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दरभंगा के इस गांव में एक दिन पहले मनाई जाती है दीपावली, ये है वजह

बिहार के दरभंगा  में एक ऐसा गांव है, जहां दिवाली के एक दिन पहले मानई जाती है. इस दिन पूरे गांव के लोग नवादा भगवती के मन्दिर को सजाते हैं.

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Published : Oct 28, 2019, 4:38 PM IST

दरभंगा के नवादा गांव में दिवाली.

दरभंगा: भारतीय त्योहारों में दीपावली का काफी महत्व है. लोग इस त्योहार को धूमधाम के साथ मनाते हैं. इस दिन लोग अपने घरों को दियों और लाइट से सजाते हैं. लेकिन दरभंगा का एक ऐसा गांव है जहां मुख्य दीपावली के एक दिन पहले ही दीपावली मनाई गई.

यदि आप दरभंगा जिला अंतर्गत बेनीपुर प्रखंड के नवादा गांव में दीपावली से एक दिन पहले पहुंचते हैं तो चौंक जाएंगे. क्योंकि, पूरा गांव दीया जलाकर उत्सव मनाते दिखेगा. पटाखों की आवाज में बच्चे झूमते नजर आएंगे. यानी मुख्य दीपावली से एक दिन पहले ही यहां के लोग घरों को पूरी तरह सजा-संवार लेते हैं. शाम ढलते ही पूरा गांव रोशनी से जगमगा उठता है. इस बार भी यहां के लोगों ने 27 अक्टूबर की जगह 26 अक्टूबर को ही दिवाली मनाई.

दरभंगा के नवादा गांव में दिवाली

जगदम्बा धाम मंदिर की है मान्यता
नवादा गांव के मां जगदम्बा धाम मंदिर को भी आकर्षक ढंग से सजाया गया. इस जगदम्बा धाम मंदिर की मान्यता है जो भी सच्चे मन से मां से कुछ मांगता है, उसकी मन्नतें पूरी होती हैं.

राजपरिवार से आई परंपरा
ग्रामीणों के अनुसार यह जमींदारों का गांव रहा है. जिनके संबंध दरभंगा राज से अच्छे थे. दोनों पक्ष के लोग न केवल एक-दूसरे के यहां आना-जाना करते थे बल्कि त्योहार सहित अन्य धार्मिक और पारिवारिक कार्यक्रमों में भी भाग लेते थे. राजपरिवार में एक दिन पूर्व दिवाली मनाई जाती थी, इसलिए यहां के ग्रामीणों से एक दिन पहले ही इसे मनाना शुरू किया. यह परंपरा आज भी बरकरार है.

दरभंगा: भारतीय त्योहारों में दीपावली का काफी महत्व है. लोग इस त्योहार को धूमधाम के साथ मनाते हैं. इस दिन लोग अपने घरों को दियों और लाइट से सजाते हैं. लेकिन दरभंगा का एक ऐसा गांव है जहां मुख्य दीपावली के एक दिन पहले ही दीपावली मनाई गई.

यदि आप दरभंगा जिला अंतर्गत बेनीपुर प्रखंड के नवादा गांव में दीपावली से एक दिन पहले पहुंचते हैं तो चौंक जाएंगे. क्योंकि, पूरा गांव दीया जलाकर उत्सव मनाते दिखेगा. पटाखों की आवाज में बच्चे झूमते नजर आएंगे. यानी मुख्य दीपावली से एक दिन पहले ही यहां के लोग घरों को पूरी तरह सजा-संवार लेते हैं. शाम ढलते ही पूरा गांव रोशनी से जगमगा उठता है. इस बार भी यहां के लोगों ने 27 अक्टूबर की जगह 26 अक्टूबर को ही दिवाली मनाई.

