपिश से प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाली एक मात्र सहायक कमला नदी का पानी भी पूरी तरह सूख चुकी है. इसके अलावा सरकारी तथा गैर सरकारी कुल 250 तालाबों में से अधिकांश का हाल बुरा है.

बचे कुछ तालाब भी सूखने के कगार पर हैं. जिससे इलाके के पशुपालकों की चिंता बढ़ गई है. दरअसल, जल समस्या होने से पशुओं को पानी पिलाने और नहाने में काफी परेशानी हो रही है. पुशपालकों ने आपसी सहयोग से तालाबों में पानी डालकर उसे जीवित रखा है. स्थानीय पशुपालक भवैला तालाब में पानी भरकर जैसे-तैसे काम चला रहे हैं.

आपबीती सुनाते पशुपालक

अधिकतर तालाब सूखाड़ की स्थिति में
उल्लेखनीय है कि प्रखंड में कुल 94 राजस्व तालाब मत्स्य पालन वाले तालाबों की श्रेणी में हैं. जिसकी बंदोबस्ती मछुआ सोसाइटी करती है. जिसमें 18 तालाबों की तो किसी ने बंदोबस्ती तक नहीं ली है. मखाना की खेती करने वाले तालाबों की श्रेणी में 80 राजस्व तालाब हैं, जिसकी बंदोबस्ती शुरू भी नहीं हुई है. करीब 75 निजी तालाब भी प्रखंड में हैं, जिसे तालाब स्वामी या सेवक निजी तौर पर देखते हैं. अधिकांश तालाब सूखे हुए हैं.

जल्द किया जाएगा समस्या का निदान
मत्सय पालक छोटे-छोटे आकार की मछलियों को निकाल कर बेचने को मजबूर हैं. वहीं किसानों को कृषि कार्य प्रभावित होने की चिंता सता रही है. आम जनजीवन भी जल समस्या से प्रभावित है. बीडीओ रितेश कुमार ने बताया कि तालाबों के सूखने की शिकायत मिल रही है किंतु सरकार से इस संबंध में कोई आदेश व मार्गदर्शन नहीं मिला है. फिर भी किसानों और पशुपालकों से समन्वय स्थापित कर निदान के दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जायेगा.

आधा-अधूरा पड़ा है तालाब
भवैला तालाब जगवनी के घाट निर्माण के लिये सांसद कीर्ति आजाद ने स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत 4,26,600 रुपये की स्वीकृति दी. किंतु लगे शिलापट्ट के अनुसार तो घाट बन कर तैयार है. पर वह भौतिक रूप से अर्धनिर्मित अवस्था में ही है. समय रहते सरकार व प्रशासन दे इस पर ध्यान तो इससे निबटा जा सकता है.

दरभंगा: जिले में इन दिनों गर्मी का प्रकोप चरम पर है. अलीनगर प्रखंड में भीषण गर्मी और तपिश से प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाली एक मात्र सहायक कमला नदी का पानी भी पूरी तरह सूख चुकी है. इसके अलावा सरकारी तथा गैर सरकारी कुल 250 तालाबों में से अधिकांश का हाल बुरा है.

बचे कुछ तालाब भी सूखने के कगार पर हैं. जिससे इलाके के पशुपालकों की चिंता बढ़ गई है. दरअसल, जल समस्या होने से पशुओं को पानी पिलाने और नहाने में काफी परेशानी हो रही है. पुशपालकों ने आपसी सहयोग से तालाबों में पानी डालकर उसे जीवित रखा है. स्थानीय पशुपालक भवैला तालाब में पानी भरकर जैसे-तैसे काम चला रहे हैं.

आपबीती सुनाते पशुपालक

अधिकतर तालाब सूखाड़ की स्थिति में
उल्लेखनीय है कि प्रखंड में कुल 94 राजस्व तालाब मत्स्य पालन वाले तालाबों की श्रेणी में हैं. जिसकी बंदोबस्ती मछुआ सोसाइटी करती है. जिसमें 18 तालाबों की तो किसी ने बंदोबस्ती तक नहीं ली है. मखाना की खेती करने वाले तालाबों की श्रेणी में 80 राजस्व तालाब हैं, जिसकी बंदोबस्ती शुरू भी नहीं हुई है. करीब 75 निजी तालाब भी प्रखंड में हैं, जिसे तालाब स्वामी या सेवक निजी तौर पर देखते हैं. अधिकांश तालाब सूखे हुए हैं.

