दरभंगा: बिहार में छुट्टी रद्द करने को लेकर सियासत शुरू हो गई है. शिक्षक के विरोध के साथ साथ विपक्ष के नेता भी बिहार सरकार पर निशाना साध रहे हैं. बिहार विधान परिषद नेता प्रतिपक्ष हरि सहनी ने सरकार पर तुष्टीकरण और वोट की राजनीति करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बिहार में 60 प्रतिशत महिला शिक्षक है, फिर भी महिलाओं के त्योहर में छुट्टी कम की गई है.
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नीतीश सरकार पर हमलाः बिहार विधान परिषद के प्रतिपक्ष नेता हरि सहनी ने नीतीश सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जैसे ही छुट्टी रद्द करने की सूचना जनमानस में आयी, वैसे ही शिक्षकों के बीच काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है. जनमानस में इस बात का घोर विरोध हो रहा है. सरकार सिर्फ शिक्षक नहीं, समस्त हिंदू समाज की नारी समाज के धैर्य का परीक्षा ले रहे है.
"छुट्टी रद्द करने से शिक्षकों में कोलाहल है. जनमानस में इसका घोर विरोध हो रहा है. छुट्टी को रद्द कर सरकार ने सिर्फ शिक्षक ही नहीं बल्कि हिन्दू और नारी समाज के धैर्य का परीक्षा ले रही है. जितिया, तीज, छठ बिहार के घर की महिलाएं करती है. 60 प्रतिशत महिला शिक्षक है. फिर भी छुट्टी में कटौती की गई. पढ़ाई ही सरकार के नजर में है तो शिक्षक को अन्य काम में क्यों लगाया जाता है. सरकार तुष्टीकरण और वोट की राजनीति कर रही है." -हरि सहनी, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधान परिषद
सरकार पर कसा तंजः हरि सहनी ने तंज कसते हुए कहा कि सरकार दलील दे रही है कि पढ़ाई बाधित होगी. अगर पढ़ाई आपकी नजर में इतना महत्वपूर्ण है तो आप शिक्षक से पठन-पाठन कार्य के अलावा जो भी काम ले रहे हैं, उसे भी रद्द करें. सारे विद्यालयों में शिक्षकों की बहाली करें. उसके बाद अगर आप छुट्टी रद्द करते तो लोगों को लगता कि शायद आपका ध्यान शिक्षा की ओर गया है.
क्या है मामला? बता दें कि बिहार सरकार ने बिहार में सरकारी स्कूल की छुट्टियां रद्द करने का आदेश जारी किया है. इसके तहत इस साल लगभग 14 छुट्टियां रद्द रहेंगी और शिक्षकों को रक्षाबंधन, तीज, जिउतिया में भी जहां छुट्टी नहीं मिलेगी. दुर्गापूजा, छठ, दीपावली, भैया दूज, गुरु नानक जयंती, चित्रगुप्त पूजा जैसे त्योहारों में भी छुट्टियों में कटौती की गई है.