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भगवान भरोसे पढ़ाई: स्कूल में शिक्षकों के साथ-साथ सुविधाओं की भी कमी - दरभंगा के उच्च विद्यालय में सुविधाओं की कमी

स्कूल में बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त बेंच तक नहीं है. यहां शौचालय और भवन भी जर्जर हो चुके हैं. वहीं, पिछले कई सालों से शिक्षकों की भी कमी है. जिससे पठन-पाठन पर असर पड़ रहा है.

विद्यालय में सुविधाओं की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई पर हो रहा असर
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Published : Nov 19, 2019, 12:12 PM IST

दरभंगा: जिले के बहेरी प्रखंड के उच्च विद्यालय शंकर रोहार बिठौली का संचालन भगवान भरोसे चल रहा है. इस विद्यालय में सुविधाओं की कमी के कारण बच्चों के पठन-पाठन पर असर पड़ रहा है. विद्यालय में नौवीं और दसवीं कक्षा के 350 छात्र-छात्रा नामंकित है. लेकिन सरकारी प्रावधान के बावजूद सुविधाएं नहीं मिल रही हैं.

शिक्षक की भी कमी
9 कमरे में चल रहे उक्त विद्यालय में बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त बेंच भी नहीं है. यहां पिछले कई वर्षों से शिक्षक की भी कमी है. प्रधानाध्यापक के अलावे मात्र चार शिक्षक पदस्थापित हैं. शौचालय और भवन भी जर्जर हो चुके हैं. प्रधानाध्यापक रोहित कुमार राय ने बताया कि इस संबंध में विभागीय अधिकारियों से शिकायत की गई है, लेकिन कोई पहल नहीं हो रही है.

विद्यालय के प्रधानाध्यापक रोहित कुमार राय का बयान

यह भी पढें: पुस्तक मेला में खूब बिकी यह किताब, पाटलिपुत्र की ऐतिहासिकता से कराती है रूबरू

बिजली की भी नहीं है व्यवस्था
रोहित कुमार राय ने कहा कि उच्च विद्यालय संकर रोहार बिठौली की स्थापना 1978 में हुई थी. इस विद्यालय में कई शिक्षक का कार्यकाल के दौरान देहांत हो गया. लेकिन सरकार की तरफ से उन्हें कोई लाभ नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि सरकार बच्चे की कंप्यूटर से शिक्षा की बात करते हैं. लेकिन इस विद्यालय में बिजली तक नहीं है. कंप्यूटर की शिक्षा तो दूर की बात है.

दरभंगा: जिले के बहेरी प्रखंड के उच्च विद्यालय शंकर रोहार बिठौली का संचालन भगवान भरोसे चल रहा है. इस विद्यालय में सुविधाओं की कमी के कारण बच्चों के पठन-पाठन पर असर पड़ रहा है. विद्यालय में नौवीं और दसवीं कक्षा के 350 छात्र-छात्रा नामंकित है. लेकिन सरकारी प्रावधान के बावजूद सुविधाएं नहीं मिल रही हैं.

शिक्षक की भी कमी
9 कमरे में चल रहे उक्त विद्यालय में बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त बेंच भी नहीं है. यहां पिछले कई वर्षों से शिक्षक की भी कमी है. प्रधानाध्यापक के अलावे मात्र चार शिक्षक पदस्थापित हैं. शौचालय और भवन भी जर्जर हो चुके हैं. प्रधानाध्यापक रोहित कुमार राय ने बताया कि इस संबंध में विभागीय अधिकारियों से शिकायत की गई है, लेकिन कोई पहल नहीं हो रही है.

विद्यालय के प्रधानाध्यापक रोहित कुमार राय का बयान

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बिजली की भी नहीं है व्यवस्था
रोहित कुमार राय ने कहा कि उच्च विद्यालय संकर रोहार बिठौली की स्थापना 1978 में हुई थी. इस विद्यालय में कई शिक्षक का कार्यकाल के दौरान देहांत हो गया. लेकिन सरकार की तरफ से उन्हें कोई लाभ नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि सरकार बच्चे की कंप्यूटर से शिक्षा की बात करते हैं. लेकिन इस विद्यालय में बिजली तक नहीं है. कंप्यूटर की शिक्षा तो दूर की बात है.

Intro:दरभंगा । जिले के बहेरी प्रखंड के उच्च विद्यालय संकर रोहार बिठौली का संचालन भगवान भरोसे चल रहा है स्थापना । इस विद्यालय में सुविधिओं के कमी के कारण बच्चों के पठन-पाठन पर असर पड़ रहा है विद्यालय में नौवीं व दसवीं कक्षा के 350 छात्र-छात्रा नामंकित है लेकिन सरकारी प्रधान के बावजूद सुविधाएं नहीं मिल रही । महाजन 9 कमरे में चल रहे उक्त विद्यालय में बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त डैक्स -बेंच भी नहीं है इस स्कूल में पिछले कई वर्षों से शिक्षक की कमी है विद्यालय में प्रधानाध्यापक के अलावा मात्र चार शिक्षक पदस्थापित हैं विद्यालय में जर्जर भवन तथा शौचालय अवस्थित है इस संबंध में विद्यालय के प्रधानाध्यापक रोहित कुमार राय ने इटीवी भारत के टीम राजा कुमार दास से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार इस विद्यालय से अनदेखी कर रहे हैं उच्च विद्यालय संकर रोहार बिठौली की स्थापना 1978 में हुई इस विद्यालय में शिक्षक के कार्यकाल में देहांत हो गया लेकिन सरकार के तरफ से कोई लाभ नहीं दिया गया । इस विद्यालय के शिक्षक रिटायर कर गए लेकिन सरकार के तरफ से किसी प्रकार की कोई लाभ नहीं दिया गया सरकार बच्चे की कंप्यूटर शिक्षा की बात करते हैं इस विद्यालय में बिजली तक नहीं है कंप्यूटर शिक्षा की बात तो अलग की है ।Body:जर्जर अवस्था में पड़ा है भवनConclusion:विद्यालय के प्रधानाध्यापक रोहित कुमार राय का बयान
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