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दरभंगा: स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर हड़ताल पर बैठे सहायक प्राध्यापक

टेक्विप प्रोजेक्ट के तहत दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में संविदा पर नियुक्त 34 सहायक प्राध्यापकों का कांट्रेक्ट 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है. इसलिए स्थाई करने या कांट्रेक्ट बढ़ाने की मांग को लेकर सभी जगहों पर शिक्षक हड़ताल पर चले गए हैं.

दरभंगा
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Published : Sep 8, 2020, 9:41 PM IST

दरभंगा: केंद्र सरकार के टेक्विप प्रोजेक्ट के तहत दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में संविदा पर नियुक्त 34 सहायक प्राध्यापक हड़ताल पर चले गए हैं. इसकी वजह से कॉलेज में पठन-पाठन बाधित हो गया है. बता दें कि हड़ताली शिक्षक स्थाई करने या कांट्रेक्ट बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं.

दरअसल टेक्विप प्रोजेक्ट के तहत दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में संविदा पर नियुक्त 34 सहायक प्राध्यापकों का कांट्रेक्ट 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है. बिहार के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में ऐसे 200 से ज्यादा सहायक प्राध्यापक हैं. जबकि देश भर में इनकी संख्या 1500 से ज्यादा है. सभी जगहों पर ऐसे शिक्षक हड़ताल पर चले गए हैं.

दरभंगा
प्रदर्शन करते सहायक प्राध्यापक

शिक्षकों की कमी हुई दूर
आंदोलनकारी सहायक प्राध्यापक डॉ. अमित कुमार ने बताया कि टेक्विप प्रोजेक्ट के तहत सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति के बाद कॉलेज में काफी हद तक शिक्षकों की कमी दूर हो गई थी. इससे ससमय छात्रों का सिलेबस पूरा हो जा रहा था. साथ ही बच्चों की बेहतर ट्रेनिंग मिल रही थी और उनका प्लेसमेंट भी हो रहा था. वहीं कॉलेज के विकास के लिए 10 करोड़ रुपये भी इस योजना के तहत मिले थे, जिससे यहां काफी विकास हुआ है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'छात्रों की पढ़ाई होगी बाधित'
डॉ. अमित कुमार ने आगे कहा कि राज्य सरकार को हमारा कांट्रेक्ट बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजना था. लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है. इसकी वजह से हम लोगों का भविष्य अधर में लटक गया है. उन्होंने कहा कि अगर हम लोगों का कांट्रेक्ट नहीं बढ़ाया गया तो कॉलेज में फिर शिक्षकों की कमी हो जाएगी. इससे छात्रों की पढ़ाई बाधित होगी.

दरभंगा: केंद्र सरकार के टेक्विप प्रोजेक्ट के तहत दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में संविदा पर नियुक्त 34 सहायक प्राध्यापक हड़ताल पर चले गए हैं. इसकी वजह से कॉलेज में पठन-पाठन बाधित हो गया है. बता दें कि हड़ताली शिक्षक स्थाई करने या कांट्रेक्ट बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं.

दरअसल टेक्विप प्रोजेक्ट के तहत दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में संविदा पर नियुक्त 34 सहायक प्राध्यापकों का कांट्रेक्ट 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है. बिहार के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में ऐसे 200 से ज्यादा सहायक प्राध्यापक हैं. जबकि देश भर में इनकी संख्या 1500 से ज्यादा है. सभी जगहों पर ऐसे शिक्षक हड़ताल पर चले गए हैं.

दरभंगा
प्रदर्शन करते सहायक प्राध्यापक

शिक्षकों की कमी हुई दूर
आंदोलनकारी सहायक प्राध्यापक डॉ. अमित कुमार ने बताया कि टेक्विप प्रोजेक्ट के तहत सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति के बाद कॉलेज में काफी हद तक शिक्षकों की कमी दूर हो गई थी. इससे ससमय छात्रों का सिलेबस पूरा हो जा रहा था. साथ ही बच्चों की बेहतर ट्रेनिंग मिल रही थी और उनका प्लेसमेंट भी हो रहा था. वहीं कॉलेज के विकास के लिए 10 करोड़ रुपये भी इस योजना के तहत मिले थे, जिससे यहां काफी विकास हुआ है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'छात्रों की पढ़ाई होगी बाधित'
डॉ. अमित कुमार ने आगे कहा कि राज्य सरकार को हमारा कांट्रेक्ट बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजना था. लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है. इसकी वजह से हम लोगों का भविष्य अधर में लटक गया है. उन्होंने कहा कि अगर हम लोगों का कांट्रेक्ट नहीं बढ़ाया गया तो कॉलेज में फिर शिक्षकों की कमी हो जाएगी. इससे छात्रों की पढ़ाई बाधित होगी.

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