दरभंगा: जिले के बहादुरपुर प्रखण्ड में विभिन्न मांगों को लेकर भाकपा (माले) के कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया (CPI ML workers Protest) और नारेबाजी की. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बहादुरपुर प्रखण्ड में चल रही बाढ़ अनुश्रवण समिति की बैठक (Flood Monitoring Committee Meeting) का विरोध किया और सदन में घुस गये. बैठक के दौरान स्थानीय विधायक, सासंद प्रतिनिधि और सत्ताधारी नेताओं के अनुपस्थिति रहने पर उनके ऊपर बाढ़ पीड़ितों से गद्दारी करने का आरोप लगाया.
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भाकपा (माले) के कार्यकर्ताओं ने बहादुरपुर प्रखण्ड पर विभिन्न मांगो को लेकर प्रदर्शन किया. जिसमें प्रखंड के सभी बाढ़ प्रभावित पंचायतों को राहत देने, राहत सूची वंचित लोगों का नाम जोड़ने, फसलक्षति मुआवजा सभी पंचायतों के बटाइदारों और किसानों को देने, जल-जमाव का निदान करने, बाढ़ का स्थायी निदान करने, प्रखण्ड के मुख्य सड़क सहित प्रखण्ड की जर्जर सड़कों के निर्माण की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और प्रखंड का घेराव किया.
अनुश्रवण की बैठक में स्थानीय विधायक, सांसद प्रतिनिधि व सत्ताधारी दल के नेताओं की अनुपस्थिति को बाढ़ पीड़ितों से गद्दारी करने का आरोप लगाया. 9 सूत्री मांगों का प्रस्ताव भी बाढ़ अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष, प्रमुख, सचिव और सीओ के माध्यम से सदन में रखा. मीटिंग हॉल में घुसे प्रदर्शनकारियों ने सीओ द्वारा बहादुरपुर प्रखण्ड को बाढ़ प्रभावित घोषित करने का प्रस्ताव पारित कर जिला प्रशासन को भेजने की घोषणा करने के बाद सदन से बाहर निकले. सदन से बाहर निकलकर धरने पर बैठ गए.
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सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा (माले) राज्य कमेटी के सदस्य अभिषेक कुमार ने कहा कि बहादुरपुर के सभी बाढ़ पीड़ितों को राहत के बगैर कोई समझौता नहीं होगा. अगर तीन दिनों में अंचल प्रशासन जिला प्रशासन से अनुमोदन लेकर सभी बाढ़ पीड़ितों को राहत देने की गारंटी नहीं देता तो 27 अगस्त को एनएच-57 सहित सभी सड़कों को जाम किया जायेगा.
भाकपा (माले) जिला स्थायी समिति के सदस्य नंद लाल ठाकुर ने कहा कि सभी विधायक, सांसद और सत्ताधारी दल के प्रतिनिधि की अनुपस्थिति जन सवालों से कन्नी काटने के लिए हैं. बाढ़ राहत सूची में नए नाम नहीं जोड़े जा रहे हैं. केवल सर्वेक्षण के नाम पर लोगों का कागज लेकर जनता को मूर्ख बनाया गया है. अगर बाढ़ राहत सूची में नए नाम जल्द नहीं जोड़े गये तो आंदोलन तेज होगा.