दरभंगा: इंसाफ मंच और भाकपा(माले) के बैनर तले भरुल्ली गांव में कार्यकर्ताओं ने धरना दिया. इसमें आवासित मजदूरों की मौत के जिम्मेदार अंचलाधिकारी सहित अन्य दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की गई. साथ ही मृतक के परिजनों को 20 लाख का मुआवजा देने और लॉकडॉउन का गुजारा भत्ता 10 हजार रुपये देने की भी मांग रखी गई.
'प्रवासी मजदूरों को प्रताड़ित करना जघन्य अपराध'
भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रवासी मज़दूर इस लॉकडॉउन में काफी तकलीफें झेल कर अपने घर पहुंच रहे हैं. इसके बाद भी उनको जो राहत-सहायता मिलनी चाहिए, वो बिल्कुल ही नदारद हैं. उल्टे उन प्रवासी मजदूरों को क्वॉरेंटाइन सेंटरों में प्रताड़ित किया जा रहा है, जो जघन्य अपराध हैं. इस तरह का अपराध करने वाले पदाधिकारी वो चाहे सीओ-बीडीओ ही क्यों न हों, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.
'घटना की लीपापोती के बदले सीओ पर हो मुकदमा दर्ज'
इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद ने कहा कि कोरा क्वॉरेंटाइन सेंटर में हुई घटना की जांच के नाम पर लीपापोती करने के बजाए दोषी सिंहवाड़ा अंचलाधिकारी को डीएम फौरन निलंबित करते हुए मुक़दमा करें. ऐसा नहीं होने पर इस आंदोलन को और तेज किया जाएगा. उन्होंने क्वॉरेंटाइन सेंटर में आवासित मज़दूर मृतक अरूण यादव और नुरुल नदाफ के परिजनों को 20-20 लाख की मुआवजा राशि देने की मांग की.