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9 सूत्री मांग को लेकर भाकपा माले और ऐपवा का एक दिवसीय धरना

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Published : Dec 23, 2020, 6:47 PM IST

भाकपा माले और ऐपवा ने संयुक्त रूप से 9 सूत्री मांगों को लेकर समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर एक दिवसीय धरना दिया. साथ ही दिल्ली में किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए, तीनों काले कानूनों को वापस करने और आंदोलन को समाप्त करवाने का आग्रह केंद्र सरकार से किया.

भाकपा माले और ऐपवा का एक दिवसीय धरना
भाकपा माले और ऐपवा का एक दिवसीय धरना

दरभंगाः भाकपा माले और ऐपवा ने संयुक्त रूप से 9 सूत्री मांगों को लेकर समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर एक दिवसीय धरना दिया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पर्चे की जमीन पर कब्जा दिलाने और गृहविहीन को घर बनाने के लिए जमीन देने की मांग की. साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर दिलाने और दलितों, गरीबों के गांव टोले तक संपर्क पथ बनाने सहित कई अन्य मागों को लेकर प्रदर्शन किया.

किसानों का आंदोलन समाप्त करवाने का आग्रह
भाकपा माले के वरिष्ठ नेता आरके साहनी ने कहा कि बिहार की नीतीश कुमार सरकार, पुरानी नीतीश सरकार से भी ज्यादा गरीब मजदूरों की विरोधी है. सुशासन का नारा बिल्कुल झूठा और गलत है. वहीं उन्होंने दिल्ली किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए, तीनों काले कानूनों को वापस करने और आंदोलन को समाप्त करवाने का आग्रह केंद्र सरकार से किया.
मांगें पूरी नहीं हुई तो होगा उग्र आंदोलन
वहीं आरके साहनी ने कहा कि दूसरी बार भाजपा जदयू की सरकार सत्ता में आने के बाद मजदूरों, किसानों, गरीबों और महिलाओं पर सामंती अत्याचार में वृद्धि हुई है. पुलिस का काम हमलावरों को संरक्षण देना हो गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि हम धरना प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से मांग करते हैं कि सभी मांगों पर त्वरित कार्रवाई हो. मांगों को पूरा नहीं किया तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा.

दरभंगाः भाकपा माले और ऐपवा ने संयुक्त रूप से 9 सूत्री मांगों को लेकर समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर एक दिवसीय धरना दिया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पर्चे की जमीन पर कब्जा दिलाने और गृहविहीन को घर बनाने के लिए जमीन देने की मांग की. साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर दिलाने और दलितों, गरीबों के गांव टोले तक संपर्क पथ बनाने सहित कई अन्य मागों को लेकर प्रदर्शन किया.

किसानों का आंदोलन समाप्त करवाने का आग्रह
भाकपा माले के वरिष्ठ नेता आरके साहनी ने कहा कि बिहार की नीतीश कुमार सरकार, पुरानी नीतीश सरकार से भी ज्यादा गरीब मजदूरों की विरोधी है. सुशासन का नारा बिल्कुल झूठा और गलत है. वहीं उन्होंने दिल्ली किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए, तीनों काले कानूनों को वापस करने और आंदोलन को समाप्त करवाने का आग्रह केंद्र सरकार से किया.
मांगें पूरी नहीं हुई तो होगा उग्र आंदोलन
वहीं आरके साहनी ने कहा कि दूसरी बार भाजपा जदयू की सरकार सत्ता में आने के बाद मजदूरों, किसानों, गरीबों और महिलाओं पर सामंती अत्याचार में वृद्धि हुई है. पुलिस का काम हमलावरों को संरक्षण देना हो गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि हम धरना प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से मांग करते हैं कि सभी मांगों पर त्वरित कार्रवाई हो. मांगों को पूरा नहीं किया तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा.

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