दरभंगा: रविवार को भाकपा-माले के दो दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन अनशन पर बैठे लोगों को शरबत पिलाकर अनशन तुड़वाया गया. यह हड़ताल भाकपा-माले के राष्ट्रव्यापी आवाहन पर प्रवासी मजदूरों की घर वापसी का प्रबन्ध करने, प्रवासी श्रमिकों के लिये विशेष कार्य योजना, प्रवासी मजदूरों सहित सभी मजदूरों को 10 हजार रुपये का लॉकडाउन राहत भत्ता, बिना राशन कार्ड के ही सभी गरीबों को राशन मुफ्त देने सहित अन्य मांग को लेकर की गई थी.
'राजनैतिक पैंतरेबाजी कर रहे नीतीश कुमार'
भाकपा माले के जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने कहा कि प्रवासी बिहारी मजदूरों की सकुशल घर वापसी के सवाल पर नीतीश कुमार राजनैतिक पैंतरेबाजी कर रहे हैं. उनका ये कहना कि इससे लॉकडाउन का मकसद ही खत्म हो जाएगा, ये बातें बकवास के अलावा और कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि इस दो दिवसीय भूख हड़ताल के माध्यम से केंद्र सरकार और बिहार सरकार से पूछना चाहते हैं कि बिहार के लाखों मजदूर और छात्र जो बिहार के बार फंसे हुए हैं, यदि वे कोरोना की चपेट में आते हैं, तो इसकी जवाबदेही किसकी होगी.
मजदूरों के सामने भुखमरी का संकट
बैधनाथ यादव ने कहा कि इस लॉकडाउन के दौरान देश-प्रदेश में रहने वाले मजदूरों के सामने भुखमरी का संकट पैदा हो गया है. क्या नीतीश-मोदी की सरकार को इन समस्याओं से कोई मतलब नहीं है. क्या मजदूरों को भूखे मरने के लिए छोड़ दिया जाए. ये सरकार सिर्फ अमीरों को तो उनके घर पहुंचाने का काम कर रही है. लेकिन मजदूरों और छात्रों के प्रति सरकार कहीं से भी चिंतित नहीं है. उन्हें अपने हाल पर मरने के लिए छोड़ दिया गया है. हमारी पार्टी सरकार से मांग करती है कि सरकार सभी प्रवासी मजदूरों व छात्रों को बिहार लाए. उनकी जांच कराए और उनके ठहरने व भोजन की व्यवस्था करे.