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हत्यारे को गिरफ्तार करने दिल्ली से दरभंगा पहुंची पुलिस, भाग निकला विजय साहनी

बहन की शादी के लिए उधार लिए रुपये जब नहीं लौटा पाए तो कर दी हत्या, फिर हो गए फरार. बिहार से पंजाब तक छिपते-छिपाते काटते रहे फरारी. अब 6 साल बाद दिल्ली पुलिस ने अदालत से घोषित भगोड़े को हिमाचल प्रदेश के शिमला से गिरफ्तार किया है.

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Published : Oct 14, 2021, 8:08 PM IST

नई दिल्ली/दरभंगा : रुपयों के विवाद में कारोबारी की हत्या (Businessman Murder) को अंजाम देकर फरार हुए एक शख्स को लगभग 6 साल बाद क्राइम ब्रांच ने शिमला से गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान ललित साहनी के रूप में की गई है. पुलिस से बचने के लिए आरोपी लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था. अदालत ने वर्ष 2016 में हत्या के इस मामले में उसे भगोड़ा घोषित किया था. हत्या के इस मामले में दो अन्य आरोपी फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है.

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डीसीपी राजेश देव के अनुसार, विवेक विहार थाने में नरेश साहनी नामक कारोबारी की पत्नी ने अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी. उसने बताया कि उसके पति नरेश साहनी को विजय साहनी ने कॉल कर रुपये वापस लेने के लिए बुलाया था. यह रकम विजय साहनी ने उनसे उधार लिए थे. पानीपत में शाम के समय यह रकम लेने के लिए उन्हें बुलाया गया था. 26 जनवरी 2015 की शाम 7 बजे उन्होंने जब अपने पति को फोन किया तो मोबाइल स्विच ऑफ था. 27 जनवरी 2015 को वह जब नहीं लौटे तो उन्होंने ललित को कॉल किया जो उनके पति के साथ काम करता था. ललित ने बताया कि वह आ रहा है, लेकिन वह वापस नहीं आया. उसने भी अपना मोबाइल बंद कर लिया. विजय साहनी का मोबाइल भी बंद था. ललित और विजय साहनी सगे भाई इसके बाद से फरार चल रहे थे.


24 फरवरी 2015 को इस मामले में रजनीश मिश्रा को गिरफ्तार किया गया. उसने बताया कि ललित साहनी, विजय साहनी और रंजीत रॉय ने मिलकर पानीपत में नरेश की हत्या कर दी है. उसके शव को रेलवे स्टेशन के पास फेंक दिया गया था. उसकी निशानदेही पर मृतक की जैकेट और कमीज बरामद हो गई थी. मृतक का मोबाइल भी रजनीश मिश्रा के पास से बरामद हो गया था. पुलिस को इस मामले में मृतक की हड्डियां भी बरामद हुई थीं. इस मामले में 3 मार्च 2016 को आरोपी ललित साहनी और विजय साहनी को भगोड़ा घोषित कर दिया गया था. वहीं तीसरे आरोपी रंजीत राय को भी 22 मार्च 2016 को भगोड़ा घोषित किया गया था.


डीसीपी राजेश देव के अनुसार, क्राइम ब्रांच में तैनात ASI श्रीपाल को सूचना मिली कि नरेश साहनी हत्याकांड में शामिल ललित साहनी हिमाचल प्रदेश में छिपा हुआ है. वहीं उसका भाई विजय साहनी भी हत्या में शामिल था. वह बिहार के दरभंगा में छिपा हुआ है. इस जानकारी पर एसीपी संजीव कुमार की देखरेख में एसआई प्रकाश की टीम ने दोनों जगह पर छापा मारा. ललित साहनी को जहां शिमला से गिरफ्तार कर लिया गया तो वहीं विजय साहनी बिहार से फरार होने में कामयाब रहा.

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गिरफ्तार किया गया आरोपी सदर बाजार के रूई मंडी में काम करता था. उसने और उसके भाई ने नरेश साहनी से 3.5 लाख रुपये अपनी बहन की शादी के लिए उधार लिए थे. वह जब रुपये वापस मांगने लगा तो उन्होंने नरेश की हत्या कर दी. उन्होंने पहले उसे चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया और बेहोशी की हालत में पत्थर सिर पर मार कर उसकी हत्या कर दी थी. हत्या के बाद वह शिमला चला आया था. वह अलग-अलग शादियों में कुक का काम करता था. वह नौकरी की तलाश में पंजाब भी गया था. पुलिस इस मामले में फरार दो अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है.

