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दरभंगा: सीने पर कलश रख मां दुर्गा की कर रहे हैं आराधना, दर्शन को उमड़ी भीड़ - मां दुर्गा की भक्ति में लीन है शत्रुध्न साह

शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा के प्रति भक्त शत्रुध्न साह की आस्था और साधना इस कदर है कि वो अलीनगर प्रखंड स्थित इजरहट्टा चौक स्थित दुर्गा मंदिर में माता के सामने सीने पर कलश लगाकर जयंती जमाये हुए हैं.

मां दुर्गा का भक्त शत्रुध्न साह
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Published : Oct 6, 2019, 11:27 PM IST

दरभंगा: जिस प्रकार मां की महिमा निराली मानी जाती है. उसी तरह भक्त भी अपनी अनूठी भक्ति और साधना से माता को लुभाने में लगे रहते हैं. दरभंगा के शत्रुध्न साह ने भी मां दुर्गा की भक्ति के लिए अलग तरीका अपनाया है. वह कलश स्थापन के दिन से ही अपने सीने पर कलश रख कर मां की कठिन साधना में लीन हैं. वह अलीनगर प्रखंड के इजरहट्टा के शीश महल दुर्गा मंदिर में कठिन साधना कर रहे हैं. साह के इस संकल्प को वहां के पुजारी और पूजा समिति के अध्यक्ष पूरा करने में लगे हुए हैं. इस साधना में शत्रुध्न आहार के नाम पर कुछ बूंद गंगाजल ले रहे हैं.

darbhanga
मां दुर्गा की मूर्ति

पहली बार कर रहे हैं इतनी कठिन साधना

शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा के प्रति भक्त शत्रुध्न साह की आस्था और साधना इस कदर है कि वो अलीनगर प्रखंड स्थित इजरहट्टा चौक स्थित दुर्गा मंदिर में माता के सामने सीने पर कलश लगाकर जयंती जमाये हुए हैं. उन्होंने पहली बार इतना कठिन तप और साधना करने का बीड़ा उठाया है. वहीं, दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष सूर्य कुमार ने बताया कि अपने एक मित्र की प्रेरणा से इन्होंने यह साधना शुरू की. माता जगदंबा से प्रार्थना है कि उनका यह तप पूरा हो जाए. वहीं पूजा पंडाल में श्रद्धालु देवी दुर्गे के संग-संग इस साधक का भी दर्शन करना नहीं भूल रहे हैं.

भक्त शत्रुध्न साह सीने पर कलश रख कर साधना में लीन

दर्शन को भक्तों की लगी भीड़
मां के भक्त शत्रुध्न साह से इस कठिन साधना के सम्बन्ध में पूछने पर उन्होंने बताया कि वह यह कार्य अपनी सुख शांति के लिए कर रहे हैं. निरन्तर उपवास से साह कमजोर हो चुके हैं. उन्होंने क्षीण स्वर में कहा कि मां के दरबार में चिन्तन करना अत्यन्त ही आनन्ददायक है. इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि मुझे शारदीय नवरात्र की प्रतीक्षा थी.

दरभंगा: जिस प्रकार मां की महिमा निराली मानी जाती है. उसी तरह भक्त भी अपनी अनूठी भक्ति और साधना से माता को लुभाने में लगे रहते हैं. दरभंगा के शत्रुध्न साह ने भी मां दुर्गा की भक्ति के लिए अलग तरीका अपनाया है. वह कलश स्थापन के दिन से ही अपने सीने पर कलश रख कर मां की कठिन साधना में लीन हैं. वह अलीनगर प्रखंड के इजरहट्टा के शीश महल दुर्गा मंदिर में कठिन साधना कर रहे हैं. साह के इस संकल्प को वहां के पुजारी और पूजा समिति के अध्यक्ष पूरा करने में लगे हुए हैं. इस साधना में शत्रुध्न आहार के नाम पर कुछ बूंद गंगाजल ले रहे हैं.

