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Odisha Train Tragedy : ससुर के श्राद्ध कर्म में आए दामाद की मौत, दरभंगा के 4 युवक भी जख्मी - कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे का शिकार

ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे ने कई जिंदगी छीन ली. कई को जीवन भर का दर्द दिया तो कईयों के जेहन में हादसे की तस्वीर कभी न भूलने वाला खौफनाक मंजर बना दिया. दरभंगा में ससुर के श्राद्ध कर्म में शामिल होने आए दामाद जब कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन में बैठकर चेन्नई जा रहे थे तभी उनकी मौत हो गई. उनकी ससुराल के ही चार युवक भी साथ थे. लेकिन...

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Published : Jun 4, 2023, 9:33 AM IST

दरभंगा : बिहार के दरभंगा जिले के उफरदाहा गांव के चार युवक ओडिशा ट्रेन हादसे में बच गए. लेकिन इसी गांव के दामाद की ट्रेन एक्सीडेंट में मौत हो गई. ये सभी कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार हो कर ओडिशा से चेन्नई जा रहे थे. ये पाचों एक साथ कोरोमंडल के S-1 कोच में बर्थ नंबर 74, 75, 76, 77 सफर कर रहे थे. जैसे ही शाम के सात बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई.

ये भी पढ़ें- Odisha Train Accident : बालासोर से विशेष ट्रेन चेन्नई पहुंची, अस्पतालों में सरकारी खर्चे पर होगा घायलों का इलाज

दरभंगा के 4 युवक जख्मी, दामाद की मौत: इधर, दरभंगा में जैसे ही खबर मिली की कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई तो परिजन अपनों की चिंता में परेशान होने लगे. मोबाइल के जरिए पता लगाया तब जानकारी हुई कि उसी ट्रेन में उफरदाहा गांव के विष्णुदेव लाल देव के पुत्र संजय लालदेव (25), दयाराम यादव के पुत्र राकेश यादव (18), बतहू पासवान के पुत्र सतो पासवान (26) एवं विक्रम पासवान (19) एक ही साथ बोगी नंबर एस वन के 74 ,75 एवं 76,77 नंबर बर्थ पर यात्रा कर रहे थे. किसी तरह घरवालों को चारों ने फोन किया. उनके हाथ और पैर में चोटें आईं थी लेकिन गांव के ही दामाद की इस हादसे में मौत हो गई.

ससुर के श्रद्धकर्म में आया था दामाद: उफरदाहा गांव के रामविलास यादव के घर मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. मधुबनी जिले के पंडौल प्रखंड के गंधवारी निवासी उनके दामाद अपने ससुर रामविलास यादव के श्राद्ध कर्म में भाग लेकर वापस रोजी रोजगार के लिए चेन्नई जा रहे थे. उनकी मौत रेल हादसे में हो जाने की सूचना से ससुराल में कोहराम मच गया.

हादसे के वक्त मच गई चीख-पुकार: पीड़ितों ने घरवालों को बताया कि अचानक से जोरदार धक्का लगा, आवाज हुई और पल में ही सबकुछ बिखर गया. होश आया तो देखा चीत्कार मची हुई है. भगवान का शुक्र है कि वो लोग हादसे में बच गए. जिस बोगी में ये चारों सवार थे उस बोगी का आधा हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. जैसे ही हादसा हुआ स्थानीय रेलवे और प्रशासन के साथ आसपास के लोगों ने सभी यात्रियों की मदद की.

ट्रैक रेस्टोरेशन का कार्य जारी: गौरतलब है कि ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनें आपस में टकरा गईं. इस हादसे के बाद चीत्कार मच गई. इस हादसे में 288 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई. सैकड़ों यात्री घायल हैं. हादसे की प्राथमिक जांच रिपोर्ट सौंपी गई है. रेलमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक ने दौरा कर मामले की जानकारी ली है. रेस्टोरेशन का काम तेजी से चलाया जा रहा है. हालांकि अभी भी इस हादसे की वजह से कई ट्रेनें रद्द कर दी गईं हैं और कई ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया है.

दरभंगा : बिहार के दरभंगा जिले के उफरदाहा गांव के चार युवक ओडिशा ट्रेन हादसे में बच गए. लेकिन इसी गांव के दामाद की ट्रेन एक्सीडेंट में मौत हो गई. ये सभी कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार हो कर ओडिशा से चेन्नई जा रहे थे. ये पाचों एक साथ कोरोमंडल के S-1 कोच में बर्थ नंबर 74, 75, 76, 77 सफर कर रहे थे. जैसे ही शाम के सात बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई.

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दरभंगा के 4 युवक जख्मी, दामाद की मौत: इधर, दरभंगा में जैसे ही खबर मिली की कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई तो परिजन अपनों की चिंता में परेशान होने लगे. मोबाइल के जरिए पता लगाया तब जानकारी हुई कि उसी ट्रेन में उफरदाहा गांव के विष्णुदेव लाल देव के पुत्र संजय लालदेव (25), दयाराम यादव के पुत्र राकेश यादव (18), बतहू पासवान के पुत्र सतो पासवान (26) एवं विक्रम पासवान (19) एक ही साथ बोगी नंबर एस वन के 74 ,75 एवं 76,77 नंबर बर्थ पर यात्रा कर रहे थे. किसी तरह घरवालों को चारों ने फोन किया. उनके हाथ और पैर में चोटें आईं थी लेकिन गांव के ही दामाद की इस हादसे में मौत हो गई.

ससुर के श्रद्धकर्म में आया था दामाद: उफरदाहा गांव के रामविलास यादव के घर मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. मधुबनी जिले के पंडौल प्रखंड के गंधवारी निवासी उनके दामाद अपने ससुर रामविलास यादव के श्राद्ध कर्म में भाग लेकर वापस रोजी रोजगार के लिए चेन्नई जा रहे थे. उनकी मौत रेल हादसे में हो जाने की सूचना से ससुराल में कोहराम मच गया.

हादसे के वक्त मच गई चीख-पुकार: पीड़ितों ने घरवालों को बताया कि अचानक से जोरदार धक्का लगा, आवाज हुई और पल में ही सबकुछ बिखर गया. होश आया तो देखा चीत्कार मची हुई है. भगवान का शुक्र है कि वो लोग हादसे में बच गए. जिस बोगी में ये चारों सवार थे उस बोगी का आधा हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. जैसे ही हादसा हुआ स्थानीय रेलवे और प्रशासन के साथ आसपास के लोगों ने सभी यात्रियों की मदद की.

ट्रैक रेस्टोरेशन का कार्य जारी: गौरतलब है कि ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनें आपस में टकरा गईं. इस हादसे के बाद चीत्कार मच गई. इस हादसे में 288 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई. सैकड़ों यात्री घायल हैं. हादसे की प्राथमिक जांच रिपोर्ट सौंपी गई है. रेलमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक ने दौरा कर मामले की जानकारी ली है. रेस्टोरेशन का काम तेजी से चलाया जा रहा है. हालांकि अभी भी इस हादसे की वजह से कई ट्रेनें रद्द कर दी गईं हैं और कई ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया है.

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