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दलितों के आरक्षण के अधिकार पर सीधा हमला, दीपांकर भट्टाचार्य बोले- RSS-BJP ने देश को पीछे धकेल दिया है

मोदी सरकार ने संविधान में संशोधन करके सामजिक पिछड़ेपन के बजाय आर्थिक कमजोरी के नाम पर 10 प्रतिशत आरक्षण दिया. यह दलितों के आरक्षण के अधिकार पर सीधा हमला है. ये बातें शुक्रवार को दरभंगा में भाकपा माले के वरिष्ठ नेता लक्ष्मी (Tribute meeting of Laxmi Paswan in Darbhanga) पासवान की श्रद्धांजलि सभा में राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहीं. कॉमरेड लक्ष्मी जी ने अपने 50 साल के राजनीतिक सफर में मिथिलांचल के लोगों को जगाने का काम किया. पढ़ें पूरी खबर...

स्मृति सभा में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य
स्मृति सभा में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य
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Published : Nov 11, 2022, 9:53 PM IST

दरभंगा: भाकपा माले के वरिष्ठ नेता लक्ष्मी पासवान (Senior CPI ML leader Laxmi Paswan) की श्रद्धांजलि सभा उनके पैतृक गांव में आयोजित की गई. स्मृति सभा में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा सहित कई नेताओं ने भाग लिया. इस मौके पर राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि कॉमरेड लक्ष्मी जी ने अपने 50 साल के राजनीतिक सफर में मिथिलांचल के लोगों को जगाने का काम किया. वो एक ऐसा जागरण था जो सामंती जोर-जुल्म के खिलाफ था.

ये भी पढ़ें : पटना: रोजगार की मांग को लेकर 1 मार्च को भाकपा माले करेगी विधानसभा मार्च

स्मृति सभा में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य

आरक्षण पर भाजपा पर किया हमला : राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि प्रभुत्वशाली तबकों ने कमजोरों-गरीबों, दलितों को सताने का सिस्टम बना दिया था. इस को दूर करने के लिए संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर ने आरक्षण का प्रावधान किया. 2019 में मोदी सरकार ने संविधान में संशोधन करके 'सामजिक पिछड़ेपन' के बजाय 'आर्थिक कमजोरी' के नाम पर 10 प्रतिशत आरक्षण दिया. यह दलितों के आरक्षण के अधिकार पर सीधा हमला है. पिछले 60-70 सालों में सामाजिक बराबरी का जो सफर हमने तय किया था. आरएसएस बीजेपी ने देश को पीछे धकेल दिया है.

"2019 में मोदी सरकार ने संविधान में संशोधन करके 'सामजिक पिछड़ेपन' के बजाय 'आर्थिक कमजोरी' के नाम पर 10 प्रतिशत आरक्षण दिया. यह दलितों के आरक्षण के अधिकार पर सीधा हमला है. पिछले 60-70 सालों में सामजिक बराबरी का जो सफर हमने तय किया था. आरएसएस बीजेपी ने देश को पीछे धकेल दिया है." -दीपांकर भट्टाचार्य, राष्ट्रीय महासचिव भाकपा माले

लक्ष्मी ने लोकतंत्र को मजबूत बनाने की लड़ाई लड़ी : राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य उन्होंने कहा कि 70 के दशक में तानाशाही के दौर में उन्होंने लोकतंत्र को मजबूत बनाने की लड़ाई लड़ी. उन्होंने जहां से अपनी यात्रा शुरू की थी वो आपातकाल का दौर था. लेकिन वो आपातकाल कुछ समय का था. आज अघोषित आपातकाल का दौर है. आज अभिव्यक्ति पर हर तरह के हमले हो रहे। एक वैचारिक चुनौती हमारे सामने है. लक्ष्मी जी जिस वैचारिक लड़ाई के वाहक थे, उसको गांव-गांव से लेकर दिल्ली तक पहुंचाना होगा.

ये भी पढ़ें : बोली CPIML.. BJP के बुलडोजर को बिहार में जबरदस्त झटका, नीतीश के कंधे पर बंदूक रखकर चला रही बीजेपी

दरभंगा: भाकपा माले के वरिष्ठ नेता लक्ष्मी पासवान (Senior CPI ML leader Laxmi Paswan) की श्रद्धांजलि सभा उनके पैतृक गांव में आयोजित की गई. स्मृति सभा में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा सहित कई नेताओं ने भाग लिया. इस मौके पर राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि कॉमरेड लक्ष्मी जी ने अपने 50 साल के राजनीतिक सफर में मिथिलांचल के लोगों को जगाने का काम किया. वो एक ऐसा जागरण था जो सामंती जोर-जुल्म के खिलाफ था.

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स्मृति सभा में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य

आरक्षण पर भाजपा पर किया हमला : राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि प्रभुत्वशाली तबकों ने कमजोरों-गरीबों, दलितों को सताने का सिस्टम बना दिया था. इस को दूर करने के लिए संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर ने आरक्षण का प्रावधान किया. 2019 में मोदी सरकार ने संविधान में संशोधन करके 'सामजिक पिछड़ेपन' के बजाय 'आर्थिक कमजोरी' के नाम पर 10 प्रतिशत आरक्षण दिया. यह दलितों के आरक्षण के अधिकार पर सीधा हमला है. पिछले 60-70 सालों में सामाजिक बराबरी का जो सफर हमने तय किया था. आरएसएस बीजेपी ने देश को पीछे धकेल दिया है.

"2019 में मोदी सरकार ने संविधान में संशोधन करके 'सामजिक पिछड़ेपन' के बजाय 'आर्थिक कमजोरी' के नाम पर 10 प्रतिशत आरक्षण दिया. यह दलितों के आरक्षण के अधिकार पर सीधा हमला है. पिछले 60-70 सालों में सामजिक बराबरी का जो सफर हमने तय किया था. आरएसएस बीजेपी ने देश को पीछे धकेल दिया है." -दीपांकर भट्टाचार्य, राष्ट्रीय महासचिव भाकपा माले

लक्ष्मी ने लोकतंत्र को मजबूत बनाने की लड़ाई लड़ी : राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य उन्होंने कहा कि 70 के दशक में तानाशाही के दौर में उन्होंने लोकतंत्र को मजबूत बनाने की लड़ाई लड़ी. उन्होंने जहां से अपनी यात्रा शुरू की थी वो आपातकाल का दौर था. लेकिन वो आपातकाल कुछ समय का था. आज अघोषित आपातकाल का दौर है. आज अभिव्यक्ति पर हर तरह के हमले हो रहे। एक वैचारिक चुनौती हमारे सामने है. लक्ष्मी जी जिस वैचारिक लड़ाई के वाहक थे, उसको गांव-गांव से लेकर दिल्ली तक पहुंचाना होगा.

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