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दरभंगा: मुस्लिम महिला को खून देकर हिंदू युवक ने बचाई जान, कायम की इंसानियत की मिसाल

पत्नी की जान बचने के बाद मो. अली ने रोशन और जीवन रक्षक टीम का आभार जताया. उसने कहा कि इंसानियत रोशन जैसे लोगों से ही जिंदा है.

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Published : Apr 18, 2020, 9:34 PM IST

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दरभंगा: जिले में एक युवक ने अपना खून देकर एक मुस्लिम महिला की जान बचाई. अलीनगर की एक गर्भवती मुस्लिम महिला शबाना को ये खून चढ़ाया गया, जिससे महिला की जान बच सकी.

रोशन नाम का युवक एक स्वयंसेवी संगठन जीवन रक्षक टीम से जुड़ा है, जो गरीब-बेसहारा लोगों को खून देकर उनकी जान बचाता है. सूचना मिलने पर लॉकडाउन के दौरान युवक पुलिस से आरजू-मिन्नत करते हुये डीएमसीएच के ब्लड बैंक पहुंचा और खून डोनेट किया, जिससे महिला की जान बची.

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जीवन रक्षक टीम

मिसकैरेज के बाद महिला को खून की जरूरत थी
संगठन को पता चला कि अलीनगर के मो. अली की गर्भवती पत्नी शबाना की मिसकैरेज की वजह से जान खतरे में पड़ गई है और उसकी जान बचाने के लिए तीन यूनिट खून की जरूरत है. मो. अली ने स्थानीय विधायक से लेकर कई जन प्रतिनिधियों और अपनी जान-पहचान के लोगों से मदद मांगी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से कोई उसकी मदद के लिए तैयार नहीं हुआ.

मो. अली ने टीम को धन्यवाद कहा
सूचना मिलने के बाद जीवन रक्षक टीम सक्रिय हुई और रोशन को रक्तदान की जिम्मेदारी दी गई. युवक ने रास्ते में पुलिस वालों से मजबूरी बताई और डीएमसीएच के ब्लड बैंक पहुंचकर रक्तदान किया. पत्नी की जान बचने के बाद मो. अली ने रोशन और जीवन रक्षक टीम का आभार जताया. उसने कहा कि इंसानियत रोशन जैसे लोगों से ही जिंदा है.

दरभंगा: जिले में एक युवक ने अपना खून देकर एक मुस्लिम महिला की जान बचाई. अलीनगर की एक गर्भवती मुस्लिम महिला शबाना को ये खून चढ़ाया गया, जिससे महिला की जान बच सकी.

रोशन नाम का युवक एक स्वयंसेवी संगठन जीवन रक्षक टीम से जुड़ा है, जो गरीब-बेसहारा लोगों को खून देकर उनकी जान बचाता है. सूचना मिलने पर लॉकडाउन के दौरान युवक पुलिस से आरजू-मिन्नत करते हुये डीएमसीएच के ब्लड बैंक पहुंचा और खून डोनेट किया, जिससे महिला की जान बची.

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जीवन रक्षक टीम

मिसकैरेज के बाद महिला को खून की जरूरत थी
संगठन को पता चला कि अलीनगर के मो. अली की गर्भवती पत्नी शबाना की मिसकैरेज की वजह से जान खतरे में पड़ गई है और उसकी जान बचाने के लिए तीन यूनिट खून की जरूरत है. मो. अली ने स्थानीय विधायक से लेकर कई जन प्रतिनिधियों और अपनी जान-पहचान के लोगों से मदद मांगी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से कोई उसकी मदद के लिए तैयार नहीं हुआ.

मो. अली ने टीम को धन्यवाद कहा
सूचना मिलने के बाद जीवन रक्षक टीम सक्रिय हुई और रोशन को रक्तदान की जिम्मेदारी दी गई. युवक ने रास्ते में पुलिस वालों से मजबूरी बताई और डीएमसीएच के ब्लड बैंक पहुंचकर रक्तदान किया. पत्नी की जान बचने के बाद मो. अली ने रोशन और जीवन रक्षक टीम का आभार जताया. उसने कहा कि इंसानियत रोशन जैसे लोगों से ही जिंदा है.

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