दरभंगा: डीएम डॉ. त्यागराजन ने टिड्डियों के हमले की आशंका को देखते हुए अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने फायर ब्रिगेड की टीम को तैनात रहने का निर्देश दिया है. डीएम ने कहा है कि राज्य के पश्चिमी चम्पारण जिले के कुछ प्रखंडों में टिड्डी दलों के आगमन की सूचना है. आशंका जताई जा रही है कि टिड्डियों का यह दल समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी जिला के सीमा से सटे दरभंगा के प्रखंडों में हमला कर सकता है.
जागरूक रहने की अपील
डीएम डॉ. त्यागराजन ने कहा कि सतर्क और सजग रहकर बड़े से बड़े खतरे को भी टाला जा सकता है. उन्होंने टिड्डियों के हमले से फसलों को बचाने के लिए सभी लोगों से पूर्ण सतर्क और जागरूक रहने की अपील की है. जिला कृषि पदाधिकारी समीर कुमार ने बताया कि टिड्डियों के हमले से फसलों को बचाने के लिए कंटिंजेंट प्लान तैयार कर लिया गया है.
कीटनाशक दवा का छिड़काव
समीर कुमार ने कहा कि अगर टिड्डियों का झुंड कहीं बैठ जाता है, तो कीटनाशक दवा का छिड़काव कर इसे खत्म कर दिया जायेगा. टिड्डियों को खत्म करने के लिए फायर ब्रिगेड की 10 टीमों को तैयार किया गया है. डीएम के निर्देश पर फायर ब्रिगेड की टीम को कीटनाशक दवा, पीपीई किट आदि उपलब्ध करा दिया गया है. वहीं कृषि विज्ञान केन्द्र जाले के वैज्ञानिक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने टिड्डियों को पहचानने का तरीका बताया है. उन्होंने कहा कि मादा टिड्डी का आकार नर टिड्डी से बड़ा होता है.
लाखों में होती है संख्या
वैज्ञानिक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि टिड्डियों का दल हमेशा ग्रुप-कलस्टर में उड़ता है. इनकी संख्या लाखों में होती है. टिड्डी का अंडा चावल के दाने के आकार का होता है. अंडा से टिड्डी को निकलने में 35-40 दिन लगते हैं. उन्होंने कहा कि टिड्डियों का रंग अलग-अलग प्रकार का होता है. टिड्डियों से बचने का सबसे कारगार तरीका यह है कि इसे कहीं बैठने ना दें. एक साथ ज्यादा शोर होने पर ये उपर-उपर ही निकल जाते हैं.