दरभंगा: जिस प्रकार मां की महिमा निराली मानी जाती है. उसी तरह भक्त भी अपनी अनूठी भक्ति और साधना से माता को लुभाने में लगे रहते हैं. दरभंगा के शत्रुध्न साह ने भी मां दुर्गा की भक्ति के लिए अलग तरीका अपनाया है. वह कलश स्थापन के दिन से ही अपने सीने पर कलश रख कर मां की कठिन साधना में लीन हैं. वह अलीनगर प्रखंड के इजरहट्टा के शीश महल दुर्गा मंदिर में कठिन साधना कर रहे हैं. साह के इस संकल्प को वहां के पुजारी और पूजा समिति के अध्यक्ष पूरा करने में लगे हुए हैं. इस साधना में शत्रुध्न आहार के नाम पर कुछ बूंद गंगाजल ले रहे हैं.
पहली बार कर रहे हैं इतनी कठिन साधना
शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा के प्रति भक्त शत्रुध्न साह की आस्था और साधना इस कदर है कि वो अलीनगर प्रखंड स्थित इजरहट्टा चौक स्थित दुर्गा मंदिर में माता के सामने सीने पर कलश लगाकर जयंती जमाये हुए हैं. उन्होंने पहली बार इतना कठिन तप और साधना करने का बीड़ा उठाया है. वहीं, दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष सूर्य कुमार ने बताया कि अपने एक मित्र की प्रेरणा से इन्होंने यह साधना शुरू की. माता जगदंबा से प्रार्थना है कि उनका यह तप पूरा हो जाए. वहीं पूजा पंडाल में श्रद्धालु देवी दुर्गे के संग-संग इस साधक का भी दर्शन करना नहीं भूल रहे हैं.
दर्शन को भक्तों की लगी भीड़
मां के भक्त शत्रुध्न साह से इस कठिन साधना के सम्बन्ध में पूछने पर उन्होंने बताया कि वह यह कार्य अपनी सुख शांति के लिए कर रहे हैं. निरन्तर उपवास से साह कमजोर हो चुके हैं. उन्होंने क्षीण स्वर में कहा कि मां के दरबार में चिन्तन करना अत्यन्त ही आनन्ददायक है. इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि मुझे शारदीय नवरात्र की प्रतीक्षा थी.