दरभंगा: जिले के राज मैदान में आयोजित कन्हैया कुमार की विशाल जनसभा को लेकर भाकपा माले इंसाफ मंच के संयुक्त तत्वधान में पोलो मैदान से राज मैदान तक पदयात्रा निकाला गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर को वापस लेने की मांग को लेकर नारेबाजी की. वहीं, पद यात्रा में निकले वक्ताओं का कहना था कि देश की अर्थव्यवस्था कराह रही है. आम जनता महंगाई और बेकारी से परेशान हैं. लेकिन मोदी-शाह की सरकार सीएए, एनपीआर और एनआरसी का संविधान विरोधी खेल खेल रही है.
'आजाद भारत का सबसे बड़ा जन आंदोलन'
भाकपा माले के पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा ने कहा कि जिस तरह काला धन पकड़ने के नाम पर अर्थव्यवस्था को चौपट करने वाली नोटबंदी लाकर काले धन को सफेद करने का महोत्सव मनाया गया. ठीक उसी तरह से सीएए, एनआरसी और एनपीआर का प्रोजेक्ट देश में अराजकता पैदा कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार की तानाशाही से देश में आजादी के बाद का सबसे बड़ा जन आंदोलन खड़ा हुआ है. देश-दुनिया के प्रतिष्ठित बुद्धिजीवियों पूर्व के सम्मानित न्यायाधीशों ने जिसे संविधान विरोधी करार दिया है.
'3 दिवसीय शाहीन बाग के तर्ज पर होगा प्रदर्शन'
मार्च की अगुवाई करते हुए धिरेंद्र झा ने कहा कि इस नए कानून से असम की भांति दलित गरीब ज्यादा प्रभावित होंगे. साथ ही इससे पूरे देश में रोजी-रोटी में लगे लोगों की मुसीबतें बढ़ेंगी. उन्होंने कहा कि यह हर एक नागरिक का मामला है, क्योंकि यह संविधान से जुड़ा है. संविधान से हमारे देश की तरक्की हुई है. धिरेंद्र झा ने कहा कि कि इस आंदोलन में दलित गरीब और मजदूर किसानों की भागीदारी बढ़ाने को लेकर भाकपा माले का अभियान चल रहा है. साथ ही कहा कि दरभंगा जिले के सात जगहों पर दलित गरीबों का बुधवार से 3 दिवसीय शाहीन बाग के तर्ज पर प्रदर्शन शुरू होगा.