दरभंगा: संभावित बाढ़ की तैयारी को लेकर जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने सभी अंचलाधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक की. बैठक में उन्होंने कहा कि बाढ़ कब और कितनी आएगी यह निश्चित नहीं है. विगत दो वर्षों से दरभंगा में बड़े पैमाने पर बाढ़ आ रही है. जबकि इसके पूर्व केवल एक से दो प्रखंड प्रभावित होते थे.
बाढ़ प्रभावित परिवारों को संपूर्ति पोर्टल के माध्यम से डीबीटी के जरिए लाभुकों के बैंक खाता में सीधे बाढ़ सहायता राशि (जीआर) उपलब्ध कराई जाती है. वर्ष 2019 में 5 लाख 78 हजार और वर्ष 2020 में 6 लाख 28 हजार परिवारों को बाढ़ सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध कराई गई है.
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2017 में सदर सीओ के विरुद्ध हुई थी प्राथमिकी दर्ज
जिलाधिकारी ने कहा कि विगत वर्ष मुख्यमंत्री स्तर पर कुछ शिकायते मिली हैं कि योग्य लाभार्थी छूट जा रहे हैं. जबकि अयोग्य लाभार्थी को जीआर की राशि प्राप्त हो रही है. इस संबंध में कुशेश्वरस्थान पूर्वी और सदर प्रखंड में कई अनियमितता पाई गई. शहरी क्षेत्र में भी एक वार्ड पार्षद ने अपने परिवार के दो से तीन सदस्यों को सहायता राशि दिलवा दी. इन सभी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई. उन्होंने कहा कि अंचल स्तर पर ठीक से निगरानी नहीं किए जाने पर ही ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है. इसके लिए सीधे अंचलाधिकारी को जिम्मेवार माना जाएगा. इस संदर्भ में 2017 में अंचलाधिकारी दरभंगा सदर के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज हुई थी.
अंचलाधिकारी से किया जाएगा जवाब-तलब
जिलाधिकारी ने कहा कि अंचलाधिकारियों को तेजी से आधार कार्ड अद्यतीकरण कराने के निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि आपदा का कार्य एक वैधानिक कार्य है. इसमें कमी होगी तो संबंधित अंचलाधिकारी से जवाब तलब किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वार्ड वार/ पंचायत वार लाभुकों का औसतन संख्या देखकर भी सही और गलत आंकड़ा का अंदाजा लगाया जा सकता है. इसके साथ ही आधार कार्ड जिस बैंक खाता से जुड़ा हुआ है, उसी बैंक खाता संख्या को अपलोड होना है. इसके लिए पर्याप्त संख्या में डाटा इंट्री ऑपरेटर रख लिया जाए.
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आवश्यक सामग्री आपूर्ति के लिए एकरारनामा करने का दिया निर्देश
बाढ़ के लिए आवश्यक सामग्रियों की दर निर्धारित हो गयी है. निर्धारित दर के आधार पर स्थानीय विक्रेता के साथ बाढ़ के दौरान आवश्यक सामग्री आपूर्ति के लिए एकरारनामा कर लिया जाए. उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान सबसे ज्यादा नाव की जरूरत होती है. इसलिए अंचलों के नाविकों के साथ एकरारनामा कर लिया जाए. साथ ही सभी नावों के पंजीकरण का नवीकरण जिला परिवहन पदाधिकारी से करा लिया जाए. जिला परिवहन कार्यालय से 800 से 900 नावों का पंजीकरण हुआ है. लेकिन, अंचलों के माध्यम से कुल 585 नावों का ही एकरारनामा कराया गया है. इसलिए अपने-अपने क्षेत्र में नाव की खोजबीन कर ली जाए.
पॉलीथिन के स्टॉक को चेक करने का दिया निर्देश
बाढ़ निरोधक और बाढ़ राहत कार्य में लगाए जाने वाले सरकारी/ गैर सरकारी कर्मियों का टीकाकरण कराया जाना है. इसके लिए अंचलों से सूची भी मांगी गई है. समीक्षा क्रम में अंचल से कर्मियों की सूची नहीं भेजे जाने की जानकारी प्राप्त होने पर जिलाधिकारी के माध्यम से जाले के अंचलाधिकारी से स्पष्टीकरण की मांग की गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि पॉलीथिन स्टॉक को चेक कर लिया जाए. साथ ही कुछ नए पॉलिथीन की व्यवस्था पहले से कर ली जाए.