जल्द किया जाएगा समस्या का निदान
मत्सय पालक छोटे-छोटे आकार की मछलियों को निकाल कर बेचने को मजबूर हैं. वहीं किसानों को कृषि कार्य प्रभावित होने की चिंता सता रही है. आम जनजीवन भी जल समस्या से प्रभावित है. बीडीओ रितेश कुमार ने बताया कि तालाबों के सूखने की शिकायत मिल रही है किंतु सरकार से इस संबंध में कोई आदेश व मार्गदर्शन नहीं मिला है. फिर भी किसानों और पशुपालकों से समन्वय स्थापित कर निदान के दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जायेगा.

आधा-अधूरा पड़ा है तालाब
भवैला तालाब जगवनी के घाट निर्माण के लिये सांसद कीर्ति आजाद ने स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत 4,26,600 रुपये की स्वीकृति दी. किंतु लगे शिलापट्ट के अनुसार तो घाट बन कर तैयार है. पर वह भौतिक रूप से अर्धनिर्मित अवस्था में ही है. समय रहते सरकार व प्रशासन दे इस पर ध्यान तो इससे निबटा जा सकता है.

Intro:दरभंगा:अलीनगर प्रखंड के नदी तालाब सूख रहे ।पशु पालक एवं मत्स्य पालक परेशान।जल संकट की संभावना से आम लोग चिंतित।Body:दरभंगा:अलीनगर प्रखंड में पड़ रहे भीषण गर्मी व तपिश से प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाली एक मात्र सहायक कमला नदी का पानी पूरी तरह सूख गया है इसके अलावा सरकारी तथा गैर सरकारी कुल 250 तालाबों में से अधिकांश सूख चुका है शेष भी सूखने के कगार पर है।इससे पशु पालकों को पशुओं को पानी पिलाने एवं उसे धोने में काफी परेशानी हो रही है।कई स्थानों पर तो आपसी सहयोग से तालाबों में पम्प सेट से पानी भर कर तालाबों को जीवित रखा गया है जिसमें जगवनी गांव का भवैला तालाब भी शामिल है जिसे ग्रामीण लाल बहादुर यादव,कृष्ण कुमार यादव एवं रामचन्द्र यादव के अनुसार आपसी सहयोग से पम्पसेट के द्वारा कोई दो फूट पानी भर कर मवेशी धोने व पानी पीने योग्य बनाये रखा गया है। यह भी उल्लेखनीय है कि प्रखंड में कुल 94 राजस्व तालाब मत्स्य पालन वाले तालाबों की श्रेणी में है जिसकी बंदोबस्ती मछुआ सोसाइटी करती है जिसमें 18 तालाबों की तो किसी ने बंदोबस्ती तक नहीं लिया है।मखाना की खेती करने वाले तालाबों की श्रेणी में 80 राजस्व तालाब हैं जिसकी बंदोबस्ती शुरू भी नही हुई है।करीब 75 निजी तालाब भी प्रखंड में हैं जिसे तालाब स्वामी या तो खुद मत्स्य पालन करते या निजी तौर पर बंदोबस्त करते मत्स्य पलकों के साथ।उसमें से भी अधिकांश तालाब सूखा हुआ है शेष से छोटे छोटे आकार की ही मछलियों को निकाल कर बेचने को मजबूर हैं मत्स्य पालक।किसानों को कृषि कार्य प्रभावित होने की चिंता सता रही है तो आम आदमी जल संकट की संभावना से चिंतित हैं।बीडीओ रितेश कुमार ने पूछने पर बताया तालाबों के सूखने की शिकायत मिल रही है किंतु सरकार से इस संबंध में कोई आदेश व मार्गदर्शन नहीं मिला है फिर भी आगे लिखा जायेगा तथा किसानों से समन्वय स्थापित कर निदान के दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जायेगा।भवैला तालाब जगवनी के घाट निर्माण के लिये सांसद कीर्ति आजाद ने स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत 4,26600 की स्वीकृति दी किंतु लगे शिलापट्ट के अनुसार तो घाट बन कर तैयार है किंतु भौतिक रूप से वह अर्धनिर्मित अवस्था में ही है।Conclusion:समय रहते सरकार व प्रशासन दे इस पर ध्यान तो इससे निबटा जा सकता है।
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