दरभंगा: जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन की अध्यक्षता में उनके कार्यालय प्रकोष्ठ में बच्चों की बहुचर्चित बीमारी एईएस से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सुझाव का व्यापक प्रचार-प्रसार करवाने को लेकर बैठक की गई. बैठक में सिविल सर्जन डॉ. संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि मुजफ्फरपुर जिला एवं उसके आसपास के जिलों में अप्रैल से बरसात प्रारंभ होने तक एईएस का प्रकोप रहता है. इस बीमारी के चपेट में जन्म से 6-7 साल के बच्चे आते हैं. जिला में अबतक एईएस का केस नहीं मिला है.
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जिला में अबतक एईएस का केस नहीं मिला है
'दरभंगा जिला में अभी तक एईएस का केस नहीं मिला है. साल 2018 में एक केस मुजफ्फरपुर में मिला था. जिनका पैतृक आवास दरभंगा जिला के जाले में हैं. ये अच्छी बात है कि दरभंगा जिले में इस बीमारी का प्रकोप नहीं रहा है. फिर भी एईएस बीमारी के प्रकोप से बच्चों को सुरक्षित रखने हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सुझाव का दरभंगा जिला में व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए.ओझा गुनी के चक्कर में नहीं आएं.' डॉ. संजीव कुमार सिन्हा, सिविल सर्जन
स्वास्थ्य विभाग की ओझा-गुनी के चक्कर में ना पड़ने की अपील
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सुझाव में बच्चों को रात में खाली पेट नहीं रखना, रात में कुछ मीठा भोजन अथवा गुलकोज पिलाना, अपने आवास के आसपास साफ-सफाई रखना और बच्चों की सफाई पर ध्यान देना शामिल है. साथ ही एईएस की चपेट में आने वाले बच्चों को खुली हवा में रखते हुए तुरंत अस्पताल ले जाना. इसके अलावा इस बीमारी से प्रचार प्रसार के लिए हैंड बिल, पोस्टर का प्रयोग करने का निर्देश दिए गए.
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बीमारी से बचने के लिए लोगों को जागरूक करने के निर्देश
बीमारी से बचने के लिए आंगनबाड़ी, सेविका, सहायिका, आशा, जीविका दीदी एवं महिला पर्यवेक्षिका एवं विद्यालय के माध्यम से घर-घर लोगों को जागरूक करवाने के निर्देश दिए गए... इसके लिए हैंड बिल, पोस्टर, दीवार लेखन एवं होर्डिंग्स फ्लेक्स का प्रयोग करने के निर्देश संबंधित विभागों को दिया गया.
बैठक में सिविल सर्जन संजीव कुमार सिन्हा, उप निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, डीपीएम जीविका, डीपीएम विशाल कुमार समेत कई अधिकारी शामिल थे.