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मां दुर्गा की मूर्ति

पहली बार कर रहे हैं इतनी कठिन साधना

शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा के प्रति भक्त शत्रुध्न साह की आस्था और साधना इस कदर है कि वो अलीनगर प्रखंड स्थित इजरहट्टा चौक स्थित दुर्गा मंदिर में माता के सामने सीने पर कलश लगाकर जयंती जमाये हुए हैं. उन्होंने पहली बार इतना कठिन तप और साधना करने का बीड़ा उठाया है. वहीं, दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष सूर्य कुमार ने बताया कि अपने एक मित्र की प्रेरणा से इन्होंने यह साधना शुरू की. माता जगदंबा से प्रार्थना है कि उनका यह तप पूरा हो जाए. वहीं पूजा पंडाल में श्रद्धालु देवी दुर्गे के संग-संग इस साधक का भी दर्शन करना नहीं भूल रहे हैं.

भक्त शत्रुध्न साह सीने पर कलश रख कर साधना में लीन

दर्शन को भक्तों की लगी भीड़
मां के भक्त शत्रुध्न साह से इस कठिन साधना के सम्बन्ध में पूछने पर उन्होंने बताया कि वह यह कार्य अपनी सुख शांति के लिए कर रहे हैं. निरन्तर उपवास से साह कमजोर हो चुके हैं. उन्होंने क्षीण स्वर में कहा कि मां के दरबार में चिन्तन करना अत्यन्त ही आनन्ददायक है. इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि मुझे शारदीय नवरात्र की प्रतीक्षा थी.

Intro:जिस प्रकार माँ की महिमा को निराली मानी जाती है उसी तरह भक्त भी अपने अनूठे भक्ति साधना से माता का आशीर्वाद पाते रहते हैं। इसी तरह का एक भक्त शत्रुधन साह भी कलशस्थापन के दिन से ही अपने छाती पर कलश रख कर माँ की कठिन साधना में लीन है। दरभंगा के अलीनगर प्रखंड स्थित इजरहट्टा स्थित शीश महल दुर्गा मंदिर शत्रुधन साहकलशस्थापन से बिना आहार लिए अपने छाती पर कलश रख कर माता की कठिन साधना कर रहा है। बिनोद के इस संकल्प को वहाँ के पुजारी तथा पूजा समिति के अध्यक्ष पूरी तन्मयता के पूरा करने में लगे हुए हैं। इस प्रक्रिया में आहार के नाम पर शत्रुधन कुछ बूंद गंगाजल के सहारे जिन्दा है। 
Body:शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा के प्रति अमोध आस्था निवेदित करने का जुनून व साधना इस कदर है कि वो अलीनगर प्रखंड स्थित इजरहट्टा चौक स्थित दुर्गा मंदिर में माता के सामने छाती पर कलश लगाकर जयंती जमाये हैं। वे पहली बार सीना पर जयंती उगाकर अपनी कठिन तप व साधना कर रहे हैं। वही दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष सूर्य कुमार ने बताया की अपने एक मित्र की प्रेरणा से इन्होने यह साधना शुरू किये हैं। माता जगदंबा से प्रार्थना है कि उनका यह तप पूरा हो। वही पूजा पंडाल में श्रद्घालु देवी दुर्गे के संग-संग इस साधक का भी दर्शन करना नहीं भूलते हैं।
Conclusion:वही मां के भक्त शत्रुधन साह से इस कठिन साधना के पीछे उसके उद्देश्य के सम्बन्ध में पूछने पर उसने बताया कि वह यह कार्य स्वानत: सुखाय कर रहा है। निरन्तर उपवास से कमजोर हो चुके उक्त युवक ने क्षीण स्वर में कहा कि मां के दरबार में उनके सानिध्य में उनका चिन्तन करना अत्यन्त ही आनन्ददायक है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। कहा मुझे शारदीय नवरात्र की प्रतीक्षा थी। इस कठिन साधना में लीन युवक की सहायता व देखभाल वहां रहकर उनके परिजन और दुर्गा पूजा समिति के सदस्य कर रहे हैं। वही दूसरी तरफ मां के पट खुलते ही पूजा पंडालों में मां के दर्शन को भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है और देर रात तक शहर के पूजा पंडालों में भक्तों की भीड़ जुटी रही।

Byte ------------------- सूर्य कुमार, अध्यक्ष दुर्गा पूजा समिति
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