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मुख्य सचिव दीपक कुमार ने प्रवासी मजदूरों के लिए संचालित क्वॉरेंटाइन सेंटर की समीक्षा की - Small-scale industries will be started for migrant laborers

मुख्य सचिव दीपक कुमार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जिलाधिकारी के साथ बैठक कर प्रवासी मजदूरों के लिए संचालित क्वॉरेंटाइन सेंटरों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों के हुनर का उपयोग कर उनके लिए छोटे-मोटे उद्योग धंधे शुरू किए जाएं.

दरभंगा
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Published : May 6, 2020, 10:59 PM IST

दरभंगा: बिहार सरकार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिले के क्वॉरेंटाइन सेंटरों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटरों में उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं की जानकारी लेकर कई दिशा-निर्देश दिए. साथ ही कहा कि जल्द ही स्वास्थय् विभाग की ओर से ट्रूनैट मशीन उपलब्ध करवाई जाएगी.

बता दें कि दीपक कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रवासी मजदूर मुसीबत के समय अपने-अपने घरों को लौटे हैं. इसी कारण से क्वॉरेंटाइन सेंटर पर उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. वहीं, ट्रूनैट मशीन के बारे में बताता हुए उन्होंने कहा कि इससे तेजी से कोरोना की जांच की जा सकती है. इसीलिए सभी जिलों में इसे उपलब्ध करवा दिया जाएगा.

प्रवासी मजदूरों के हुनर का किया जाएगा उपयोग

इसके अलावे मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा है कि हमारे राज्य के प्रवासी लोग काफी हुनरमंद है. इसीलिए इनके हुनर का उपयोग करते हुए स्थानीय स्तर पर ही छोटे-मोटे उद्योग धंधे शुरू कर इन हुनरमंद श्रमिकों की सेवा ली जाए. इससे इन मजदूरों को अपने गांव और आसपास में ही रोजगार के अवसर मिल जाएंगे. साथ ही सचिव ने कहा कि जो लोग राशनकार्डे से वंचित हैं. उन्हें खाद्य और आपूर्त्ति विभाग की ओर से सर्वेक्षण करवाकर उन्हें एक माह के अंदर राशन कार्ड उपलब्ध करवाया जाएगा.

क्वारंटाइन सेंटर पर दी जा रही है सभी सुविधा
इस समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से जितने भी प्रवासी लोग आए हैं. उन सभी लोगों को 14 दिनों तक के लिए ग्रामीण स्तर पर क्वॉरेंटाइन किया गया है. नियत अवधि पूरा हो जाने के बाद उनकी स्क्रीनिंग करवाकर उन्हें घर जाने दिया जा रहा है. साथ ही उन्होंने बताया कि 5 मई को कोटा, त्रिचूर और नन्दुरवार सहित कई शहरों से ट्रेनों के माध्यम से प्रवासी छात्र और मजदूर आए हैं. उन सभी की स्क्रीनिंग करवाकर प्रखंड स्तरीय क्वॉरेंटाइन सेंटर पर रखा गया है. उन्हें सरकार के गाइडलाइन के अनुसार सभी सुविधाएं पहुंचाई जा रही है.

दरभंगा: बिहार सरकार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिले के क्वॉरेंटाइन सेंटरों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटरों में उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं की जानकारी लेकर कई दिशा-निर्देश दिए. साथ ही कहा कि जल्द ही स्वास्थय् विभाग की ओर से ट्रूनैट मशीन उपलब्ध करवाई जाएगी.

बता दें कि दीपक कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रवासी मजदूर मुसीबत के समय अपने-अपने घरों को लौटे हैं. इसी कारण से क्वॉरेंटाइन सेंटर पर उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. वहीं, ट्रूनैट मशीन के बारे में बताता हुए उन्होंने कहा कि इससे तेजी से कोरोना की जांच की जा सकती है. इसीलिए सभी जिलों में इसे उपलब्ध करवा दिया जाएगा.

प्रवासी मजदूरों के हुनर का किया जाएगा उपयोग

इसके अलावे मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा है कि हमारे राज्य के प्रवासी लोग काफी हुनरमंद है. इसीलिए इनके हुनर का उपयोग करते हुए स्थानीय स्तर पर ही छोटे-मोटे उद्योग धंधे शुरू कर इन हुनरमंद श्रमिकों की सेवा ली जाए. इससे इन मजदूरों को अपने गांव और आसपास में ही रोजगार के अवसर मिल जाएंगे. साथ ही सचिव ने कहा कि जो लोग राशनकार्डे से वंचित हैं. उन्हें खाद्य और आपूर्त्ति विभाग की ओर से सर्वेक्षण करवाकर उन्हें एक माह के अंदर राशन कार्ड उपलब्ध करवाया जाएगा.

क्वारंटाइन सेंटर पर दी जा रही है सभी सुविधा
इस समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से जितने भी प्रवासी लोग आए हैं. उन सभी लोगों को 14 दिनों तक के लिए ग्रामीण स्तर पर क्वॉरेंटाइन किया गया है. नियत अवधि पूरा हो जाने के बाद उनकी स्क्रीनिंग करवाकर उन्हें घर जाने दिया जा रहा है. साथ ही उन्होंने बताया कि 5 मई को कोटा, त्रिचूर और नन्दुरवार सहित कई शहरों से ट्रेनों के माध्यम से प्रवासी छात्र और मजदूर आए हैं. उन सभी की स्क्रीनिंग करवाकर प्रखंड स्तरीय क्वॉरेंटाइन सेंटर पर रखा गया है. उन्हें सरकार के गाइडलाइन के अनुसार सभी सुविधाएं पहुंचाई जा रही है.

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