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सर्द हवाओं ने बढ़ाई DMCH के मरीजों की परेशानी, प्रशासन की तरफ से नहीं मिल रही उचित व्यवस्था

इस ठंड से बचाव के लिए परिजनों ने खिड़कियों पर चादर और कार्टन लगा रखा है ताकि हवा के झोंकों से बच सकें. लेकिन, इस ठंड के आगे ये सभी जुगाड़ फीके पर रहे हैं.

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Published : Dec 28, 2019, 11:11 AM IST

दरभंगा: जिले में कड़ाके की ठंड के कारण लोग परेशान हैं. मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में इस ठंड से राहत मिलने के कोई आसार नहीं हैं. सर्द पछुआ हवा के झोंके ने डीएमसीएच के सर्जिकल विभाग में भर्ती मरीज और उनके परिजन की मुश्किलें बढ़ा दी है. इस भवन के अधिकांश कमरों की खिड़कियों के कांच टूटे हुए हैं. जिस कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.

DMCH
खिड़कियों में नहीं हैं दरवाजे

विभाग से नहीं मिल रही उचित व्यवस्था
इस ठंड से बचाव के लिए परिजनों ने खिड़कियों पर चादर और कार्टन लगा रखा है ताकि हवा के झोंकों से बच सकें. लेकिन, इस ठंड के आगे ये सभी जुगाड़ फीके पर रहे हैं. वहीं, अस्पताल प्रशासन इस भवन के टूटे शीशे को बदलवाने के जगह कार्ड बोर्ड और पर्दा लगाने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है. ये सभी उपाय इस सर्द के सामने नाकाफी साबित हो रही है.

DMCH
पछुआ हवा से परेशान मरीज

रात-रात भर जगे रहते है मरीज और परिजन
यहां भर्ती मरीज के परिजन अकीला खातून ने बताया कि अस्पताल प्रशासन के तरफ से ठंड से बचाव के लिए किसी प्रकार के उपाए नहीं किए गए हैं. कमरों की खिड़कियों के शिशे और दरवाजे टूटे हुए है, जिससे ठंडी हवा के साथ-साथ आवारा पशु सीधे कमरे में आते हैं. हालांकि, अस्पताल की ओर से मरीज को एक-एक कंबल बांटा गया है. लेकिन उससे काम नहीं चल पा रहा है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

खिड़कियों में कार्डबोर्ड और पर्दे लगाने के निर्देश
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राज रंजन प्रसाद ने कहा कि सर्जरी वार्ड को भवन विभाग द्वारा कंडम घोषित कर दिया गया है. फिर भी मरीजों की ज्यादा संख्या होने के चलते वहां इलाज चल रहा है. उन्होंने बताया कि हेल्थ मैनेजर को निर्देश दिया गया है कि उस भवन के जितने भी खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं, सभी जगहों को कार्डबोर्ड और पर्दा लगाकर बंद कर दिया जाए, ताकि ठंडी हवा अंदर प्रवेश न कर सके.

दरभंगा: जिले में कड़ाके की ठंड के कारण लोग परेशान हैं. मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में इस ठंड से राहत मिलने के कोई आसार नहीं हैं. सर्द पछुआ हवा के झोंके ने डीएमसीएच के सर्जिकल विभाग में भर्ती मरीज और उनके परिजन की मुश्किलें बढ़ा दी है. इस भवन के अधिकांश कमरों की खिड़कियों के कांच टूटे हुए हैं. जिस कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.

DMCH
खिड़कियों में नहीं हैं दरवाजे

विभाग से नहीं मिल रही उचित व्यवस्था
इस ठंड से बचाव के लिए परिजनों ने खिड़कियों पर चादर और कार्टन लगा रखा है ताकि हवा के झोंकों से बच सकें. लेकिन, इस ठंड के आगे ये सभी जुगाड़ फीके पर रहे हैं. वहीं, अस्पताल प्रशासन इस भवन के टूटे शीशे को बदलवाने के जगह कार्ड बोर्ड और पर्दा लगाने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है. ये सभी उपाय इस सर्द के सामने नाकाफी साबित हो रही है.