नई दिल्ली/दरभंगा : रुपयों के विवाद में कारोबारी की हत्या (Businessman Murder) को अंजाम देकर फरार हुए एक शख्स को लगभग 6 साल बाद क्राइम ब्रांच ने शिमला से गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान ललित साहनी के रूप में की गई है. पुलिस से बचने के लिए आरोपी लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था. अदालत ने वर्ष 2016 में हत्या के इस मामले में उसे भगोड़ा घोषित किया था. हत्या के इस मामले में दो अन्य आरोपी फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है.

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डीसीपी राजेश देव के अनुसार, विवेक विहार थाने में नरेश साहनी नामक कारोबारी की पत्नी ने अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी. उसने बताया कि उसके पति नरेश साहनी को विजय साहनी ने कॉल कर रुपये वापस लेने के लिए बुलाया था. यह रकम विजय साहनी ने उनसे उधार लिए थे. पानीपत में शाम के समय यह रकम लेने के लिए उन्हें बुलाया गया था. 26 जनवरी 2015 की शाम 7 बजे उन्होंने जब अपने पति को फोन किया तो मोबाइल स्विच ऑफ था. 27 जनवरी 2015 को वह जब नहीं लौटे तो उन्होंने ललित को कॉल किया जो उनके पति के साथ काम करता था. ललित ने बताया कि वह आ रहा है, लेकिन वह वापस नहीं आया. उसने भी अपना मोबाइल बंद कर लिया. विजय साहनी का मोबाइल भी बंद था. ललित और विजय साहनी सगे भाई इसके बाद से फरार चल रहे थे.


24 फरवरी 2015 को इस मामले में रजनीश मिश्रा को गिरफ्तार किया गया. उसने बताया कि ललित साहनी, विजय साहनी और रंजीत रॉय ने मिलकर पानीपत में नरेश की हत्या कर दी है. उसके शव को रेलवे स्टेशन के पास फेंक दिया गया था. उसकी निशानदेही पर मृतक की जैकेट और कमीज बरामद हो गई थी. मृतक का मोबाइल भी रजनीश मिश्रा के पास से बरामद हो गया था. पुलिस को इस मामले में मृतक की हड्डियां भी बरामद हुई थीं. इस मामले में 3 मार्च 2016 को आरोपी ललित साहनी और विजय साहनी को भगोड़ा घोषित कर दिया गया था. वहीं तीसरे आरोपी रंजीत राय को भी 22 मार्च 2016 को भगोड़ा घोषित किया गया था.


डीसीपी राजेश देव के अनुसार, क्राइम ब्रांच में तैनात ASI श्रीपाल को सूचना मिली कि नरेश साहनी हत्याकांड में शामिल ललित साहनी हिमाचल प्रदेश में छिपा हुआ है. वहीं उसका भाई विजय साहनी भी हत्या में शामिल था. वह बिहार के दरभंगा में छिपा हुआ है. इस जानकारी पर एसीपी संजीव कुमार की देखरेख में एसआई प्रकाश की टीम ने दोनों जगह पर छापा मारा. ललित साहनी को जहां शिमला से गिरफ्तार कर लिया गया तो वहीं विजय साहनी बिहार से फरार होने में कामयाब रहा.

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गिरफ्तार किया गया आरोपी सदर बाजार के रूई मंडी में काम करता था. उसने और उसके भाई ने नरेश साहनी से 3.5 लाख रुपये अपनी बहन की शादी के लिए उधार लिए थे. वह जब रुपये वापस मांगने लगा तो उन्होंने नरेश की हत्या कर दी. उन्होंने पहले उसे चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया और बेहोशी की हालत में पत्थर सिर पर मार कर उसकी हत्या कर दी थी. हत्या के बाद वह शिमला चला आया था. वह अलग-अलग शादियों में कुक का काम करता था. वह नौकरी की तलाश में पंजाब भी गया था. पुलिस इस मामले में फरार दो अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है.

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