दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के बी.एड सत्र 2020-22 के छात्रों के स्वागत के लिए उन्मुखीकरण सह वर्ग आरंभ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह और प्रति कुलपति प्रो. डॉली सिन्हा ने छात्रों को संबोधित किया.
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छात्रों को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा यह कार्यक्रम छात्रों के स्वागत के लिए आयोजित किया गया है. उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय और यूजीसी ने मिलकर कुछ साल पहले ऋग्वेद में गुरुकुल की परंपरा से प्रेरणा लेते हुए इस परंपरा की शुरुआत की थी. सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि गुरुकुल में छात्रों के विद्यारंभ संस्कार के समय उन्हें सचेत किया जाता था. उन्होंने कहा कि जो भी छात्र आज यहां बैठे हैं. उन्हें सचेत हो जाना चाहिए और यही सचेतता उनके लिए शिक्षक बनने की पहली सीढ़ी होगी.
एक शिक्षक बनने की कोई सीमा नहीं होती है. शिक्षक को अपने विषय के अलावे कमोबेश हर विषय की जानकारी होनी जरूरी है. इसीलिए बीएड के पाठ्यक्रम में शिक्षा दर्शन शास्त्र और शिक्षा मनोविज्ञान जैसे विष्य को जोड़ा गया है. यह गर्व की बात है दुनिया के दो सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय नालंदा और विक्रमशिला बिहार में ही हुआ करते थे.- प्रति कुलपति प्रो. डॉली सिन्हा