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पछुआ हवा से परेशान मरीज

रात-रात भर जगे रहते है मरीज और परिजन
यहां भर्ती मरीज के परिजन अकीला खातून ने बताया कि अस्पताल प्रशासन के तरफ से ठंड से बचाव के लिए किसी प्रकार के उपाए नहीं किए गए हैं. कमरों की खिड़कियों के शिशे और दरवाजे टूटे हुए है, जिससे ठंडी हवा के साथ-साथ आवारा पशु सीधे कमरे में आते हैं. हालांकि, अस्पताल की ओर से मरीज को एक-एक कंबल बांटा गया है. लेकिन उससे काम नहीं चल पा रहा है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

खिड़कियों में कार्डबोर्ड और पर्दे लगाने के निर्देश
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राज रंजन प्रसाद ने कहा कि सर्जरी वार्ड को भवन विभाग द्वारा कंडम घोषित कर दिया गया है. फिर भी मरीजों की ज्यादा संख्या होने के चलते वहां इलाज चल रहा है. उन्होंने बताया कि हेल्थ मैनेजर को निर्देश दिया गया है कि उस भवन के जितने भी खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं, सभी जगहों को कार्डबोर्ड और पर्दा लगाकर बंद कर दिया जाए, ताकि ठंडी हवा अंदर प्रवेश न कर सके.

Intro:जिले में कड़ाके की ठंड का कहर जारी है और मौसम विभाग की मानें तो आने वाले कुछ दिनों तक इस ठंड से राहत मिलने के कोई आसार नहीं है। वही सर्द पछिया हवा के झोंके से डीएमसीएच के सर्जिकल भवन में भर्ती मरीज व उनके परिजन की मुश्किलें बढ़ा दी है। क्योंकि इस भवन के अधिकांश कमरे की खिड़कीयां के कांच टूटे हुए हैं। जिससे पछुआ हवा सीधे मरीज व उनके परिजन झेलने पर रहे हैं। वहीं इस कड़ाके की ठंड में अस्पताल प्रशासन के द्वारा आपूर्ति की गई कंबल भी नाकाफी साबित हो रही है।





Body:ठंड हवा के दंश को झेलने को विवश परिजन

आलम यह है कि इस ठंड से बचाव को लेकर परिजन खिड़कियों पर चादर या कार्टून लगाकर हवा के झोंके को रोकने के प्रयास में जुटे रहते हैं। लेकिन इस ठंड के सामने परिजनों के सभी जुगाड़ फीके पर रहे हैं। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने इस भवन के टूटे शीशे को बदलवाने के जगह कार्ड बोर्ड और पर्दा लगाने की बात कह अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। जो इस सर्द रात के हवा के झोंके के सामने नाकाफी साबित हो रही है और यहां पर भर्ती मरीज व परिजन ठंड के चलते रतजगा कर रहे हैं।


ठंड के चलते मरीज व परिजन कर रहे है रतजगा

वही भर्ती मरीज के परिजन अकीला खातून ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ठंड से निजात दिलाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। कमरे की खिड़की के शिशे और दरवाजे टूटे हुए है, जिससे ठंडी हवा के साथ ही आवारा पशु सीधे कमरे में आते है। वही उन्होंने कहा कि अस्पताल की ओर से मरीज को एक कंबल मिला है। उससे काम नहीं चल पा रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि सर्द हवा और समुचित व्यवस्था नही रहने के कारण हम लोग साल ओढ़ कर किसी तरह रात गुजारते हैं।




Conclusion:टूटे शीशे के जगह कार्डबोर्ड और पर्दा लगाने का निर्देश

वहीं अस्पताल अधीक्षक डॉ राज रंजन प्रसाद ने कहा कि सर्जरी वार्ड को भवन विभाग द्वारा कंडम घोषित कर दिया गया है। फिर भी मरीजो के ज्यादा संख्या होने के चलते वहां इलाज चल रहा है।वही उन्होंने कहा कि हेल्थ मैनेजर को निर्देश दिया गया है कि उस भवन के जितने भी खिड़कीयो के शीशे टूटे हुए हैं, सभी जगहो को कार्डबोर्ड और पर्दा लगाकर बंद रखिए। ताकि ठंड हवा अंदर प्रवेश ना करे।

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अकीला खातून, परिजन
डॉ राज रंजन प्रसाद, अस्पताल अधीक्षक
पीटीसी के साथ
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