दरभंगा: भाकपा-माले जिला कार्यालय में लॉकडाउन नियमों का पालन करते हुए राज्यव्यापी आह्वान पर भाकपा-माले, आइसा, आरवायए और इंसाफ मंच ने विरोध दिवस मनाया. विरोध दिवस के अवसर पर पार्टी कार्यालय में भाकपा-माले नेताओं ने डॉ. कफील खान को रिहा करो, रासुका कानून खत्म करो, संविधान-लोकतंत्र पर हमला बन्द करो, जेल में बंद राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता को रिहा करो आदि नारों के साथ अपनी आवाज को बुलंद किया.
समर्पित होकर की सेवा
भाकपा-माले जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने कहा कि उत्तरप्रदेश में जब बच्चा ऑक्सीजन के अभाव में मर रहा था, तो डॉक्टर कफील खान समर्पित होकर सेवा में लगे थे. बिहार में बाढ़ और चमकी बुखार से परेशानी में फंसे लोगों के लिए दिन रात एक कर टीम के साथ सेवा किया. आज जब कोरोना महामारी में संक्रमितों की सेवा में मेडिकल इमरजेंसी चल रहा है तो, डॉ. खान का बाहर होना जनहित में जरूरी है.
जल्द रिहा करने की मांग
बैद्यनाथ यादव ने कहा कि योगी-मोदी सरकार ने उनको रासुका के तहत जेल में बंद किया है. ये शर्मनाक करतूत है. हमारी पार्टी उन्हें जल्द रिहा करने की मांग करती है. वहीं आईस के जिलाध्यक्ष प्रिंस राज ने कहा कि गोरखपुर के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कफील खान की रिहाई की मांग को लेकर आज पूरे राज्य में विरोध दिवस मनाया गया है.
उन्होंने कहा कि सरकार के नीति-फैसला का विरोध करने के कारण डॉ. कफील पर रासुका लगाना एकदम नाजायज है. यह विरोध के आवाज को दबाने के लिए फासीवादी कदम है.
विरोध की आवाज दबाना चाहती है सरकार
प्रिंस राज ने कहा कि पूरा देश सरकार के इस रवैये का विरोध कर रहा है और डॉ. कफील की रिहाई की मांग कर रहा है. उन्होंने कहा की योगी-मोदी की सरकार विरोध की आवाज को दबाना चाहती है. जिसे देश के अमन पसंद लोग, छात्र और नौजवान दबने नही देंगे और मिल जुलकर संघर्ष करेंगे.