दरभंगा: कार्ल मार्क्स की जयंती के अवसर पर और वामपंथी पार्टियों के राज्यव्यापी आह्वान पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) दरभंगा जिला परिषद ने एक दिवसीय धरना दिया. ये धरना लॉकडाउन के दौरान उत्पन्न समस्याओं के निदान की मांग को लेकर किया गया था.
छात्रों को 10 हजार रुपए देने की मांग
इस दौरान सीपीआई के नेताओं ने सरकार से मांग की है कि बिहार से बाहर फंसे सभी छात्र, नौजवान और मजदूरों को केंद्र और राज्य सरकार अपने संसाधनों से बिना किराया लिए घर तक पहुंचाए. वहीं, लॉकडाउन की अवधि में सभी मजदूरों, छात्रों व युवाओं को 10 हजार रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता दे.
किसानों को 50 हजार देने की मांग
लॉकडाउन और वर्षा की वजह से किसानों की जो फसल क्षति हुई है उसका मुआवजा 50 हजार प्रति हेक्टेयर देने की मांग की है. हड़ताल की अवधि में शिक्षकों के बकाया वेतन का भुगतान अविलंब करने के लिए कहा है. छात्रों का रूम किराया, स्कूल और ट्यूशन फीस भी सरकार पूरे वर्ष की माफ करे. वहीं, प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार की व्यवस्था सरकार करे.
बिहार से दोहरा व्यवहार
सीपीआई के नेता ने कहा कि केंद्र सरकार अन्य राज्यों मुकाबले बिहार से दोहरा व्यवहार कर रही है. सीपीआई नेताओं ने ग्रामीण इलाकों में लोगों की दयनीय स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लोग अब करोना से कम और भूख से ज्यादा मरेंगे. रोज कमाने और खाने वाले लोग भूख से मरने की कगार पर हैं.
एक मिनट का मौन धारण
पार्टी के सदस्य लक्ष्मी नायक के आकास्मिक निधन पर सभी धरना स्थल पर एक मिनट का मौन धारण करके श्रंद्धाजलि अर्पित की गई. वहीं, लालबाग में धरने के दौरान कार्यालय सचिव विश्वनाथ मिश्र, दिलीप कुमार मिश्र अधिवक्ता, एआईवाईएफ के प्रदेश उपाध्यक्ष राजू मिश्रा, जिला संयोजक आनन्द मोहन, सहसंयोजक मो. नजीउल्लाह, ओसामा सिद्दीकी, महेंद्र साह, पंकज चौधरी, गौतम चौधरी, प्रसंजीत प्रभाकर, प्रमोद कुमार झा आदि उपस्थित थे.