दरभंगा: बेनीपुर अनुमंडल के तरौनी गांव स्थित जनकवि बाबा नागार्जुन के पुस्तकालय का ताला एसडीओ प्रदीप कुमार झा की पहल के बाद खुल गया है. जिससे ग्रामीणों के साथ-साथ बाहर से आने वाले लोग भी इसका लाभ ले सकेंगे. यह पुस्तकालय पिछले 5 सालों से बंद पड़ा था. दरअसल, इस पुस्तकालय का भवन 1993 ई में तत्कालीन डीएम अमित खरे ने बनवाया था जबकि इसका संचालन 2000 में शुरू हुआ था.
2014 से बंद पड़ा था पुस्तकालय
बेनीपुर अनुमंडल पदाधिकारी को पुस्तकालय का पदेन अध्यक्ष और प्रखंड विकास पदाधिकारी को सचिव बनाया गया था. इसके अलावा पुस्तकालय के संचालन के लिए ग्रामीणों ने एक कमेटी की गठन किया. जिसका अध्यक्ष नागार्जुन के छोटे पुत्र श्यामा कांत मिश्र को बनाया गया. साथ ही जिले के साहित्यकारों, बुद्धिजीवियों और पत्रकारों को इसके सदस्य के रूप में जोड़ा गया.
ग्रामीणों ने बताया कि कुछ वर्षों तक पुस्तकालय का संचालन सही तरीके से चलता रहा, लेकिन 2014 में गांव के आपसी राजनीति के चलते पुस्तकालय पर ताला लग गया.
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...ताकि नई पीढ़ी नागार्जुन को जान सके
एसडीओ प्रदीप कुमार झा ने कहा कि तरौनी गांव का चयन आदर्श गांव के रूप में विकसित करने के लिए किया गया है. सात निश्चय योजना के तहत यहां पिछले दो महीनों से लगातार काम हो रहा है. इसी क्रम में पता चला कि यहां एक पुस्तकालय भी है, जो की बंद पड़ा है. फिर इसे शुरू करने का निर्णय लिया गया. ताकि नई पीढ़ी भी पुस्तक से जुड़ें और नागार्जुन के बारे में जाने सके.