दरभंगा के नवादा गांव में दिवाली

जगदम्बा धाम मंदिर की है मान्यता
नवादा गांव के मां जगदम्बा धाम मंदिर को भी आकर्षक ढंग से सजाया गया. इस जगदम्बा धाम मंदिर की मान्यता है जो भी सच्चे मन से मां से कुछ मांगता है, उसकी मन्नतें पूरी होती हैं.

राजपरिवार से आई परंपरा
ग्रामीणों के अनुसार यह जमींदारों का गांव रहा है. जिनके संबंध दरभंगा राज से अच्छे थे. दोनों पक्ष के लोग न केवल एक-दूसरे के यहां आना-जाना करते थे बल्कि त्योहार सहित अन्य धार्मिक और पारिवारिक कार्यक्रमों में भी भाग लेते थे. राजपरिवार में एक दिन पूर्व दिवाली मनाई जाती थी, इसलिए यहां के ग्रामीणों से एक दिन पहले ही इसे मनाना शुरू किया. यह परंपरा आज भी बरकरार है.

Intro:भारतीय त्योहारों में दिवाली का काफी खास महत्व है। लोग इस त्योहार को बड़े ही धूमधान के साथ मनाते हैं। इस दौरान घर की सफाई-पुताई करना, नए वस्त्र और बर्तन खरीदना, पारंपरिक व्यंजन बनाना, रंगोली बनाना, मिठाइयां बांटना, पटाखे छोड़ना और लक्ष्मी - गणेश की पूजा करने की प्रथा प्रचलित है। वही ऐसी मान्यता है कि इस दिन रावण पर भगवान राम विजय हासिल कर अयोध्या वापस लौटे थे। जिसके बाद लोगों ने भगवान राम के आने की खुशी में दीप जलाकर उनका स्वागत किया गया। जो परंपरा आज भी पुरे धूम धाम से मनाई जाती है। लेकिन जिस दिन पुरे भारत में ये दीपावली मनाई जाती है, ठीक उससे एक दिन पहले दरभंगा जिला के नवादा पघारी गाँव के लोग बड़े धूम धाम से दीपावली मनाते आ रहे हैं।Body:दरअसल दरभंगा जिला के नवादा और पघारी गांव में दीपावली से एक दिन पहले पहुंचते हैं तो चौंक जाएंगे। क्योंकि, पूरा गांव दीया जलाकर उत्सव मनाते दिखेगा। पटाखों की आवाज में बच्चे झूमते नजर आएंगे। यानी मुख्य दीपावली से एक दिन पहले ही यहां के लोग घरों को पूरी तरह सजा-संवार लेते हैं। शाम ढलते ही पूरा गांव रोशनी से जगमगा उठता है। इस बार भी यहां के लोग 27 की जगह 26 अक्टूबर को ही दिवाली मना रहे है। वही नवादा गांव के प्रसिद्ध मां जगदम्बा धाम मंदिर को भी आकर्षकढंग से सजाया जा रहा है।  इस जगदम्बा धाम मंदिर की मान्यता है जो भी सच्चे मन से माँ से कुछ मांगता है, उसकी मन्नते पूरी होती है।

Conclusion:अनोज कुमार झा व अन्य ग्रामीणों के अनुसार यह जमींदारों का गांव रहा है। जिनके संबंध दरभंगा राज से अच्छे थे। दोनों पक्ष के लोग न केवल एक-दूसरे के यहां आना-जाना करते थे वरन त्योहार सहित अन्य धार्मिक व पारिवारिक कार्यक्रमों में भी भाग लेते थे। राजपरिवार में एक दिन पूर्व दिवाली मनाई जाती थी, इसलिए यहां के ग्रामीणों से एक दिन पहले ही इसे मनाना शुरू किया। यह परंपरा आज भी बरकरार है और यहां के लोग आज भी अपनी पुरानी परंपरा को जीवित रखते हुए एक दिन पहले ही दीपावली मनाते आ रहे हैं।   
Byte --------------------------- अनोज कुमार झा, ग्रामीण
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